अध्यक्ष पद के निर्वाचन के लिये जिला पंचायत के सभी 26 सदस्यों ने मतदान में हिस्सा लिया। अध्यक्ष पद के लिये भाजपा समर्थित रामखेलावन कोल (वार्ड नंबर 17 से सदस्य) ने पर्चा दाखिल किया तो उपाध्यक्ष पद के लिये कांग्रेस खेमे से विमला कोल (वार्ड नंबर 7 से सदस्य) ने पर्चा दाखिल किया। मतदान उपरांत जब पारिणाम घोषित हुए तो रामखेलावन को 17 वोट और विमला को 9 वोट मिले। हालांकि इन परिणामों भाजपा खेमे के लिये चौंकाने वाले थे। इन्होंने 21 वोट अपने पक्ष में मिलने का अनुमान लगा रखा था। वहीं कांग्रेस खेमा भी अपने 11 वोटों का दावा कर रहा था उसे महज 9 वोट मिले थे। इस तरह 8 वोटों के अंतर से जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित होने वाले रामखेलावन को पीठासीन अधिकारी अनुराग वर्मा ने प्रमाण-पत्र प्रदान किया।
उपाध्यक्ष में भाजपा को अध्यक्ष से एक वोट कम मिला उपाध्यक्ष के निर्वाचन के लिये भाजपा ने वार्ड 14 से जिपं सदस्य सुष्मिता सिंह परिहार का पर्चा दाखिल करवाया तो कांग्रेस ने वार्ड 9 से जिपं सदस्य राजेश परौहा को मैदान में उतारा। मतदान के बाद जब परिणाम सामने आए तो सुष्मिता को 16 वोट और राजेश को 10 वोट मिले। इस तरह अध्यक्ष पद के लिये भाजपा समर्थित प्रत्याशी को मिले वोटों से एक वोट कम भाजपा समर्थित उपाध्यक्ष प्रत्याशी को मिला। इस पर माना गया कि अध्यक्ष में भाजपा को वोट दाने वाले एक भाजपा सदस्य ने कांग्रेस के पक्ष में क्रास वोटिंग कर दी है।
अपने सदस्यों को साथ लेकर पहुंचे नेता जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के लिये निर्वाचन के ठीक पहले तक सदस्यों की लॉबिंग की जाती रही। भाजपा खेमे का नेतृत्व सांसद गणेश सिंह, मंत्री रामखेलावन पटेल और पूर्व जिपं अध्यक्ष गगनेन्द्र सिंह कर रहे थे। ये सभी जिला पंचायत तक अपने खेमे के सदस्यों को लेकर पहुंचे। दूसरी ओर कांग्रेस खेमे का नेतृत्व विधायक सतना सिद्धार्थ कुशवाहा और जिलाध्यक्ष दिलीप मिश्रा कर रहे थे। इनके नेतृत्व में 11 सदस्य जिला पंचायत तक प्रथम सम्मिलन के लिये पहुंचे। हालांकि 11 सदस्यों को लेकर आने वाली कांग्रेस किसी भी पद के लिये अपने दावे के पूरे वोट नहीं पा सकी।
अध्यक्ष का जिम्मा सांसद और मंत्री ने खुद लिया उपाध्यक्ष के निर्वाचन के लिये सदस्यों को जोड़ने का जिम्मा दावेदार के खुद के कंधे पर था लेकिन अध्यक्ष के लिये सांसद और मंत्री ने खुद यह जिम्मेदारी उठाई। दोनों ने पूरी व्यूह रचना के बाद मतदान के पहले तक अध्यक्ष पद के लिये 21 सदस्यों को भाजपा के पाले में वोटिंग के लिये मनाने राजी कर लिया। उधर उपाध्यक्ष के लिये 17 वोट जुटाने की बात पंकज सिंह की ओर कही गई।
क्रास वोटिंग से भाजपा को झटका जब अध्यक्ष पद का निर्वाचन हुआ तो 21 वोटों की आस लगाए बैठी भाजपा तब चौंक गई जब उनके उम्मीदवार को 17 वोट मिले। विश्वास इतना ज्यादा था कि मतगणना के दौरान दोबारा मतपत्रों को देखा गया। इसके बाद यह पाया गया कि भाजपा समर्थित प्रत्याशी के पक्ष में वोटिंग का आश्वासन देने वाले जिन 4 लोगों ने क्रास वोटिंग की है उनमें दो भाजपा के अपने सदस्य भी हैं। शेष दो विपक्षी दल के माने गये। इसी तरह से उपाध्यक्ष के लिये 17 सदस्यों का दावा किया गया था। लेकिन 16 वोट ही मिले। इसमें पाया गया कि मैहर क्षेत्र का एक भाजपा समर्थित सदस्य गैर भाजपा खेमे के राजेश के पक्ष में चला गया। हालांकि जीत भाजपा की ही हुई थी लिहाजा इस मामले को ज्यादा तूल नहीं दिया गया।
परंपरा भी नहीं भूले अध्यक्ष अपने निर्वाचन के बाद जब बाहर पहुंचे तो उन्होंने विन्ध्य की परंपरानुसार लोगों के पांव छूने का क्रम भी शुरू कर दिया। लेकिन सभी ने उन्हें झुकने के साथ ही रोक लिया। तब अध्यक्ष ने अपने अंदाज में ही कहा कि सभी के आशीर्वाद से यहां पहुंचे हैं। अब कैसे आशीर्वाद न लें। हालांकि उनसे कम उम्र नेताओं ने उन्हें पिता तुल्य बताते हुए बीच में रोक कर गले लगाया।-
काफिले में पहुंचे जिपं सदस्य निर्वाचन के लिये सद्स्यों को भाजपा और कांग्रेस पूरी माहौल बनाने वाले अंदाज में लेकर पहुंचे। भाजपा जहां अपने सदस्यों को एसी वैन में लेकर पहुंची थी। इनके साथ आगे आगे भाजपा पर्यवेक्षक उमाशंकर गुप्ता, सांसद, मंत्री, जिलाध्यक्ष, पूर्व जिपं अध्यक्ष सहित अन्य नेताओं के वाहन थे। वहीं कांग्रेस के सभी सदस्य सिविल लाइन तिराहे स्थित होटल भरहुत में इक्कठा हुए और यहां से एक साथ काफिले में विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा के नेतृत्व में मतदान के लिये निकले। इनका भी काफिला लंबा चौड़ा था।
तलाशी के बाद अंदर प्रवेश जिला पंचायत भवन के काफी पहले पुलिस ने वैरिकेटिंग लगा रखी थी। इसके बाद जिला पंचायत भवन के मुख्य द्वार पर भी सख्त पहरा था। सदस्यों के अलावा किसी अन्य को अंदर जाने की अनुमति नहीं थी। अंदर जाने से पहले सदस्यों की भी तलाशी ली जा रही थी।
—// अध्यक्ष रामखेलावन कोल से सीथी बात //— प्रश्न- आप शिक्षक रहे हैं। अमूमन नेताओं के बारे में माना जाता है कि वे कहते है लेकिन करते नहीं है। आपका क्या नजरिया होगा?
उत्तर – मैं शिक्षा पेशे से हूं। जो कहूंगा वहीं करूंगा। मेरी प्राथमिकता का क्षेत्र शिक्षा ही होगा। प्रश्न – शिक्षा में प्राथमिकता निर्माण या एकेडमिक रहेगा? उत्तर- मेरा फोकस शैक्षणिक गतिविधियों पर होगा। शैक्षणिक गुणवत्ता और विद्यार्थी हितों के लिये काम करूंगा। पठन पाठन प्राथमिकता होगा। शिक्षा ही सबसे बड़ा धन।
प्रश्न – जिला पंचायत को लेकर क्या कहेंगे? उत्तर – मैं बहुत राजनीतिक नहीं हूं। जिला पंचायत के जितने भी क्षेत्र है सभी के लिये विकास परक गतिविधियों पर ध्यान देंगे। प्रश्न – जीत संख्या बल पर थी या धन बल पर
उत्तर- पूरी तरह से संख्या बल पर थी। खर्च के नाम पर सिर्फ डीजल पेट्रोल लगा है। प्रश्न – रिमोट से काम करेंगे या स्व विवेक से? उत्तर – पूरी तरह स्व विवेक से काम करेंगे। सभी सदस्यों को साथ लेकर उनके उचित सुझावों के साथ आगे बढ़ेंगे।
प्रश्न – जीत का श्रेय किसे देंगे? उत्तर – जीत का श्रेय जनता जनार्दन का है। उसके बाद मंत्री, सांसद सहित सभी नेताओं और सदस्यों का सहयोग रहा।