निबंध, पत्र व फोटो सहित वीडियो के मार्फत नगर निगम में हजारों की तादाद में सुझाव आये थे। उसमें उनके स्वप्नों का शहर आखिर सतना कैसा हो, इसके लिए सभी ने अपनी अपनी सोच के मुताबिक निगम को राय दी थी। निगम के जिम्मेदारों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। उपयोग के बाद अब किनारा कर लिया गया।
सुझाव भरे निबंध व पत्रों में सर्वाधिक लोगों ने शहर में चारों ओर फैले अतिक्रमण को हटाने का सुझाव दिया था। उसमें कई स्पॉट भी लोगों ने सुझाए थे। लेकिन निगम की खोटी नियत इतनी की सुझावों पर अमल तो दूर उन्हें ठीक से सहेज भी नहीं सके। निगम के जानकारों का दावा है की स्मार्ट सिटी के निबंध समेत वीडियो व फोटो भी अब सैकड़ों की संख्या में गुम चुके हैं।
निगम प्रशासन ने जनमानस से उनका सतना कैसा हो इसके लिए सुझाव लिखित में, साथ ही वीडियो भी मांगे गए थे। ब्रॉन्डिंग कर स्कूलों, कॉलेजों में पहुंच सुझाव भी लिए जो कि केंद्र सरकार के पोर्टल पर अपलोड हुए उसके नंबर तो निगम को मिले लेकिन निबंध प्रतियोगिता और कई प्रतियोगिता में भाग लेने वालों को निगम ने अब तक पुस्कृत नहीं किया। सबके सहयोग से निगम को स्मार्ट सिटी का तोहफा हासिल हुआ था। पर समय बीतता गया और किये गए वायदे भूलते चले गए।
प्रतियोगियों व आमजन ने जो सलाह दी थी उसमें बताया गया था कि सड़कों के किनारे पौधे लगाएं, सड़कों का चौड़ीकरण हो, झूला वाहन पार्किंग, शहर के 4 जोन में चौपाटी, सुव्यवस्थित यातायात, एयरपोर्ट, वाईफाई कनेक्टिवटी, सड़कों के किनारे एलईडी लाइट, पार्कों का विकास, सिनेमा हॉल, सिटी बस का संचालन, पिकनिक स्पॉट आदि सुझाव दिए थे।