सतना नदी के पास रहने वाले प्रतीक ने बताया कि मैं ग्रेजुएट हूं। सुबह 11 बजे आ गया था, लेकिन यहां इतनी भीड़ में लगता नहीं कुछ हो पाएगा। भीड़भाड़ के चलते मेले में हुई अव्यवस्था को लेकर एनएसडीसी के अधिकारी भी निराश थे। वे खुलकर तो कुछ भी कहने को तैयार नहीं हुए, यह जरूर माना कि मेले में इतने लोग आ जाएंगे, उम्मीद नहीं थी। अन्यथा और इंतजाम करते।
मेले का शुभारंभ सुबह 11 बजे के करीब हुआ। दोपहर एक बजे के आसपास ही कुछ कंपनियों ने यह कहकर आवेदन लेने से इनकार कर दिया कि हमारे पास जितने पद हैं उससे कई गुना आवेदन आ चुके हैं। पुरुष-महिला व दिव्यांगों के लिए अलग-अलग 15 पंजीयन काउंटर थे, लेकिन सबमें लंबी कतारें लगी रहीं। कुछ महिलाएं तो छोटे-छोटे बच्चों को लेकर आईं थी, लिहाजा उन्हें खासी परेशानी हुई। थाने के ठीक सामने हुए इस सार्वजनिक कार्यक्रम की सुरक्षा व्यवस्था निजी एजेंसी को सौंपी गई थी। लिहाजा, पुलिस ने भी ने सक्रियता नहीं दिखाई।
सुबह 11.30 बजे मेले में पहुंच गया था। शाम 4.30 बजे इंटरव्यू के बाद 4 हजार रुपए महीने का जॉब ऑफर किया गया हैै। काम मार्केटिंग का है। इतनी कम सेलरी में कैसे काम कर सकते हैं।
राकेश साहू, करसरा
शिवनारायण, रैगांव
मेघराज प्रजापति, रामपुर बाघेलान
संजय कुशवाहा, रामपुर बाघेलान