सतना पर स्थापित करने का निर्णय यह पत्र अतिरिक्त सचिव भारत सरकार को संबोधित है। उसमें साफ तौर पर लिखा गया है कि दमोह, खजुराहो व सतना लोकसभा सीट के बीच मेडिकल कॉलेज स्वीकृति के संबंध में अद्र्धशासकीय पत्र जारी किया गया था। पत्र 1 फरवरी को जारी हुआ था, जिसके अनुसार राज्य सरकार ने इस संबंध में एमओयू पहले ही भेज दिया है। साथ ही राज्य शासन ने नवीन चिकित्सा महाविद्यालय सतना जिला मुख्यालय पर स्थापित करने का निर्णय लिया है।
15.682 हेक्टेयर जमीन भी सुरक्षित इसके लिए नगर निगम सीमा में 15.682 हेक्टेयर जमीन भी सुरक्षित की जा चुकी है। इसमें महाविद्यालय व परिसर को विकसित किया जाएगा। इस पत्र के साथ ही माना जा रहा कि राज्य सरकार ने अपनी ओर से सतना में मेडिकल कॉलेज खोले जाने को हरी झंडी दे दी है। अब गेंद केंद्र सरकार के पाले में है। अंतिम मुहर के रूप में केंद्र की स्वीकृति मिलनी शेष है। उसके बाद सतना में मेडिकल कॉलेज खोले जाने की कवायद शुरू हो जाएगी।
सतना में मेडिकल कॉलेज खोले जाने की मांग करीब 20 साल से चल रही है। स्थिति को समझते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी दूसरी पंचवर्षीय में ही सतना में मेडिकल कॉलेज खोले जाने की घोषणा कर दी थी। इसके अलावा विधायक व सांसद ने भी चुनावी दौर में घोषणाएं की हैं। लेकिन, विगत 4 साल से यह मुद्दा जोर पकडऩे लगा। आरटीआइ कार्यकर्ता राजीव खरे व युवक कांग्रेस ने अलग-अलग हस्ताक्षर अभियान चलाए।
हर दुकान पर पोस्टर-बैनर लगाए
उसके बाद विभिन्न मंचों पर मामला उठा। उसके बाद सर्वदलीय मंच के तहत बड़े पैमाने पर लोग एकत्रित हुए। शहर की हर दुकान पर पोस्टर-बैनर लगाए गए। विंध्य चेंबर ऑफ कामर्स के नेतृत्व में संघर्ष करने का निर्णय हुआ। उसके बाद सांसद गणेश सिंह की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया। उसके बाद प्रस्ताव को केंद्र सरकार के पास भेज दिया गया।
उसके बाद विभिन्न मंचों पर मामला उठा। उसके बाद सर्वदलीय मंच के तहत बड़े पैमाने पर लोग एकत्रित हुए। शहर की हर दुकान पर पोस्टर-बैनर लगाए गए। विंध्य चेंबर ऑफ कामर्स के नेतृत्व में संघर्ष करने का निर्णय हुआ। उसके बाद सांसद गणेश सिंह की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया। उसके बाद प्रस्ताव को केंद्र सरकार के पास भेज दिया गया।
पत्र में उल्लेख
सतना में मेडिकल कॉलेज खोले जाने की अनुशंसा करने के साथ ही राज्य सरकार ने डीपीआर बनाने का काम शुरू कर दिया है। केंद्र सरकार को भेजे गए पत्र में साफ तौर पर इसका जिक्र किया गया है। पत्र में लिखा गया है कि निर्धारित मापदंड के आधार पर चयनित भूमि के लिए डीपीआर तैयार करने का काम शुरू कर दिया गया है। इसमें महाविद्यालय व परिसर विकास को शामिल किया गया है।
सतना में मेडिकल कॉलेज खोले जाने की अनुशंसा करने के साथ ही राज्य सरकार ने डीपीआर बनाने का काम शुरू कर दिया है। केंद्र सरकार को भेजे गए पत्र में साफ तौर पर इसका जिक्र किया गया है। पत्र में लिखा गया है कि निर्धारित मापदंड के आधार पर चयनित भूमि के लिए डीपीआर तैयार करने का काम शुरू कर दिया गया है। इसमें महाविद्यालय व परिसर विकास को शामिल किया गया है।
अस्पताल भी
केंद्र सरकार को भेजे गए पत्र में जिला अस्पताल का जिक्र किया गया है। बताया गया है कि मेडिकल कॉलेज के लिए चिह्नित जमीन से जिला अस्पताल की दूरी करीब 4 किमी है। ये अस्पताल 400 बेड का है। इस जानकारी के साथ स्पष्ट किया गया है कि सतना जिले में कोई भी मेडिकल कॉलेज स्वीकृत नहीं है। ऐसे में मरीजों को रीवा या फिर जबलपुर की ओर रुख करना पड़ता है।
केंद्र सरकार को भेजे गए पत्र में जिला अस्पताल का जिक्र किया गया है। बताया गया है कि मेडिकल कॉलेज के लिए चिह्नित जमीन से जिला अस्पताल की दूरी करीब 4 किमी है। ये अस्पताल 400 बेड का है। इस जानकारी के साथ स्पष्ट किया गया है कि सतना जिले में कोई भी मेडिकल कॉलेज स्वीकृत नहीं है। ऐसे में मरीजों को रीवा या फिर जबलपुर की ओर रुख करना पड़ता है।