दरअसल, घोषणा के बाद शैक्षणिक सत्र आरंभ करने के लिए एमसीआइ से मान्यता लेना अनिवार्य है। इसके पहले जिला प्रशासन के सामने मान्यता की आवश्यक शर्तों से गुजरना होगा। मानव संसाधन, फैकल्टी, इंफ्रास्ट्रक्चर सहित अन्य सुविधाएं जुटानी होंगी। सुविधाओं का जायजा लेने एमसीआइ अपनी टीम निरीक्षण के लिए सतना भेजेगी। निर्धारित मापदंडों पर खरा उतरने पर मान्यता के लिए हरी झंडी देगी। तब मेडिकल कॉलेज की कक्षाएं आरंभ हो पाएंगी।
ये सुविधाएं मौजूद 1. चिकित्सा सुविधाएं: मेडिकल कॉलेज की तर्ज पर जिला अस्पताल में पीडि़तों को विभागवार चिकित्सा (मेडिकल, शल्य क्रिया, शिशु रोग नेत्र रोगा, स्त्री रोग, निश्चेतना, नाक कान गला, अस्थिरोग, क्षय रोग, कुष्ठ रोग, असंचारी रोग, वृद्धजन क्लीनिक, क्षेत्रीय जांच केंद्र, डायलिसिस, सीटी स्कैन, स्पीच थेरिपी, कीमोथेरपी, ब्लड सेपरेशन यूनिट सहित अन्य) सुविधा उपलब्ध कराई जा रही हैं।
2. इंफ्रास्ट्रक्चर: मेडिकल कॉलेज की कक्षाएं सीएमएचओ दफ्तर परिसर में जीएनएम ( दो मंजिला) भवन में आरंभ की जा सकती हैं। वहां पर लेक्चर हॉल, लायबे्ररी, प्रयोगशाला सहित अन्य सुविधाएं मौजूद हैं। 3. फैकल्टी: मेडिकल कॉलेज की कक्षाएं आरंभ करने के लिए सबसे बड़ी जरूरत सीट संख्या के आधार पर फैकल्टी होना है। सरकार द्वारा शीघ्र भर्ती कर इस कमी को भी पूरा किया जा सकता है।
4. मानव संसाधन: यहां जीएनएम कॉलेज पहले से ही संचालित है। नर्सिंग स्टाफ भी पर्याप्त संख्या में उपलब्ध है। जिला चिकित्सालय में दो दर्जन से अधिक विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ चिकित्सक पदस्थ हैं। तीन दर्जन मेडिकल ऑफिसर, प्रशासकीय अधिकारी, शल्य चिकित्सक, आयुष चिकित्सक भी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
कलेक्टर ने मांगी जानकारी
कलेक्टर मुकेश शुक्ला ने सीएमएचओ डॉ डीएन गौतम और सीएस डॉ. एसबी सिंह बघेल से मेडिकल कॉलेज की कक्षाएं आरंभ करने वर्तमान में मौजूद प्रारंभिक सुविधाओं की जानकारी मांगी है। इसमें बिल्डिंग, मानव संसाधन सहित अन्य जानकारी शामिल है।
कक्षाएं आरंभ करने प्रारंभिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। एमसीआइ से मान्यता के लिए संचालक चिकित्सा शिक्षा भोपाल से पत्राचार किया जाएगा।
मुकेश शुक्ला, कलेक्टर