बहन के सामने घटना
अपहृत भाइयों की चचेरी बहन नंदिनी वारदात की प्रत्यक्षदर्शी है। उसके सामने से अपहरणकर्ता दोनों को बस से उठा ले गए। नंदिनी बताती है कि एक आदमी पिस्टल लेकर आया और गाली देकर चुप रहने को कहा। वह भाई के पीछे वाली सीट पर बैठी थी। अपहरणकर्ता आया और दोनों भाई को सीट से उठाकर ले गया। उनके बस्ते सीट पर ही रखे रहे, जिसे वह लेकर घर पहुंची।
अपहृत भाइयों की चचेरी बहन नंदिनी वारदात की प्रत्यक्षदर्शी है। उसके सामने से अपहरणकर्ता दोनों को बस से उठा ले गए। नंदिनी बताती है कि एक आदमी पिस्टल लेकर आया और गाली देकर चुप रहने को कहा। वह भाई के पीछे वाली सीट पर बैठी थी। अपहरणकर्ता आया और दोनों भाई को सीट से उठाकर ले गया। उनके बस्ते सीट पर ही रखे रहे, जिसे वह लेकर घर पहुंची।
परिजन बेहाल
अपहरण से परिजनों के हाल बेहाल हंै। परिजनों के चेहरे रो-रोकर सूज गए हैं। यूपी के चित्रकूट जिले में प्रियांश और श्रेयांस की मां बबिता और पिता ब्रजेश के आंसू सूख से गए हैं। अपहृत बच्चों के दो बड़े भाई देवांश और शिवांश घर के कोने में चुपचाप बैठे नजर आते हैं।
अपहरण से परिजनों के हाल बेहाल हंै। परिजनों के चेहरे रो-रोकर सूज गए हैं। यूपी के चित्रकूट जिले में प्रियांश और श्रेयांस की मां बबिता और पिता ब्रजेश के आंसू सूख से गए हैं। अपहृत बच्चों के दो बड़े भाई देवांश और शिवांश घर के कोने में चुपचाप बैठे नजर आते हैं।