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जिस मर्डर केस में पुलिस ने लगा दिया था खात्मा, उसी मामले में मां के कहने पर कोर्ट ने दी आजीवन कारावास की सजा

locationसतनाPublished: Sep 01, 2019 04:41:16 pm

Submitted by:

suresh mishra

न्यायालय ने ढाई-ढाई लाख रुपए जुर्माना भी लगाया, पांच लाख रुपए मां को भी देने के आदेश

Satna khatma report: Life imprisonment punishment in satna Murder case

Satna khatma report: Life imprisonment punishment in satna Murder case

सतना। अपने बेटे के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए मां को कड़ा संघर्ष करना पड़ा। मामले में जब पुलिस ने खात्मा लगाया तो वह एसपी के पास गई, वहां भी सुनवाई नहीं होने पर जेएमएफसी कोर्ट नागौद में परिवाद दायर कर दिया। कोर्ट ने जांच के बाद तीन आरोपियों के खिलाफ भादंवि की धारा 302, 120 बी, 201 के तहत अपराध का संज्ञान लिया। विचारण के लिए अंतरण पर मामला एडीजे कोर्ट नागौद दिनेश कुमार शर्मा को प्राप्त हुआ।
एडीजे कोर्ट ने हत्या करने वाले जूता दुकान संचालक और दो अन्य अभियुक्तों को दोहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। तीनों अभियुक्तों पर ढाई-ढाई लाख का जुर्माना भी लगाया गया। कोर्ट ने जुर्माने की राशि का भुगतान होने पर पांच लाख रुपए मृतक की मां को देने के आदेश दिए। अभियोजन की ओर से एजीपी राजेश कुमार मिश्रा ने कोर्ट में पैरवी की।
एजीपी राजेश कुमार मिश्रा ने बताया कि राकेश चौधरी आरोपी राजा उर्फ राजेश सिंधी का कर्मचारी था। दो अन्य आरोपी पुष्पेंद्र और महफूज भी राकेश के साथ काम करते थे। आरोपी राजा अपने कर्मचारी राकेश का छह माह से वेतन का छह हजार रुपए नहीं दे रहा था। वेतन को लेकर राकेश और उसकी मां राधा आरोपी राजा से कई बार मिल चुके थे।
इस पर आरोपी ने दोनों को धमकी भी दी। आरोपी पुष्पेंद्र 26 सितंबर 02 की शाम 6 बजे परिवादी के घर पहुंचा। कहा, राकेश को उसका वेतन देने के लिए राजा ने बुलाया है। इसके बाद वह राकेश को साथ लेकर चला गया। इसके बाद राकेश वापस नहीं लौटा। जब आरोपी राजा से घरवालों ने इसकी पूछताछ की तो वह बार-बार भेजने की बात कहता रहा।
कुएं में मिली थी लाश
इसी बीच 28 सितंबर को सुबह 9 बजे राकेश की लाश बड़कोनिया मंदिर के पास कुएं मिली। नागौद थाना पुलिस ने मौके पर पहुंच मर्ग कायम किया। राकेश की खोपड़ी और कान के पीछे, सिर के अन्य भाग और गर्दन में धारदार हथियार से चोट के निशान मिले। रिपोर्ट में मस्तिष्क में चोट लगने से मौत होना बताया गया। जिस कुएं के पास राकेश की लाश मिली उसके पास आरोपी राजा का गोदाम और सामने दुकान है। पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। कुछ दिन बाद हत्याकांड में खात्मा लगा दिया। मां राधा ने एसपी सहित अन्य पुलिस अधिकारियों से आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने शिकायत दर्ज कराई। लेकिन मां के दर्द को किसी ने नहीं समझा, उसकी शिकायत को दरकिनार कर दिया गया।
न्यायालय में तीनों आरोपियों का जुर्म साबित
विचारण के दौरान काका -बूट हाउस बस स्टेण्ड नागौद के संचालक राजा उर्फ राजेश सिंधी, पुष्पेंद्र और महफूज निवासी गोपाल टोला नागौद के खिलाफ जुर्म प्रमाणित होना पाया गया। कोर्ट ने तीनों अभियुक्तों को भादवि की धारा 302 के तहत आजीवन करावास, धारा 120 बी के तहत आजीवन कारावास, धारा 201 के तहत 7 वर्ष का सश्रम कारावास सहित ढाई-ढाई लाख रुपए का जुर्माना लगाया। मां को पांच लाख रुपए देने के आदेश दिए। यह भी कहा कि अपील होने की दशा में अपील न्यायालय के अदेशानुसार राशि देय होगी।
मां ने जेएमएफसी कोर्ट में दाखिल किया परिवाद
एसपी सहित अन्य पुलिस अधिकारियों की अनसुनी के बाद मां ने कलेजे के टुकड़े के हत्यारों को सजा दिलाने की ठानी। उसने जेएमएफसी कोर्ट नागौद में परिवाद दायर किया। कोर्ट ने जांच के बाद तीनों आरोपियों के खिलाफ भादंवि की धारा 302, 120 बी, 201 के तहत अपराध का संज्ञान लिया। कोर्ट ने मां को पांच लाख रुपए देने के आदेश हैं।
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