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अपहरण के तीसरे दिन भी नहीं मिले अपहृता, प्रियांश और श्रेयांश रावत की राह तक रहा रामघाट

locationसतनाPublished: Feb 14, 2019 04:31:28 am

चित्रकूट से एलकेजी के बच्चों के अपहरण के पचास घंटे बाद भी पुलिस को नहीं मिला सुराग

satna kidnap 3rd Day Latest News : Chitrakoot LKG Children News

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सतना. चित्रकूट के सद्गुरु पब्लिक स्कूल से अपहृत दोनों जुड़वां भाई प्रियांश और श्रेयांश को बदमाशों के चंगुल से मुक्त कराने के लिए सतना पुलिस ने पूरी ताकत झोंक दी है। कस्बे से लेकर जंगल तक लगातार सर्चिंग जारी है। बच्चों को तलाशने के लिए 26 टीमें बनाई गई हैं। इनमें 14 टीम मध्यप्रदेश और 12 टीमें उत्तरप्रदेश की हैं। इनमें 500 पुलिसकर्मियों को मैदान में उतारा गया है। दो आइजी, एसपी सतना और एसपी कर्वी के साथ 20 थाना प्रभारी मोर्चा संभाले हुए हैं। 500 पुलिसकर्मियों को मैदान में उतारा गया है। हर इनपुट को गंभीरता के साथ खंगाला जा रहा है। दो आइजी ने चित्रकूट में मोर्चा संभाल लिया है। आइजी उमेश जोगा और चंचल शेखर के साथ-साथ दस्यु उन्मूलन एक्सपर्ट माने जाने वाले रीवा के पूर्व आइजी गाजीराम (वर्तमान एडीजी जेल) भी स्थानीय पुलिस को गाइड कर रहे हंै। इसके बाद भी वारदात के 50 घंटे बाद भी बच्चों के नहीं मिलने से परिजनों की चिंता बढ़ती जा रही। रामघाट स्थित ब्रजेश रावत के घर उनके परिचितों का मजमा लगा हुआ है। बच्चों के परिजन अभिषेक रावत और प्रेम रावत ने पत्रिका से बातचीत में कहा कि परिवार में सभी को बच्चों की चिंता है। पांच साल के बच्चे दो दिन से घर से दूर हैं। सभी की चिंता है कि बच्चे सुरक्षित उन तक पहुंच जाएं। घर के बाद बैठे लोगों ने अपहरण में व्यावसायिक रंजिश का अंदेशा जताया।
एसपी सतोष सिंह गौर के मुताबिक, बच्चों के अपहरण को गंभीरता से लिया जा रहा है। एसएएफ व उप्र एसटीएफ को भी जंगल की सर्चिंग में लगाया गया है। जबकि जबलपुर से मप्र एसटीएफ की टीम भी पहुंच चुकी है। उधर, रात के वक्त आइजी चंचल शेखर भी पीडि़त परिवार से मिलने पहुंचे।
बहन के सामने घटना
अपहृत भाइयों की चचेरी बहन नंदिनी वारदात की प्रत्यक्षदर्शी है। उसके सामने से अपहरणकर्ता दोनों को बस से उठा ले गए। नंदिनी बताती है कि एक आदमी पिस्टल लेकर आया और गाली देकर चुप रहने को कहा। वह भाई के पीछे वाली सीट पर बैठी थी। अपहरणकर्ता आया और दोनों भाई को सीट से उठाकर ले गया। उनके बस्ते सीट पर ही रखे रहे, जिसे वह लेकर घर पहुंची।
परिजन बेहाल
अपहरण से परिजनों के हाल बेहाल हंै। परिजनों के चेहरे रो-रोकर सूज गए हैं। यूपी के चित्रकूट जिले में प्रियांश और श्रेयांस की मां बबिता और पिता ब्रजेश के आंसू सूख से गए हैं। अपहृत बच्चों के दो बड़े भाई देवांश और शिवांश घर के कोने में चुपचाप बैठे नजर आते हैं।
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