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सतना-इटारसी पैसेंजर सहित दो ट्रेनों को बंद करने की फिराक में रेलवे, इन स्टेशन के यात्रियों को होगी मुसीबत

locationसतनाPublished: Jul 16, 2018 11:22:55 am

Submitted by:

suresh mishra

सतना से धोखा: जबलपुर मंडल ने रेलबोर्ड को लिखा पत्र, विगत एक साल से ट्रैक मरम्मत के नाम पर बंद है ट्रेन

satna itarsi train Railway trying to close

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सतना। जबलपुर मंडल सतना को एक बड़ा झटका देने की तैयारी कर चुका है। मंडल के एक निर्णय से सतना, कटनी, जबलपुर सहित अन्य छोटे स्टेशनों के यात्रियों को मुसीबत होने वाली है। मंडल सतना-इटारसी पैसेंजर सहित दो ट्रेनों को स्थाई रूप से बंद करने की तैयारी कर चुका है।
इस संबंध में रेल बोर्ड को मंडल ने पत्र भी लिखा है। संंबंधित जिलों में विरोध न हो, इसलिए ट्रेनों को ट्रैक मरम्मत के नाम पर सालभर से बंद रखा गया है। अब स्थाई रूप से बंद करने गुपचुप पत्र लिख दिया गया है। हालांकि रेल बोर्ड ने बंद करने को लेकर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है।
ये है मामला
बताया गया, जबलपुर-इंदौर इंटरसिटी एक्सप्रेस और सतना-इटारसी पैसेंजर विगत एक साल से अस्थाई रूप से बंद है। इन ट्रेनों को बंद करने का मुखर विरोध न हो, इसके लिए जबलपुर मंडल अस्थाई तौर पर बंद करने का जुमला अलाप रहा है। दूसरी ओर रेलवे बोर्ड को उक्त दोनों ट्रेनों को हमेशा के लिए बंद करने के लिए पत्र लिखा चुका है। इसके लिए तर्क दिया गया कि इन ट्रेनों के बंद होने से मालगाडिय़ों के लिए पाथ उपलब्ध रहेगा। पत्र जबलपुर की ओर से सीपीटीएम ने लिखा है। रेल बोर्ड ने पत्र पर कोई निर्णय नहीं लेते हुए फिलहाल अस्थाई तौर पर बंद करने को कहा है।
इस बार किया खेल
पिछले एक साल से रेल प्रशासन ट्रैक मेंटीनेंस के नाम पर गाड़ी संख्या सतना-इटारसी पैसेंजर व जबलपुर-इंदौर इंटरसिटी ट्रेन को रद्द करता आ रहा है। इन दोनों ट्रेनों को हर माह रद्द करने की सूचना पमरे प्रशासन अपनी विज्ञप्ति के माध्यम से देता रहा है। किंतु इस बार गत 10 जुलाई को पमरे प्रशासन द्वारा जारी विज्ञप्ति में इन गाडिय़ों को अगले आदेश तक रद्द करने का उल्लेख है। यह अगला आदेश लगातार लंबा खिंचता रहेगा।
2 जुलाई को लिखा पत्र
सीपीटीएम ने 2 जुलाई 2018 को रेलवे बोर्ड को पत्र लिखकर दोनों ट्रेनों को स्थाई रूप से बंद करने को कहा है। तर्क दिया कि इन ट्रेनों के बंद करने से मालगाडिय़ों के संचालन के लिए पाथ मिलने में मदद मिलेगी।
रेलवे बोर्ड का जवाब
रेलवे बोर्ड ने 9 जुलाई 2018 को पमरे के सीपीटीएम के पत्र के जवाब में कहा कि पमरे के सीपीटीएम द्वारा लिखे गए पत्र का मेम्बर ट्रैफिक ने अध्ययन किया। उसके बाद निर्णय लिया है कि फिलहाल उक्त ट्रेनों को मेंटीनेंस के नाम पर अस्थाई तौर पर बंद रखा जाए।
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