उधर, स्कूल बैग लेकर निकले किशोर जब शाम तक अपने-अपने घर नहीं पहुंचे तो परिजनों में हड़कम्प मच गया। अपने स्तर पर तलाशने के बाद हताश हुए परिजनों ने कौशाम्बी पुलिस व जीआरपी का सहारा लिया।
हर ट्रेन की सघन जांच लड़कों के गायब होने का मैसेज मिलने के बाद अलर्ट हुई जीआरपी ने इलाहाबाद की ओर से आने वाली हर ट्रेन की सघन जांच की, लेकिन कोई पता नहीं चला। बाद में कामायनी की सर्चिंग के दौरान तीनों लड़के जीआरपी को मिल गए। शुक्रवार को तीनों को एक लड़के के पिता को सौंप दिया गया।
जीआरपी को मिल रहे हर माह १० बच्चे
सूत्रों ने बताया कि विभिन्न कारणों से घर से भागे व गुमशुदा बच्चों की तलाश कर परिजनों को सुपुर्द करने के मामले में सतना जीआरपी जबलपुर सेक्शन में सबसे आगे है। हर माह तकरीबन १० बच्चों को जीआरपी चौकी सतना द्वारा तलाश कर परिजन या चाइल्ड लाइन के हवाले किया जा रहा है। बताया गया कि इस वर्ष १ जनवरी से १० अगस्त तक ६८ बच्चे जीआरपी द्वारा टे्रन व स्टेशन पर तलाशे गए।
सूत्रों ने बताया कि विभिन्न कारणों से घर से भागे व गुमशुदा बच्चों की तलाश कर परिजनों को सुपुर्द करने के मामले में सतना जीआरपी जबलपुर सेक्शन में सबसे आगे है। हर माह तकरीबन १० बच्चों को जीआरपी चौकी सतना द्वारा तलाश कर परिजन या चाइल्ड लाइन के हवाले किया जा रहा है। बताया गया कि इस वर्ष १ जनवरी से १० अगस्त तक ६८ बच्चे जीआरपी द्वारा टे्रन व स्टेशन पर तलाशे गए।
परिजनों को किए गए सुपुर्द
जीआरपी ने पकड़े गए किशोरों को शुक्रवार को परिजनों को सौंपा। विपिन कुमार १३ वर्ष निवासी महमूद नगर को पिता राजेश केशरवानी को सौंपा। विपिन के साथ उसका चचेरा भाई शुभम केशरवानी १५ वर्ष किशोर ऋषभ कश्यम १४ वर्ष को भी राजेश केशरवानी को सौंपा गया। ये तीनों कौशाम्बी की एक ही कोचिंग में पढ़ते हैं।
जीआरपी ने पकड़े गए किशोरों को शुक्रवार को परिजनों को सौंपा। विपिन कुमार १३ वर्ष निवासी महमूद नगर को पिता राजेश केशरवानी को सौंपा। विपिन के साथ उसका चचेरा भाई शुभम केशरवानी १५ वर्ष किशोर ऋषभ कश्यम १४ वर्ष को भी राजेश केशरवानी को सौंपा गया। ये तीनों कौशाम्बी की एक ही कोचिंग में पढ़ते हैं।
टिकट भी हो गई थी कन्फर्म
जीआरपी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार को वाराणसी से चलकर लोकमान्य तिलक टर्मिनल मुम्बई जाने वाली ११०७२ कामायनी एक्सप्रेस में सतना-मैहर के बीच गुरुवार रात करीब साढ़े ११ बजे तीनों लड़कों को स्लीपर बर्थ पर पकड़ा गया। लड़कों ने जीआरपी को बताया कि वे कौशाम्बी से इलाहाबाद बस के जरिए पहुंचे।
जीआरपी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार को वाराणसी से चलकर लोकमान्य तिलक टर्मिनल मुम्बई जाने वाली ११०७२ कामायनी एक्सप्रेस में सतना-मैहर के बीच गुरुवार रात करीब साढ़े ११ बजे तीनों लड़कों को स्लीपर बर्थ पर पकड़ा गया। लड़कों ने जीआरपी को बताया कि वे कौशाम्बी से इलाहाबाद बस के जरिए पहुंचे।
टीटीई से टिकट कंफर्म करा लिया वहां दो घंटे बैठने के बाद जनरल का टिकट लेकर कामायनी में चढ़ गए। कुछ दिन मुम्बई घूमने के बाद वे अपने-अपने घर लौट जाते। बताया गया कि इलाहाबाद के बाद लड़कों ने टीटीई से टिकट कंफर्म करा लिया और अपनी बर्थ पर सो गए। तीनों को जब तलाशा गया तो वे सोते हुए मिले थे।