स्वास्थ्य केंद्र में हितग्राहियों को प्राथमिक सुविधाएं भी नसीब नहीं हो पाई। नसबंदी ऑपरेशन के बाद महिलाओं को ओटी से परिजन मिलकर हाथों में उठाकर बाहर ला रहे थे। क्षेत्र में सुबह से लाइट गुल थी ऐसे में पीडि़तों सहित परिजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
बिरसिंहपुर में लापरवाही सामने आने के बाद कलेक्टर सतेंद्र सिंह ने सभी एसडीएम और तहसीलदारों को स्वास्थ्य केंद्रों का जायजा लेकर व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे। विद्युत कंपनी के जिम्मेदारों से शेड्यूल साझा कर ऑपरेशन के दौरान विद्युत आपूर्ति को कहा था।
स्वास्थ्य केंद्र में नसबंदी ऑपरेशन के लिए 39 महिलाएं पहुंची। इनमें से 37 महिलाओं के नसबंदी ऑपरेशन किए गए। दो महिलाओं को इंजेक्शन देने के बाद भी लौटा दिया।
कलेक्टर सतेंद्र सिंह ने बताया, बिरसिंहपुर नसबंदी शिविर जांच कर रही टीम ने प्रतिवेदन सौंप दिया है। प्रतिवेदन के आधार पर नसबंदी शिविर में बरती गई लापरवाही के जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिससे फिर ऐसे लापरवाही सामने न आए।
– नसबंदी को लेकर भारत सरकार की गाइड लाइन को अनदेखा किया गया।
– सर्जन शिविर में सुबह की बजाय दोपहर बाद पहुंचे, जिससे शाम ५ के बाद भी ऑपरेशन किए गए।
– विद्युत सहित अन्य प्राथमिक सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं की गई थी।
– मौसम की खराबी, केंद्र में अंधेरा होने के बाद भी ऑपरेशन किए गए।
– जिम्मेदारों ने शिविर के पहले व्यवस्थाएं सुनिश्चत करना तो दूर झांकने भी नहीं पहुंचे।
डॉ. अशोक द्विवेदी, बीएमओ कोठी