scriptअवैध बिल्डिंग पर तालाबंदी को लेकर मचा बवाल, शाम होते ही बैकफुट पर आया नगर निगम | Satna Nagar Nigam: Ruckus over illegal building lockout in satna | Patrika News

अवैध बिल्डिंग पर तालाबंदी को लेकर मचा बवाल, शाम होते ही बैकफुट पर आया नगर निगम

locationसतनाPublished: Oct 22, 2019 11:38:08 am

Submitted by:

suresh mishra

अवैध निर्माण पर तालाबंदी करने गए दस्ते को व्यापारियों ने दौड़ाया, ननि अध्यक्ष आए समर्थन मेंव्यापारियों के भारी विरोध एवं राजनीतिक रसूख के आगे झुके निगमायुक्त, खुलवाए दुकान के ताले

Satna Nagar Nigam: Ruckus over illegal building lockout in satna

Satna Nagar Nigam: Ruckus over illegal building lockout in satna

सतना/ बाजार क्षेत्र गांधी चौक पर नक्शा के विपरीत बनी चार मंजिला बिल्डिंग पर तालाबंदी की कार्रवाई नगर निगम के गले की हड्डी बन गई। पहले व्यापारियों ने निगम की कार्रवाई के खिलाफ हंगामा काटा और कार्रवाई करने गए दस्ते को खदेड़ लिया। बात फिर भी नहीं बनी तो निगम अध्यक्ष व भाजपा नेता अनिल जायसवाल भी अवैध निर्माण के समर्थन में खड़े हो गए।
इसको लेकर काफी तू-तू, मैं-मैं भी हुई। एक बार लगा कि निगमायुक्त अमनवीर सिंह बैंस अपने स्टैंड पर कायम रहेंगे, लेकिन जैसे ही राजनीतिक दबाव बढ़ा शाम होते-होते ताला खुल गया और बचाव में नगर निगम ने एक प्रेस नोट जारी कर दिया।
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यह है मामला
गांधी चौक स्थित रामचंद्र वाधवानी व व्यापारी राकेश अग्रवाल ने एक निर्मित भवन पर द्वितीय एवं तृतीय तल की आवासीय अनुज्ञा प्राप्त की और भूतल, प्रथम तल, द्वितीय एवं तृतीय तल का व्यावसायिक उद्देश्य से निर्माण कराया। जबकि, भवन स्वामी ने भूतल एवं प्रथम तल की कोई अनुज्ञा नहीं ली। अनुज्ञा के विपरीत भवन निर्माण एवं उसका व्यावसायिक उपयोग करने की शिकायत पर निगमायुक्त ने इंजीनियरों से जांच कराई। इसमें बिल्डिंग का निर्माण अनुज्ञा के विपरीत होना मिला। इसके बाद निगम प्रशासन ने 10 अक्टूबर को बिल्डिंग के द्वितीय एवं तृतीय तल की आवासीय भवन अनुज्ञा निरस्त कर भवन खाली करने का नोटिस दिया। जब भवन स्वामी ने भवन खाली नहीं किया तो सोमवार को निगम की टीम मौके पर पहुंची और बिल्डिंग की 24 दुकानों में ताला जड़ दिया।
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रात में विज्ञप्ति जारी कर दी सफाई
दुकानों का ताला खोलने के बाद निगम प्रशासन की ओर से रात ९ बजे विज्ञप्ति जारी कर यह जानकारी दी गई कि तालाबंदी के बाद भवन स्वामी राकेश अग्रवाल ने नगर निगम में आवेदन देकर यह अनुरोध किया कि दुकानों में कुछ आवश्यक खाद्य सामग्री रखी है, जिसे निकाला जाना अति आवश्यक है। इसके बाद निगमायुक्त ने पांच दुकानों के ताले खोलने के निर्देश दिए। दुकानों के ताले भवन स्वामी की अभिरक्षा में इस शर्त के साथ खोले गए हैं कि २४ घंटे के अंदर आवश्यक सामग्री निकाल कर दुकानों में फिर से ताला लगा दिया जाएगा। यह शर्त भी रखी गई कि उक्त दुकानों का तब तक व्यावसायिक उपयोग नहीं किया जाएगा जब तक निगम से अनुमति नहीं मिल जाती।
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तालाबंदी करने पहुंची टीम को व्यापारियों ने दौड़ाया
दोपहर उपायुक्त विशाल सिंह अतिक्रमण दस्ता एवं तकनीकी अमले के साथ गांधी चौक पहुंचे और बिल्डिंग में खुली 22 दुकानों में एक-एक कर ताला लगा दिया। इसके बाद टीम ने बिल्डिंग के मुख्य गेट पर तालाबंदी करते हुए पूरी बिल्डिंग सीज कर दी। निगम प्रशासन की इस कार्रवाई से गुस्साए भवन स्वामी एवं स्थानीय व्यापारियों ने तालाबंदी का विरोध करते हुए निगम प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए कर्रवाई में शामिल अमले को दौड़ा लिया। भारी विरोध के बीच उपायुक्त व अन्य अधिकारी बाइक पर बैठकर चले गए।
निगम अध्यक्ष व्यापारियों के समर्थन में
अवैध बिल्डिंग में तालाबंदी के बाद निगम प्रशासन पर दबाव बनाने व्यापारी नगर निगम पहुंच गए। निगम अध्यक्ष अनिल जायसवाल के नेतृत्व में निगम कार्यालय की घेराबंदी करते हुए निगम प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की गई। फिर विरोध दर्ज कराने निगमायुक्त के कक्ष में पहुंच गए। ननि अध्यक्ष ने कार्रवाई को गलत ठहराते हुए निगमायुक्त से पूछा कि तालाबंदी किसके आदेश पर की गई, उस पर कार्रवाई की जाए। निगम अध्यक्ष एवं व्यापारियों के तीखे तेवर एवं तेज आवाज में की जा रही बात से निगमायुक्त असहज हो गए। उन्होंने ननि अध्यक्ष को धीमी आवाज में बात करने की नसीहत देते हुए कहा कि तालाबंदी मेरे आदेश पर की गई है।
राजनीतिक जोर हो तो यहां फैसला बदलने में नहीं लगता समय
शहर को अतिक्रमण मुक्त करने एवं अवैध निर्माण के खिलाफ अभियान शुरू करने वाले निगमायुक्त कार्रवाई को लेकर खुद एक मत नहीं हैं। टीम ने जब भी किसी बड़े अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की तो उन्हें जनप्रतिनिधियों के विरोध के सामने झुकना पड़ा। जुलाई में उतैली बाइपास हवाई पट्टी की जमीन से सिटी मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में एक सैकड़ा अवैध निर्माण हटाए गए थे। इसके विरोध में जब स्थानीय विधायक धरने पर बैठे तो उनके दबाव में निगमायुक्त ने अतिक्रमण प्रभारी अनिल श्रीवास्तव को तत्काल पद से हटा दिया। बीते माह अतिक्रमण प्रभारी ने एक बड़े नेता की अवैध होर्डिंग हटाई तो उनके समर्थकों ने वैध कार्रवाई के विरोध में निगम की घेराबंदी कर दी। तब भी निगमायुक्त ने अतिक्रमण प्रभारी विनय गुप्ता को पद से हटा दिया। शुक्रवार को फिर निगमायुक्त के निर्देश पर दस्ते द्वारा अवैध बिल्डिंग में तालाबंदी की कार्रवाई की गई। इस बार भी वे बैकफुट पर आ गए।

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