scriptनाबालिग से बलात्कार के मामले में चार लोगों को 20-20 साल की सजा, दो लाख का देना होगा जुर्माना | satna minor Gang rape case: Four people sentenced to 20 years | Patrika News

नाबालिग से बलात्कार के मामले में चार लोगों को 20-20 साल की सजा, दो लाख का देना होगा जुर्माना

locationसतनाPublished: Aug 16, 2019 11:27:13 am

Submitted by:

suresh mishra

– एडीजे कोर्ट नागौद ने सुनाया फैसला, दो लाख का जुर्माना- पीडि़ता को डेढ़ लाख रुपए अपील अवधि के बाद देने के आदेश

satna minor Gang rape case: Four people sentenced to 20 years

satna minor Gang rape case: Four people sentenced to 20 years

सतना। नाबालिग से सामूहिक बलात्कार करने वाले और साथ देने वाले तीन अभियुक्तों को प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश नागौद दिनेश कुमार शर्मा की अदालत ने 20-20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने सभी अभियुक्तों पर 50-50 हजार रुपए (2 लाख) रुपए जुर्माना भी लगाया। अभियुक्तों द्वारा जुर्माने की राशि का भुगतान करने पर अपील अवधि के बाद पीडि़ता को डेढ़ लाख रुपए देने के भी आदेश दिए। कोर्ट ने फैसला सुनाते वक्त टिप्पणी भी की। कहा, अपराध की गंभीरता और समाज पर पडऩे वाले प्रभाव को देखते हुए परीवीक्षा अधिनियम के उपबंधों का लाभ देना उचित प्रतीत नहीं होता।
ये है मामला
अभियोजन की ओर से एजीपी राजेश कुमार मिश्रा ने पैरवी की। एजीपी ने बताया, घटना 8 फरवरी 2019 शाम 6:30 बजे की है। नाबालिग अपने पिता की सहमति से खाना बनाने पहुंची। जहां पर पहले से रितुल, पवन, सचिन और शिवाशंकर बैठे हुए थे। लड़की खाना बनाने के लिए रसोई में पहुंची ही थी कि पवन ने पीने के लिए पानी मांगा। जब वह पानी लेकर पहुंची तो पकड़कर अंदर वाले कमरे में ले गया। नाबालिग ने बचाव के लिए शोर मचाया, लेकिन उसकी आवाज सुनकर भी रितुल, सचिन और शिवाकर कमरे में बैठे रहे। किसी ने बचाव नहीं किया। इस दौरान पवन ने कमरे में नाबालिग से बलात्कार किया।
आरोपियों ने माता-पिता को धमकाया
काफी देर तक नाबालिग अपने घर नहीं पहुंची तो उसके माता-पिता रितुल के घर पहुंचे। पवन सहित अन्य आरोपियों ने धमकाया कि पुलिस में शिकायत दर्ज कराओगे तो जान से मार देंगे। नाबालिग के भाई को जब घटना पता चली तो उसने मामले की जानकारी पुलिस थाना उचेहरा को दी। नाबालिग का चिकित्सीय परीक्षण कराया गया। अभियुक्तों के खिलाफ धारा 376 (डी ), 506 भाग-दो और लैगिंक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत अपराध पंजीबद्ध कर मामले की जांच शुरू की गई। जांच पूरी होने के बाद चारों अभियुक्तों के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया गया।
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