जाम लगाने की सूचना के बाद पांच घंटे तक मौके पर कोई प्रशासनिक अधिकारी नहीं पहुंचा। इसका खामियाजा जाम में फंसे वाहन और यात्रियों को भुगतना पड़ा। दोपहर एक बजे तहसीलदार मौके पहुंच और सड़क पर धरना दे रहे किसानों को समझाइश देते हुए गेहूं खरीदी शुरू कराने का आश्वासन दिया तब कहीं जाकर यातायात बहाल हुआ।
व्यापारियों का अनाज खरीद रही समिति
कांग्रेस नेता अजीत सिंह , रमेश द्विवेदी तथा जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के उपाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी के नेतृत्व में सड़क पर धरना दे रहे किसानों ने समिति प्रबंधक पर मनमानी के आरोप लगाए। किसानों ने कहा कि समिति व्यापारियों का आनाज खरीद रही हैं। किसान दस दिन से खरीदी केन्द्र में बैठे हैं। उन्हें अनाज का उठाव नहीं होने की बात कह टोकन पकड़ा दिया गया है। दस दिन से अनाज खरीदी का इंतजार कर रहे किसानों ने कहा कि किसानों से प्रति ट्राली एक हजार रुपए की वूसली की जाती है। जो किसान पैसा नहीं देते उनका नंबर कई दिन तक नहीं आता। समिति प्रबंधक की मनमानी से यह भ्रष्टाचार का केन्द्र बन गया है।
कांग्रेस नेता अजीत सिंह , रमेश द्विवेदी तथा जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के उपाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी के नेतृत्व में सड़क पर धरना दे रहे किसानों ने समिति प्रबंधक पर मनमानी के आरोप लगाए। किसानों ने कहा कि समिति व्यापारियों का आनाज खरीद रही हैं। किसान दस दिन से खरीदी केन्द्र में बैठे हैं। उन्हें अनाज का उठाव नहीं होने की बात कह टोकन पकड़ा दिया गया है। दस दिन से अनाज खरीदी का इंतजार कर रहे किसानों ने कहा कि किसानों से प्रति ट्राली एक हजार रुपए की वूसली की जाती है। जो किसान पैसा नहीं देते उनका नंबर कई दिन तक नहीं आता। समिति प्रबंधक की मनमानी से यह भ्रष्टाचार का केन्द्र बन गया है।
उठाव न होने से बिगड़े हालात
अबेर खरीदी केन्द्र में ५० हजार क्विंटल से अधिक अनाज डंप है। इसमें से ३२ हजार क्विंटल अनाज उठाव के लिए रखा है। खरीदी केन्द्र से गेहूं का उठाव न होने से समिति ने खरीदी का कार्य बंद कर दिया। बीते एक सप्ताह से खरीदी न होने के कारण पांच सौ से अधिक किसान खरीदी केन्द्र में फंसे हैं। जिनका गुस्सा मंगलवार को फुट गया।
अबेर खरीदी केन्द्र में ५० हजार क्विंटल से अधिक अनाज डंप है। इसमें से ३२ हजार क्विंटल अनाज उठाव के लिए रखा है। खरीदी केन्द्र से गेहूं का उठाव न होने से समिति ने खरीदी का कार्य बंद कर दिया। बीते एक सप्ताह से खरीदी न होने के कारण पांच सौ से अधिक किसान खरीदी केन्द्र में फंसे हैं। जिनका गुस्सा मंगलवार को फुट गया।
भटकते रहे मुसाफिर
किसानों के चक्काजाम एवं प्रशासन की अनदेखी से सतना समेरिया मार्ग का यातायात छह घंटे बाधित रहा। इसका खमियाजा उन यात्रियों को भुगतना पड़ा जो सुबह घरों से यात्रा के लिए निकले। माधवपुर में खरीदी केन्द्र के सामने सड़क ट्रालियां खड़ा करने से सैकड़ों वाहन छह घंटे तक फंसे रहे। आंदोलित किसानों ने ऑटो सहित सभी वाहनों को रोक दिया। इसका खामियाजा बसों में बैठे यात्रियों को भुगतना पड़ा। यात्री झुलसाती गर्मी में छह घंटे तक बसों के अंदर तपते रहे।
किसानों के चक्काजाम एवं प्रशासन की अनदेखी से सतना समेरिया मार्ग का यातायात छह घंटे बाधित रहा। इसका खमियाजा उन यात्रियों को भुगतना पड़ा जो सुबह घरों से यात्रा के लिए निकले। माधवपुर में खरीदी केन्द्र के सामने सड़क ट्रालियां खड़ा करने से सैकड़ों वाहन छह घंटे तक फंसे रहे। आंदोलित किसानों ने ऑटो सहित सभी वाहनों को रोक दिया। इसका खामियाजा बसों में बैठे यात्रियों को भुगतना पड़ा। यात्री झुलसाती गर्मी में छह घंटे तक बसों के अंदर तपते रहे।
अस्त-व्यस्त रहा यातायात
सतना सेमरिया मार्ग में सुबह आठ बजे चक्काजाम होने से यातायात व्यवस्था ठप हो गई। सूचना के बाद जाम खुलवाने पहुंची पुलिस किसानों का आक्रोश देख हाथ खड़ाकर दिया। सूचना के बाद भी छह घंटे तक प्रशासनकि अधिकारियों के मौके पर न पहुंचे के कारण सतना सेमरिया मार्ग की यातायात व्यवस्था अस्त-व्यस्त रही।
सतना सेमरिया मार्ग में सुबह आठ बजे चक्काजाम होने से यातायात व्यवस्था ठप हो गई। सूचना के बाद जाम खुलवाने पहुंची पुलिस किसानों का आक्रोश देख हाथ खड़ाकर दिया। सूचना के बाद भी छह घंटे तक प्रशासनकि अधिकारियों के मौके पर न पहुंचे के कारण सतना सेमरिया मार्ग की यातायात व्यवस्था अस्त-व्यस्त रही।
वाहन चालकों के बीच कई बार झड़प सुबह बस एवं ऑटो में दूध और सब्जियां लेकर सतना मंडी के लिए निकले लोग जाम में फंसने से गंतव्य तक नहीं पहुंच सके। जाम में फंसी यात्री और बच्चों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। बाहर से आए यात्री झुलसाती गर्मी में जाम खुलने के इंतजार में छह घंटे तक भूखे प्यासे सड़क किनार बैठे रहे। किसान और वाहन चालकों के बीच कई बार झड़प भी हुई।