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मेडिकल कॉलेज: अवैध कब्जा हटाने के लिए सामाजिक संगठनों ने उठाई आवाज, जनप्रतिनिधि मौन

locationसतनाPublished: Nov 20, 2019 04:13:00 pm

Submitted by:

suresh mishra

– मेडिकल कॉलेज: अतिक्रमण में फंसा मेडिकल कॉलेज का ले आउट- आमजन, सामाजिक संगठन, छात्र संगठनों ने आवंटित जमीन से अतिक्रमण हटाने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन- अवैध रूप से स्वीकृत कर दी पीएम आवास की राशि

Satna Medical college: Layout implicated in Encroachment

Satna Medical college: Layout implicated in Encroachment

सतना/ मेडिकल कॉलेज के लिए आवंटित जमीन से अवैध निर्माण हटाने की बजाय उसे संरक्षित करने के निर्देश से निर्माण कार्य अधर में लटक गया है। आरक्षित जमीन के जिस हिस्से में मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग प्रस्तावित है उस जमीन पर दो दर्जन से अधिक कच्चे-पक्के अवैध निर्माण हैं। सीमांकन के चार दिन बाद भी उन्हें हटाने की कार्रवाई शुरू नहीं की गई। वर्क आर्डर जारी होने के बाद भी जमीन अतिक्रमणमुक्त न होने के कारण निर्माण कंपनी ले आउट तक नहीं कर पा रही।
अधिकारियों की हीलाहवाली में फंसे मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य चालू कराने के लिए जिले के जनप्रतिनिधि आगे नहीं आ रहे। मेडिकल कॉलेज की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराकर निर्माण कार्य चालू कराने एक बार फिर जनता ने आवाज उठाना शुरू कर दिया है। मंगलवार को मेडिकल कॉलेज संघर्ष समिति के पदाधिकारियों के अलावा कई सामाजिक संगठन एवं छात्र-छात्राओं ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए मेडिकल कॉलेज को आवंटित जमीन से अतिक्रमण हटाने एवं अतिशीघ्र निर्माण कार्य चालू कराने की मांग की है।
निगम इंजीनियरों का खेल
मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्य में रोड़ा बने पीएम आवासों का आवंटन निगम इंजीनियरों द्वारा अवैध रूप से किया गया था। पीएम आवास प्रभारी ने बिना जमीन का अधिकार पत्र लिए मेडिकल कॉलेज को आंवटित जमीन पर अवैध रूप से रह रहे अपात्र परिवारों को पीएम आवास की राशि स्वीकृति कर दी। इसकी पोल खुलने के बाद अब जिला प्रशासन अपात्रों को पीएम आवास की राशि स्वीकृत करने वाले इंजीनियरों पर कार्रवाई करने की बजाय सरकारी राशि की क्षति की आड़ में कॉलेज की जमीन पर अवैध अतिक्रमण को संरक्षण दे रहा है। पीएम आवास की पात्रता ऐसे हितग्राहियों को है जिनके पास स्वयं की जमीन हो या सरकार द्वारा दी गई जमीन का अधिकार पत्र हो। बिना अधिकार पत्र के किसी भी हितग्राही को पीएम आवास की राशि जारी नहीं की जा सकती, लेकिन निगम के अधिकारियों ने मेडिकल कॉलेज की जमीन पर बसे परिवारों के साथ साठगांठ कर आवास स्वीकृति के नियम कायदों को ठेंगा दिखाते हुए 14 अपात्र परिवारों को उनके द्वारा जमा किए गए समेकित कर की रसीद को पट्टा मानते हुए मेडिकल की जमीन पर पीएम आवास तनवा दिए।
संघर्ष समिति ने पूछा-निर्माण में देरी क्यों
जिले को मेडिकल कॉलेज की सौगात दिलाने के लिए गठित की गई मेडिकल कॉलेज संघर्ष समिति के पदाधिकारी कॉलेज की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने में की जा रही हीलाहवाली से निराश हंै। मंगलवार को समिति के पदाधिकारी कलेक्ट्रेट पहुंचे और अधिकारियों से मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्य में की जा रही लेटलतीफी का कारण पूछा। इस पर गोलमोल जवाब देते हुए एडीएम ने बताया कि मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य शुरू है। सीमांकन हो चुका है, अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई जल्द की जाएगी। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपते हुए कॉलेज की आरक्षित जमीन से सभी अतिक्रमण हटाने तथा निर्माण कार्य चालू कराने की मांग की। ज्ञापन सौंपने वालों में संघर्ष समिति के सचिव राजीव कुमार खरे, हरिप्रकाश गोस्वामी, अरुण भारतीय, दीपक बधौलिया, योगेश शर्मा, विजय देवसेना, संजीव मिश्रा सहित सभी पदाधिकारी शामिल रहे।
एनएसयूआई: जनभावनाओं से न खेले
एनएसयूआई जिला कमेटी सतना के पदाधिकारियों ने मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्य शुरू कराने में की जा रही लेटलतीफी को अफसरों की नाकामी बताया है। संभागीय समन्वयक व छात्र नेता गौरव सिंह परिहार ने कहा कि प्रशासन ने पहले जमीन का बिना भौतिक सत्यापन कराए टेंडर जारी कर दिया। अब वर्क आर्डर जारी होने के बाद राजनीतिक दबाव में अतिक्रमण हटाने की बाजाय मेडिकल कॉलेज की डिजाइन बदलने में जुट गए हैं। कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा। साथ ही चेतावनी दी कि मेडिकल कालेज की जमीन से अवैध निर्माण नहीं हटे तो वे इसके विरोध में सड़क पर उतर कर आंदोलन करेंगे। ज्ञापन सौंपने वालों में अंजनी यादव, अभिषेक तिवारी, सोनेन्द्र द्विवेदी, सौरभ, सदीप वर्मा, जनमेजय सिंह, भागवत द्विवेदी, विजय सिंह, मयूर, लकी विश्वकर्मा, अभिलाष, मानवेन्द्र सिंह, लिटिल, संजीव उर्मलिया, अजय, सुमित बागरी सहित सभी पदाधिकारी शामिल रहे।
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