471 नंबर प्लाट
श्री शारदा पॉली टैक्नो प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बाबूपुर में 471 नंबर प्लाट पर स्थापित है। जबकि खनिज विभाग से आरटीआई के तहत मिली जानकारी अनुसार इस नंबर की आराजी सेल के नाम पर माइनिंग लीज स्वीकृत है। जानकार कहते हैं कि माइनिंग लीज पर कंपनी, क्रेशर या इंडस्ट्रीज स्थापित हो सकती है। लेकिन, संबंधित संस्थान से सशर्त अनुमति लेनी होती। ताकि भविष्य में माइनिंग की जाए, तो संबंधित फर्म को हटाया जा सके।
श्री शारदा पॉली टैक्नो प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बाबूपुर में 471 नंबर प्लाट पर स्थापित है। जबकि खनिज विभाग से आरटीआई के तहत मिली जानकारी अनुसार इस नंबर की आराजी सेल के नाम पर माइनिंग लीज स्वीकृत है। जानकार कहते हैं कि माइनिंग लीज पर कंपनी, क्रेशर या इंडस्ट्रीज स्थापित हो सकती है। लेकिन, संबंधित संस्थान से सशर्त अनुमति लेनी होती। ताकि भविष्य में माइनिंग की जाए, तो संबंधित फर्म को हटाया जा सके।
सशर्त अनुमति के कई उदाहरण जिले में माइनिंग लीज एरिया में स्थापना से पहले सशर्त अनुमति के कई उदाहरण है। उमरी में क्रेशर स्थापित किया गया, यहां रेवती सीमेंट की लीज थी, संबंधित कंपनी से क्रेशर संचालक ने सशर्त अनुमति ले रखी है। इसी तरह लालपुर में सर्वेश्वरी कंपनी की माइनिंग लीज है, जिससे सशर्त अनुमति लेकर धर्मेंद्र सिंह ने क्रेशर स्थापित किया। देवरा में भी स्टार क्रेशर की स्थापना भी सशर्त अनुमति लेने के बाद हुई।
बोरा कंपनी के अनुमति पर सवाल
श्री शारदा पॉली टैक्नो प्राइवेट लिमिटेड बोरा कंपनी के सेल से अनुमति लेने को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता बिजेंद्र पांडेय सवाल खड़ा करते हैं। उनका कहना है कि सेल से अनुमति के बगैर ही कंपनी को स्थापित कर दिया गया। वहीं कंपनी के मैनेजर जीएस मिश्रा कहते हैं कि मेरी जानकारी अनुसार कंपनी सभी नियमों का पालन करते हुए स्थापित हुई है। लेकिन, लीज एरिया में स्थापना को लेकर पूरी जानकारी नहीं होने की बात भी करते हैं।
श्री शारदा पॉली टैक्नो प्राइवेट लिमिटेड बोरा कंपनी के सेल से अनुमति लेने को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता बिजेंद्र पांडेय सवाल खड़ा करते हैं। उनका कहना है कि सेल से अनुमति के बगैर ही कंपनी को स्थापित कर दिया गया। वहीं कंपनी के मैनेजर जीएस मिश्रा कहते हैं कि मेरी जानकारी अनुसार कंपनी सभी नियमों का पालन करते हुए स्थापित हुई है। लेकिन, लीज एरिया में स्थापना को लेकर पूरी जानकारी नहीं होने की बात भी करते हैं।