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नसबंदी के बाद नहीं मिला स्ट्रेचर, महिलाओं को गोद में उठाकर ओटी से बाहर लाए परिजन

locationसतनाPublished: Dec 13, 2019 11:57:33 am

Submitted by:

suresh mishra

अब सीएचसी कोठी में सामने आई लापरवाही, शिविर में प्राथमिक सुविधाएं भी नहीं हुई नसीब

Satna nasbandi: stretcher not found after sterilization operation

Satna nasbandi: stretcher not found after sterilization operation

सतना/ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिरसिंहपुर में र्टाच की रोशनी में नसबंदी ऑपरेशन का मामला अभी ठंडा भी नहीं हो पाया था कि अब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोठी में भी ऐसी ही लापरवाही सामने आई है। भारत सरकार की गाइड लाइन को दरकिनार करते हुए शाम 5 बजे के बाद महिलाओं के नसबंदी ऑपरेशन किए जा रहे थे। स्ट्रेचर सहित अन्य प्राथमिक सुविधाएं तक मुहैया नहीं कराई गई थी।
परिजन हाथ में उठाकर महिलाओं को ओटी से बाहर ला रहे थे। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोठी में गुरुवार को महिला नसंबदी शिविर का आयोजन किया गया था। सर्जिकल विशेषज्ञ डॉ. केएल नामदेव की शिविर में ड्यूटी लगाई थी, लेकिन डॉ नामदेव दोपहर 3.30 बजे पहुंचे। जिससे शाम 5 बजे के बाद भी ऑपरेशन किए गए।
प्राथमिक सुविधाएं भी नहीं हुई नसीब
स्वास्थ्य केंद्र में हितग्राहियों को प्राथमिक सुविधाएं भी नसीब नहीं हो पाई। नसबंदी ऑपरेशन के बाद महिलाओं को ओटी से परिजन मिलकर हाथों में उठाकर बाहर ला रहे थे। क्षेत्र में सुबह से लाइट गुल थी ऐसे में पीडि़तों सहित परिजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
कलेक्टर ने य्दिए थे ये निर्देश
बिरसिंहपुर में लापरवाही सामने आने के बाद कलेक्टर सतेंद्र सिंह ने सभी एसडीएम और तहसीलदारों को स्वास्थ्य केंद्रों का जायजा लेकर व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे। विद्युत कंपनी के जिम्मेदारों से शेड्यूल साझा कर ऑपरेशन के दौरान विद्युत आपूर्ति को कहा था।
दो महिलाओं को इंजेक्शन के बाद भी लौटाया
स्वास्थ्य केंद्र में नसबंदी ऑपरेशन के लिए 39 महिलाएं पहुंची। इनमें से 37 महिलाओं के नसबंदी ऑपरेशन किए गए। दो महिलाओं को इंजेक्शन देने के बाद भी लौटा दिया।
तीन सदस्यीय टीम ने सौंपा प्रतिवेदन
कलेक्टर सतेंद्र सिंह ने बताया, बिरसिंहपुर नसबंदी शिविर जांच कर रही टीम ने प्रतिवेदन सौंप दिया है। प्रतिवेदन के आधार पर नसबंदी शिविर में बरती गई लापरवाही के जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिससे फिर ऐसे लापरवाही सामने न आए।
ये लापरवाही
– नसबंदी को लेकर भारत सरकार की गाइड लाइन को अनदेखा किया गया।
– सर्जन शिविर में सुबह की बजाय दोपहर बाद पहुंचे, जिससे शाम ५ के बाद भी ऑपरेशन किए गए।
– विद्युत सहित अन्य प्राथमिक सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं की गई थी।
– मौसम की खराबी, केंद्र में अंधेरा होने के बाद भी ऑपरेशन किए गए।
– जिम्मेदारों ने शिविर के पहले व्यवस्थाएं सुनिश्चत करना तो दूर झांकने भी नहीं पहुंचे।
शिविर में किसी भी महिला का नसबंदी ऑपरेशन टार्च की रोशनी में नहीं किया गया। स्वास्थ्य केंद्र में इनवर्टर की व्यवस्था है। सभी ऑपरेशन गाइडलाइन के मुताबिक किए गए। सीएमएचओ भी मौजूद थे।
डॉ. अशोक द्विवेदी, बीएमओ कोठी
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