शहरों की सिटीजन सर्विसेस की मॉनीटरिंग होगी उल्लेखनीय है कि प्रोजेक्ट का पूरा नाम क्लाउड बेस्ड कमांड इंटीग्रेटेड डाटा एंड डिजास्टर रिकवरी सेंटर एंड इस्टेबलिश सिटी इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर्स फॉर स्मार्ट सिटी रखा गया है। सेंटर में क्लाउड तकनीक के जरिए सतना सहित भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, सागर शहरों की सिटीजन सर्विसेस की मॉनीटरिंग होगी। साथ ही डाटा स्टोर किया जाएगा।
ऐसे होगी मॉनीटरिंग
– कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से शहर में डिजास्टर मैनेजमेंट, वाटर मैनेजमेंट सिस्टम, मौसम सहित शहर में चलने वाले विभिन्न प्रोजेक्ट पर नजर रखी जा सकेगी। यानी शहर में इनसे जुड़ी समस्या होने पर समय पर बचाव और सुधार से जनहानि को बचाया जा सकेगा।
– शहर में बनने वाली स्मार्ट पार्किंग में सीसीटीवी कैमरे व सेंसर लगे होंगे। इसका पूरा डाटा कमांड सेंटर में एकत्र होगा। यहां से लाइव नजर रखी जाएगी और अलर्ट किया जा सकेगा।
– पैन सिटी के तहत प्रस्तावित आधुनिक साइकिलों और स्टेशन की जानकारी व अलर्ट भेजा सकेगा। सतना में भी पैन सिटी के तहत काम हो रहे हैं।
– स्मार्ट पोल में लगे कैमरों के माध्यम से सड़क के ट्रैफिक को कंट्रोल किया जा सकेगा, जिस मार्ग पर ट्रैफिक कम होगा, वहां ट्रैफिक को डायवर्ट किया जा सकेगा।
– ठोस अपशिष्ट प्रबंधन से जुड़ी वाहनों की ट्रेकिंग हो सकेगी। कचरा प्रबंधन का निगरानी हो सकेगी।
– रियल टाइम वीडियो के आधार पर ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम को बेहतर बनाया जा सकेगा।
– नगरीय निकायों के कॉल सेंटर का डाटा और नगर निगमों का डाटा एकत्र हो सकेगा।
– शहर के जीआइएस मैप, मोबाइल एप, डायल 100, डायल 108, सिटी बसों का ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट संबंधी डाटा और सेवाएं बेहतर हो सकेंगी।
– कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से शहर में डिजास्टर मैनेजमेंट, वाटर मैनेजमेंट सिस्टम, मौसम सहित शहर में चलने वाले विभिन्न प्रोजेक्ट पर नजर रखी जा सकेगी। यानी शहर में इनसे जुड़ी समस्या होने पर समय पर बचाव और सुधार से जनहानि को बचाया जा सकेगा।
– शहर में बनने वाली स्मार्ट पार्किंग में सीसीटीवी कैमरे व सेंसर लगे होंगे। इसका पूरा डाटा कमांड सेंटर में एकत्र होगा। यहां से लाइव नजर रखी जाएगी और अलर्ट किया जा सकेगा।
– पैन सिटी के तहत प्रस्तावित आधुनिक साइकिलों और स्टेशन की जानकारी व अलर्ट भेजा सकेगा। सतना में भी पैन सिटी के तहत काम हो रहे हैं।
– स्मार्ट पोल में लगे कैमरों के माध्यम से सड़क के ट्रैफिक को कंट्रोल किया जा सकेगा, जिस मार्ग पर ट्रैफिक कम होगा, वहां ट्रैफिक को डायवर्ट किया जा सकेगा।
– ठोस अपशिष्ट प्रबंधन से जुड़ी वाहनों की ट्रेकिंग हो सकेगी। कचरा प्रबंधन का निगरानी हो सकेगी।
– रियल टाइम वीडियो के आधार पर ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम को बेहतर बनाया जा सकेगा।
– नगरीय निकायों के कॉल सेंटर का डाटा और नगर निगमों का डाटा एकत्र हो सकेगा।
– शहर के जीआइएस मैप, मोबाइल एप, डायल 100, डायल 108, सिटी बसों का ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट संबंधी डाटा और सेवाएं बेहतर हो सकेंगी।
यह होगा फायदा
– कंपनी से जुड़े सभी प्रोजेक्ट का डाटा सेंटर पर मौजूद रहेगा।
– इससे शहरों के मौसम की जानकारी मिल सकेगी।
– इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) को इससे लिंक किया जाएगा।
– शहर की स्मार्ट पार्किंग का डेटा स्टोर होने से लेकर लाइव मॉनिटरिंग की जा सकेगी।
– आइटीएमएस के तहत लगने वाले कैमरे और जगह-जगह चौराहों पर स्मार्ट पोल के कैमरे से शहर को लाइव देखा जा सकेगा।
– कंपनी से जुड़े सभी प्रोजेक्ट का डाटा सेंटर पर मौजूद रहेगा।
– इससे शहरों के मौसम की जानकारी मिल सकेगी।
– इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) को इससे लिंक किया जाएगा।
– शहर की स्मार्ट पार्किंग का डेटा स्टोर होने से लेकर लाइव मॉनिटरिंग की जा सकेगी।
– आइटीएमएस के तहत लगने वाले कैमरे और जगह-जगह चौराहों पर स्मार्ट पोल के कैमरे से शहर को लाइव देखा जा सकेगा।
ये जानकारी तत्काल उपलब्ध होगी
– स्मार्ट पार्किंग
– डायल 100
– डायल 108 एवं जननी एक्सप्रेस
– फायर बिग्रेड कंट्रोल सिस्टम
– स्मार्ट मैप (जीआइएस)
– इमरजेंसी रेस्पॉन्स एवं डिजास्टर मैनेजमेंट
– इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम
– एरिया बेस्ड डेवलपमेंट (एबीडी) सर्विसेज
– ट्रैकिंग ऑफ सॉलिड वेस्ट
– वॉटर मैनेजमेंट सिस्टम
– स्मार्ट पार्किंग
– डायल 100
– डायल 108 एवं जननी एक्सप्रेस
– फायर बिग्रेड कंट्रोल सिस्टम
– स्मार्ट मैप (जीआइएस)
– इमरजेंसी रेस्पॉन्स एवं डिजास्टर मैनेजमेंट
– इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम
– एरिया बेस्ड डेवलपमेंट (एबीडी) सर्विसेज
– ट्रैकिंग ऑफ सॉलिड वेस्ट
– वॉटर मैनेजमेंट सिस्टम