विधायक कुशवाहा ने कहा कि कलेक्टर से सीएमएचओ कार्यालय परिसर में नव निर्मित जीएनएम कॉलेज भवन के ठीक पीछे संचालित शराब दुकान हटवाने के लिए कहा था। ताकि, प्रदेशभर से नर्सिंग की पढ़ाई करने सतना आई छात्राओं को अध्ययन के अनुकूल वातावरण मुहैया हो सके। इसके अलावा शहर की तीन अन्य शराब दुकानों को हटवाने के लिए भी कलेक्टर से चर्चा की थी।
विधायक ने कहा कि जब कलेक्टर ने नहीं सुना तो मजबूरी में विधानसभा में आवाज उठानी पड़ी। पूछा है कि शैक्षणिक, धार्मिक और बस्तियों के बीच संचालित शराब दुकान हटवाने के लिए प्रशासन क्या कार्रवाई कर रहा है? ऐसी दुकानों को चिह्नित कर कब तक हटाया जाएगा?
पूर्व विधायक शंकरलाल तिवारी भी शराब दुकान के विरोध में उतरे हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं के उत्पीडऩ के खिलाफ देशभर में आक्रोश है। ऐसे अपराधों की मूल वजह नशा है। किसी भी शैक्षणिक संस्थान के पास शराब की दुकान के संचालन को उचित नहीं ठहराया जा सकता। प्रदेश सरकार को त्वरित कदम उठाते हुए छात्राओं के नर्सिंग कॉलेज के पास से शराब दुकान हटवानी चाहिए। लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो पा रहा। जिम्मेदारों को बेटियों की शिक्षा से ज्यादा राजस्व की चिंता है।