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नवजात के गायब होने के मामले में एक और खुलासा, जिस महिला के नाम की शिकायत, उसका प्रसव हीं नहीं हुआ

locationसतनाPublished: Aug 14, 2018 02:59:51 pm

Submitted by:

suresh mishra

नवजात के गायब होने के मामले में एक और खुलासा, जिस महिला के नाम की शिकायत, उसका प्रसव हीं नहीं हुआ

satna newborn missing Case big news in hindi

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सतना। जिला अस्पताल में डिलेवरी के बाद पांच नवजातों को अज्ञात हाथों में सौंपे जाने के मामले की जांच रिपोर्ट में एक और रोचक खुलासा हुआ है। चाइल्ड लाइन ने जिस महिला के नवजात को निजी हाथ में सौंपे जाने की शिकायत बाल कल्याण समिति के पास दर्ज कराई थी वह फर्जी पाई गई। शिकायती नाम की कोई भी महिला प्रसव के लिए जिला अस्पताल में बीते छह माह में दाखिल ही नहीं हुई।
जांच रिपोर्ट की मानें तो जिला अस्पताल में 1 जनवरी 18 से लेकर 10 अगस्त 18 तक ( दुष्कर्म पीडि़ता और नाबालिग) युवतियों द्वारा प्रसव के बाद जन्म देने के चार मामले सामने आए। वैधानिक प्रक्रिया पूरी करने के बाद नवजातों को जिला अस्पताल प्रबंधन द्वारा परिजनों को सौंप दिया गया।
जांच में सामने आया कि चाइल्ड लाइन द्वारा बाल कल्याण समिति को जिस नाम की महिला के प्रसव होने की जानकारी जिला अस्पताल में होने की दी गई थी उस नाम की महिला जनवरी से अगस्त माह तक लेबर रूम, गायनी, मेटरनिटी वार्ड में दाखिल ही नहीं हुई। एेसे में डिलेवरी और नवजात के अज्ञात हाथों में सौंपे जाने का सवाल ही खड़ा नहीं होता।
समिति ने भी दी क्लीनचिट
बाल कल्याण समिति अध्यक्ष शैला तिवारी ने कहा कि जिला अस्पताल प्रबंधन द्वारा कराई गई जांच से स्पष्ट हो गया कि सभी पांच नवजातों पुलिस को जानकारी देकर परिजनों के सुपुर्द किया गया। किसी भी नवजात को अज्ञात हाथों में या दान नहीं दिया गया है। एक नवजात (जिसे डिस्चार्ज होने के बाद अज्ञात हाथों में सौंपा गया) की रिकवरी के प्रयास किए जाएंगे। सबसे पहले नवजात के परिजनों से संपर्क किया जाएगा। सफलता नहीं मिलने पर मामला पुलिस को सौंपा जाएगा।
पुलिस करेगी मामले की जांच
कलेक्टर ने एक नवजात को डिस्चार्ज होने के बाद अज्ञात हाथों में सौंपे जाने के मामले को गंभीरता से लिया है। जांच पुलिस से कराने की बात कही। कलेक्टर मुकेश शुक्ला ने बताया कि नवजात की रिकवरी के लिए अलग से प्रयास किए जाएंगे। इसकी जांच पुलिस द्वारा कराई जाएगी। जो भी दोषी होगा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जिसका ऑडियो वायरल वह विवाहिता
जांच रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि जिस महिला का बच्ची पैदा होने का ऑडियो वायरल किया गया है वह नाबालिग नहीं बल्कि विवाहिता है। उसके नवजात को 2 अगस्त को दोपहर 3.15 बजे परिजनों के सुपुर्द किया गया था। केसशीट में नवजात को प्राप्त करने संबंधी परिजनों से हस्ताक्षर भी कराए गए।
एक जनवरी से 11 अगस्त तक के मामले
जांच रिपोर्ट की मानें तो जिला अस्पताल में 1 जनवरी 18 से लेकर 10 अगस्त 18 तक ( दुष्कर्म पीडि़ता और नाबालिग) युवतियों द्वारा प्रसव का पहला मामला 21 मई को सामने आया। नवजात को एसएनसीयू से 25 मई को मातृ-छाया को सौंपा गया। दूसरा मामला 14 जुलाई को सामने आया। नवजात को एसएनसीयू से 28 जुलाई को डिस्चार्ज कर परिजनों को सौंपा गया। तीसरा मामला 31 जुलाई को सामने आया। यह नवजात एसएनसीयू में भर्ती है। पांचवां मामला विवाहित महिला (शिकायत में होने के कारण उल्लेख ) का है, जिसके नवजात को परिजनों के हवाले किया गया।
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