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नगर निगम के 32 कार्यों से संवरेगी सूरत, सुंदर होगा अपना सतना

locationसतनाPublished: Apr 07, 2018 12:12:13 pm

Submitted by:

suresh mishra

नगर पालिक निगम के नियमों का हवाला देते हुए निगमायुक्त ने महापौर से मांगे प्रस्ताव, पीएलसी सहित लालता चौक सौंदर्यीकरण का रास्ता साफ

satna municipal corporation tender

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सतना। एमआइसी के पास निर्णय के लिए लंबे समय से विचाराधीन नगर विकास एवं हितग्राही मूलक योजनाओं के कार्य स्वमेव अनुमोदित हो गए हैं। एमआइसी की अनदेखी के कारण लंबे समय से नगर विकास के कामों की गति थमी हुई थी। लेकिन नगर पालिक निगम के नियमों के अनुसार अब ये सभी कार्य समय सीमा गुजरने के कारण अनुमोदित हो चुके हैं। ऐसे में निगमायुक्त ने महापौर को पत्र लिख कर इन अनुमोदित प्रस्तावों को वापस करने कहा है, जिससे इन कामों को प्रारंभ कराया जा सके।
32 काम तुरंत प्रारंभ होंगे

इसमें पन्नीलाल चौक, लालता चौक के सौंदर्यीकरण जैसे काम शामिल हैं तो फुटकर सब्जी मंडी निर्माण कार्य सहित नगर बस सेवा संचालन, रीवा रोड सौंदर्यीकरण जैसे बहुप्रतीक्षित काम भी हैं। महापौर के यहां से प्रस्ताव वापस आते ही ऐसे लंबित 32 काम तुरंत प्रारंभ होंगे। मिली जानकारी के अनुसार निगम प्रशासन द्वारा नगर विकास से जुड़ी कई योजनाओं और हितग्राही मूलक योजनाओं के प्रकरण अनुमोदन के लिए मेयर-इन-काउंसिल को भेजे गये थे।
ये काम काफी समय से लंबित

ये सभी काम एमआइसी की अधिकारिता के थे। लेकिन महापौर की एमआइसी इन मामलों को कोई निर्णय नहीं ले रही थी। जिससे ये काम काफी समय से लंबित पड़े हुए थे। साथ ही नगर विकास भी प्रभावित हो रहा था। लेकिन एमआईसी का निर्णय लेने में विलंब करना ही भारी पड़ गया और निगम के नियमानुसार निर्णय में विलंब के कारण स्वयं अनुमोदित हो गए।
यह है नियम
म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 के तहत नगर पालिक निगम (एमआईसी के कामकाज संचालन तथा प्राधिकारियों की शक्तियां एवं कर्तव्य) निगम 1998 के नियम 13 (क) में प्रकरणों के निराकरण की समय सीमा तय की गई है। इसके अनुसार यथास्थिति एमआईसी द्वारा प्रत्येक प्रकरण का निराकरण प्रकरण प्राप्त होने की तिथि से 10 दिन के भीतर किया जाएगा। यदि किसी प्रकरण का इस अवधि में निराकरण नहीं किया जाता है तो उसके परिणामों की विस्तृत व्याख्या की गई है।
एमआईसी के समक्ष प्रस्तुत

जिसके अनुसार यदि प्रकरण यथास्थिति मेयर-इन-काउंसिल के क्षेत्राधिकार का है तब मुख्य कार्यपालिक अधिकारी द्वारा ऐसे प्रकरण पर, जिस रूप में प्रस्ताव यथास्थिति एमआईसी के समक्ष प्रस्तुत किया गया है, उसी रूप में यह मान लिया जाएगा कि यथास्थिति एमआईसी द्वारा ऐसा प्रस्ताव अनुमोदित कर दिया गया है। तदानुसार प्रकरण पर आगामी कार्यवाही की जाएगी। यह व्याख्या 2 से 5 करोड़ के कार्यों के लिए है।
एमआईसी के क्षेत्राधिकार में आता है

अगली व्याख्या 5 करोड़ से ऊपर के कार्यों के लिये है जिसमें कहा गया है कि यदि प्रकरण यथास्थिति महापौर के क्षेत्राधिकार का है तब मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा यथास्थिति महापौर से प्रकरण वापिस लेकर सीधे अपने प्रस्ताव के साथ यदि प्रकरण यथास्थिति एमआईसी के क्षेत्राधिकार में आता है तब यथास्थिति एमआईसी और यदि यथास्थिति निगम या परिषद के क्षेत्राधिकार में आता है तब ऐसा प्रकरण अपने प्रस्ताव सहित निगम या परिषद की बैठक में प्रस्तुत करेगा। निगमायुक्त ने महापौर को बताया है कि इस आधार पर सभी लंबित 32 प्रस्ताव अनुमोदित हो चुके हैं।
अब हो सकेंगे ये काम
– पन्नीलाल चौक विकास कार्य
– पन्नीलाल लालता चौक का सौंदर्यीकरण
– पन्नीलाल सर्किट हाउस चौक से सवेरा होटल तक रोड सौंदर्यीकरण
– पन्नीलाल संतोषी माता मंदिर के पास चौपाटी निर्माण
– पन्नीलाल व्यंकटेश पार्क का विकास एवं पेवर्स
– पन्नीलाल नारायण तालाब पश्चिमी हिस्से में बाउंड्री
– पन्नीलाल नारायण तालाब विकास कार्य
– पन्नीलाल टाउन हाल में कुर्सी सीट लगाना
– पन्नीलाल हैलो सतना हेल्पलाइन
– पन्नीलाल नगर बस सेवा संचालन
– पन्नीलाल फुटकर सब्जी मंडी निर्माण
– पन्नीलाल तालाबों का हरित क्षेत्र विकास
– पन्नीलाल दीनदयाल रसोई में ३ चौकीदार
– पन्नीलाल जल प्रदाय पाइपलाइन
– पन्नीलाल होटल दशमेश से माधवगढ़ तक आप्टागेनल विद्युत पोल
– पन्नीलाल खाना खजाना से नजीराबाद मुक्तिधाम तक आप्टागेनल विद्युत पोल
– पन्नीलाल कारगिल ढाबा से खानाखजाना बाइपास में आप्टागेनल विद्युत पोल
– पन्नीलाल 10 मस्टर चालकों की सेवावृद्धि
– पन्नीलाल 15 मस्टर श्रमिकों की सेवा वृद्धि
– पन्नीलाल मस्टर श्रमिकों की स्वीकृति
– पन्नीलाल वर्कशाप के पुराने समानों की नीलामी
– पन्नीलाल महापौर के यहां से नस्तियां आने के शीघ्र बाद टेंडर की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी
महापौर को पत्र लिखा
निगमायुक्त ने महापौर को लिखे पत्र में म.प्र. नगर पालिक निगम 1998 के नियम 13(क) के परिप्रेक्ष्य में सभी 32 कामों के संबंध में बताया है कि ये सभी प्रकरण 10 दिवस की अवधि पूरी कर चुके हैं। इस कारण यथास्थिति अनुमोदित मान लिये जाने योग्य है। इसलिए इन अनुमोदित प्रस्तावों को वापस करने का कष्ट करें, ताकि उक्त प्रकरणों पर आगे की कार्रवाई की जा सके।
अब यह होगा
बताया गया है कि जैसे ही महापौर के यहां से नस्तियां आएंगी उसके साथ ही इनके टेंडर की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी और नगर विकास के कार्य प्रारंभ कराए जाएंगे।

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