ये है मामला
उल्लेखनीय है कि परसमनिया में अवैध खनन की जानकारी स्थानीय विधायक नागेन्द्र सिंह भी जिले के अधिकारियों को दे चुके हैं लेकिन कोई गंभीरता नहीं बरती जा रही है। आरोप तो यह है कि खुद खनिज, वन और पुलिस महकमा लेनदेन कर इस अवैध कारोबार को संरक्षण दे रहा है। परसमनिया पठार में पहाड़ी रेंज चौकी के एक किलो मीटर पीछे खखरा खदान है। जो कई साल पहले निरस्त कर दी गई थी। इस खदान के जीपीएस सर्वे में पाया गया था कि आधी खदान वन भूमि में आती है तो आधी खदान राजस्व भूमि है। इसका वन विभाग ने पंचनामा भी तैयार किया था। यहां कुछ माह से मोहित सिंह पटिया पत्थर खनन का अवैध कारोबार जोरों से करवा रहा है। यहां ट्रैक्टर कम्प्रेशर मशीन से पहले पटिया पत्थर तुड़ाई के लिए तैयारी की जाती है। फिर मैनुअल तरीके से पटिया तोड़ी की जाती है।
उल्लेखनीय है कि परसमनिया में अवैध खनन की जानकारी स्थानीय विधायक नागेन्द्र सिंह भी जिले के अधिकारियों को दे चुके हैं लेकिन कोई गंभीरता नहीं बरती जा रही है। आरोप तो यह है कि खुद खनिज, वन और पुलिस महकमा लेनदेन कर इस अवैध कारोबार को संरक्षण दे रहा है। परसमनिया पठार में पहाड़ी रेंज चौकी के एक किलो मीटर पीछे खखरा खदान है। जो कई साल पहले निरस्त कर दी गई थी। इस खदान के जीपीएस सर्वे में पाया गया था कि आधी खदान वन भूमि में आती है तो आधी खदान राजस्व भूमि है। इसका वन विभाग ने पंचनामा भी तैयार किया था। यहां कुछ माह से मोहित सिंह पटिया पत्थर खनन का अवैध कारोबार जोरों से करवा रहा है। यहां ट्रैक्टर कम्प्रेशर मशीन से पहले पटिया पत्थर तुड़ाई के लिए तैयारी की जाती है। फिर मैनुअल तरीके से पटिया तोड़ी की जाती है।
लोडिंग की दी सूचना
स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां पटिया पत्थर जब खदान में ट्रकों में लोड किए जा रहे थे उसी वक्त जिला खनिज अधिकारी और डीएफओ को जानकारी दी गई। साथ ही इसके वीडियो भी वाट्स ऐप किए गए। लेकिन, इनकी ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। यहां ट्रक क्रमांक एमपी 19 एचए 3554 लोड किया गया और 3 बजे लोड ट्रक 4.53 बजे सुरदहा घाट बैरियर पहुंचा। यहां भी कोई रोक नहीं हुई। तैनात कर्मचारी गायब मिले। ट्रक चालक खुद उतर कर बैरियर खोल कर अवैध पटिया लेकर निकल लिया। बुधवार को ऐसे ही अवैध पटियों से लदे पांच ट्रक निकले हैं।
स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां पटिया पत्थर जब खदान में ट्रकों में लोड किए जा रहे थे उसी वक्त जिला खनिज अधिकारी और डीएफओ को जानकारी दी गई। साथ ही इसके वीडियो भी वाट्स ऐप किए गए। लेकिन, इनकी ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। यहां ट्रक क्रमांक एमपी 19 एचए 3554 लोड किया गया और 3 बजे लोड ट्रक 4.53 बजे सुरदहा घाट बैरियर पहुंचा। यहां भी कोई रोक नहीं हुई। तैनात कर्मचारी गायब मिले। ट्रक चालक खुद उतर कर बैरियर खोल कर अवैध पटिया लेकर निकल लिया। बुधवार को ऐसे ही अवैध पटियों से लदे पांच ट्रक निकले हैं।
रीछुल का काटा रमन्ना
बताया गया कि यह ट्रक जब परसमनिया पठार से नीचे उतर आया है, उसके बाद इस ट्रक का रीछुल का रमन्ना शाम 6 बजे काटा गया है। इस तरह से दो नंबर के पटिया पत्थर को रीछुल का रमन्ना काटकर एक नंबर में तब्दील कर दिया गया। यह सारी जानकारी खनिज, वन और पुलिस महकमे को बुधवार को समय पर दी जाती रही है। लेकिन कोई भी सक्रिय नहीं हुआ।
बताया गया कि यह ट्रक जब परसमनिया पठार से नीचे उतर आया है, उसके बाद इस ट्रक का रीछुल का रमन्ना शाम 6 बजे काटा गया है। इस तरह से दो नंबर के पटिया पत्थर को रीछुल का रमन्ना काटकर एक नंबर में तब्दील कर दिया गया। यह सारी जानकारी खनिज, वन और पुलिस महकमे को बुधवार को समय पर दी जाती रही है। लेकिन कोई भी सक्रिय नहीं हुआ।
110 रुपए में बिक्री
खदान में एक पटिया की लागत 35 रुपए आती है। इसके बाद अवैध कारोबारी इसे खदान में 110 रुपए में बेचते हैं। यहां से एक ट्रक में 1000 पटिया लोड कर उत्तर प्रदेश और बिहार ले जाई जाती है। आरोप है कि इसमें पहाड़ी उडऩदस्ता प्रभारी भरत नागर और रेंजर बहादुर सिंह का भी संरक्षण है। इस कारण अवैध कारोबार पर इनके द्वारा चुप्पी साध ली जाती है।
खदान में एक पटिया की लागत 35 रुपए आती है। इसके बाद अवैध कारोबारी इसे खदान में 110 रुपए में बेचते हैं। यहां से एक ट्रक में 1000 पटिया लोड कर उत्तर प्रदेश और बिहार ले जाई जाती है। आरोप है कि इसमें पहाड़ी उडऩदस्ता प्रभारी भरत नागर और रेंजर बहादुर सिंह का भी संरक्षण है। इस कारण अवैध कारोबार पर इनके द्वारा चुप्पी साध ली जाती है।