अभियोजन की ओर से एजीपी राजेश कुमार मिश्रा ने पैरवी की। एजीपी ने बताया, घटना 8 फरवरी 2019 शाम 6:30 बजे की है। नाबालिग अपने पिता की सहमति से खाना बनाने पहुंची। जहां पर पहले से रितुल, पवन, सचिन और शिवाशंकर बैठे हुए थे। लड़की खाना बनाने के लिए रसोई में पहुंची ही थी कि पवन ने पीने के लिए पानी मांगा। जब वह पानी लेकर पहुंची तो पकड़कर अंदर वाले कमरे में ले गया। नाबालिग ने बचाव के लिए शोर मचाया, लेकिन उसकी आवाज सुनकर भी रितुल, सचिन और शिवाकर कमरे में बैठे रहे। किसी ने बचाव नहीं किया। इस दौरान पवन ने कमरे में नाबालिग से बलात्कार किया।
काफी देर तक नाबालिग अपने घर नहीं पहुंची तो उसके माता-पिता रितुल के घर पहुंचे। पवन सहित अन्य आरोपियों ने धमकाया कि पुलिस में शिकायत दर्ज कराओगे तो जान से मार देंगे। नाबालिग के भाई को जब घटना पता चली तो उसने मामले की जानकारी पुलिस थाना उचेहरा को दी। नाबालिग का चिकित्सीय परीक्षण कराया गया। अभियुक्तों के खिलाफ धारा 376 (डी ), 506 भाग-दो और लैगिंक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत अपराध पंजीबद्ध कर मामले की जांच शुरू की गई। जांच पूरी होने के बाद चारों अभियुक्तों के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया गया।