निजी मोबाइल के सहारे चल रहा काम नगर निगम की छत्रछाया में संचालित फायर स्टेशन फिलहाल भगवान भरोसे चल रहा है। दमकल विभाग की व्यवस्थाओं को संभालने की जिम्मेदारी सहायक फायर अधिकारी रामप्रसाद की है, लेकिन मूल विभाग छोड़ वह फिल्टर प्लाट में अरियाली विखेरने में अधिक रूचि ले रहे हैं फायर स्टेशन की व्यवस्थाओं से उनका कोई लेना देना नहीं हैं। आलम यह है कि शहर की इमरजेंसी सेवाओं में शामिल शहर का दमकल केन्द्र मस्टर कर्मचारियों के भरोसे चल रहा है। फायर स्टेशन में तैनात कर्मचारियों ने बताया की यहां की 101 इमरजेंसी सेवा छह माह से ठप है। एेसे में शहर में कहीं भी आग लगने पर फायर स्टेशन को सीधे सूचना नहीं मिलती। लोग पुलिस को काल करते है और पुलिस फायर स्टेशन में तैनान कर्मचारियोंं के निजी नंबर में काल कर आग की सूचना देती है। तब कहीं जाकर दमकल वाहन घटना स्थल के लिए रवाना किया जाता है।
20 मिनट देरी से मिलती है सूचना फायर स्टेशन में तैनात कर्मचारियों ने कहा की केन्द्र की 101 सेवा ठप होने के कारण शहर में कहीं भी आग लगने पर लोग केन्द्र से सीधे संपर्क नहीं कर पाते हैं। लोग पुलिस कंटोल रूम को सूचना देते हैं। वहां से कोलगवां थाने में सूचना आती है। थाना कर्मचारी फायर स्टेशन के कर्मचारियों के निजी नंबर में सूचना देकर दमकल वाहन बुलाते हैं। कई वार निजी नंबर न उठने पर कोलगवां पुलिस दौड़ लगाकर फायर स्टेशन पहुंच कर सूचना देती है। एेसे में शहर में आग की घटना होने पर फायर स्टेशन तक सूचना पहुंचने में 20 से तीन मिनट का समय लग जाता है।
सात दमकल एक का स्टाफ गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है। इस सीजन में शहर में आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती है। लेकिन स्मार्ट हो रहे शहर में आग बुझाने कोई ठोस व्यवस्था नहीं हैं। शहर के फायर स्टेशन में कहने के लिए सात दमकर वाहन उपलब्ध है। लेकिन यहां स्टाफ सिर्फ एक दमकल वाहन के लिए ही उपलब्ध है। एेसे में यदि एक साथ शहर में दो स्थानों पर आम लग जाए तो दमकल वाहन मौके पर ले जाने पीडि़त को पहले फायर वाहन चालक एवं कर्मचारियों को ढूढऩा पड़ेगा।
वर्जन फायर स्टेशन का 101 नंबर बंद होने की जानकारी मुझे नहीं हैं। यदि एेसा है तो यह बहुत ही गंभीर मामला है। मैं इसकी जानकारी तलब कर आवश्यक कार्यवाही करूगा।101 इमरजेंसी नंबर है,इसे एक भी दिन के लिए बंद नहीं किया जा सकता है।
संदीप जीआर, आयुक्त नगर निगम