जनवरी माह से जिले के गरीबों को एनीमिया से बचाने मिलेगा फोर्टीफाइड नमक
4.11 लाख कार्ड धारकों को बांटा जाएगा आयरन युक्त नमक
5.50 crore salt is being given free to the government poor
सतना. स्वास्थ्य सूचकांकों की दृष्टि से स्वास्थ्य विभाग द्वारा उच्च प्राथमिकता वाले जिले में चिन्हित सतना जिले में आगामी जनवरी माह से कार्ड धारकों को डबल फोर्टीफाइड नमक का वितरण किया जाएगा। अभी तक यहां आयोडीन युक्त नमक दिया जा रहा था लेकिन अब आयोडीन व आयरन युक्त नमक दिया जाएगा। जिले में इसके लिये 4.11 लाख हितग्राही चिन्हित हैं। जिन्हें वितरित किये जाने वाले इस नये नमक की लागत 5.69 करोड़ रुपये आएगी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदेश में उच्च प्राथमिकता के चिन्हित जिलों में सतना जिला आता है, जहां बेहतर न्यूट्रीशन दृष्टिकोण से राशनकार्ड पात्र हितग्राहियों के लिये वर्तमान आयोडीन नमक के स्थान पर जनवरी माह से आईएसआई मार्क रिफाइंड डबल फोर्टीफाइड नमक प्रदाय किया जाएगा। हितग्राहियों को यह नमक पहले की ही तरह एक रुपये में वितरित किया जाएगा। यह है वजह सामान्य तौर पर महिलाओं और बच्चों में हाइपोथायरायडिज्म नामक बीमारी जिसमें गले की थायराइड ग्रंथि बढ़ने लगती है, इससे बचाने के लिये सरकार ने चिन्हित कार्ड धारी परिवारों को आयोडीन युक्त नमक का वितरण शुरू किया था। लेकिन इस बीच पाया गया कि हितग्राही परिवारों में आयरन की कमी से एनीमिया की शिकायत ज्यादा है। लिहाजा तय किया गया कि आयोडीन युक्त नमक में आयोडीन के साथ आयरन को मिलाया जाकर वितरित किया जाए। इस आयरन-आयोडीन युक्त नमक को डबल फोर्टीफाइड नमक कहा जाता है। इससे एनीमिया रोग से लड़ने की क्षमता बढ़ जाती है। यह है नमक का गणित सतना जिले के सभी ८ ब्लाक उच्च प्राथमिकता में चिन्हित है। जिले की कुल जनसंख्या 25.43 लाख है। जिसमें से हितग्राहियों की संख्या 17.91 लाख है। हितग्राहियों के मान से जिले में कुल 4.11 लाख कार्ड धारक हैं। इनके लिये महीने में कुल नमक की आवश्यकता 412 मीट्रिक टन है अर्थात साल भर में 4943 मीट्रिक टन चाहिए। आयोडीन युक्त नमक की वार्षिक कीमत 4,51,77,850 रुपये होती है। फोर्टीफाइड नमक की कीमत 5,69,43,028 रुपये पड़ेगी। इस तरह नये नमक के लिये जिले का बजट 1.16 करोड़ रुपये बढ़ जाएगा।
5.20 करोड़ के घाटे में सरकार सरकारी गरीबों को शासन एक रुपये किलो की दर से नमक देता है। जिले में 4943000 किलो सालाना नमक इन सरकारी गरीबों को बांटा जा रहा है। अर्थात इतने ही रुपये सरकार को राशन दुकान से नमक बिक्री के मिल रहे हैं। जबकि सरकार इसके लिए 5,69,43,028 रुपये में नमक खरीद रही है। इस तरह सरकारी खजाने को सतना जिले से अकेले नमक के फेर में 5.20 करोड़ रुपये का घाटा होता है।