हादसे की खबर सामने आने के बाद सतना सेक्शन में अफरातफरी मच गई। आनन-फानन घटनास्थल पर पहुंचे एडीएएन राजेश पटेल व इंजीनियरिंग रेल अधिकारियों ने वजह जानने की कोशिश की। डिरेलमेंट होने से ट्रैक बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। हादसे के कारण मालगाड़ी अप ट्रैक तक आ गई। इसके चलते रेल अधिकारियों ने गाडि़यों का परिचालन बंद करा दिया। हादसे के बाद रेलवे फाटक बंद कर दिए गए, लेकिन लोग नहीं माने और जान जोखिम में डालते हुए मालगाड़ी के नीचे से होकर गुजरते रहे। बाद में आरपीएफ ने लोगों को रोका।
ये ट्रेनें हुईं प्रभावित
मालगाड़ी के साइडिंग में बेपटरी होने का असर यात्री ट्रेनों पर भी हुआ। 1 घंटे से लेकर 5 घंटे तक ट्रेनें प्रभावित हुईं। रीवा इंटरसिटी एक्सप्रेस ३ घंटे, मानिकपुर-सतना पैसेंजर 4.30 घंटे, उधना अंत्योदय एक्सप्रेस 6.44 घंटे, काशी एक्स. 3.35 घंटे, लखनऊ गरीबरथ एक्स 2.10 घंटे, वारणसी सुपर फास्ट 4 घंटे, रेवांचल एक्सप्रेस 4 घंटे, रीवा-बिलासपुर एक्सप्रेस 3 घंटे, संघमित्रा एक्स 2.41 घंटे, मुंबई-एलटीटी सुपरफास्ट 3.55 घंटे, चित्रकूट एक्सप्रेस 1 घंटे, रत्नागिरी एक्सप्रेस आधा घंटे, सारनाथ नाथ 7.09 घंटे, कामायनी 4 घंटे तक विलंब रहीं।
मालगाड़ी के साइडिंग में बेपटरी होने का असर यात्री ट्रेनों पर भी हुआ। 1 घंटे से लेकर 5 घंटे तक ट्रेनें प्रभावित हुईं। रीवा इंटरसिटी एक्सप्रेस ३ घंटे, मानिकपुर-सतना पैसेंजर 4.30 घंटे, उधना अंत्योदय एक्सप्रेस 6.44 घंटे, काशी एक्स. 3.35 घंटे, लखनऊ गरीबरथ एक्स 2.10 घंटे, वारणसी सुपर फास्ट 4 घंटे, रेवांचल एक्सप्रेस 4 घंटे, रीवा-बिलासपुर एक्सप्रेस 3 घंटे, संघमित्रा एक्स 2.41 घंटे, मुंबई-एलटीटी सुपरफास्ट 3.55 घंटे, चित्रकूट एक्सप्रेस 1 घंटे, रत्नागिरी एक्सप्रेस आधा घंटे, सारनाथ नाथ 7.09 घंटे, कामायनी 4 घंटे तक विलंब रहीं।
डेढ़ माह में दो हादसे
जबलपुर मंडल में सेफ्टी के लिए अधिकारियों द्वारा उठाए गए कदम के बाद भी दुर्घटनाओं में कमी नहीं आ रही है। डेढ़ माह में सीमेंट की सायडिंग लाइन में यह दूसरा हादसा है। गौरतलब है कि दिसम्बर के अंतिम दिनों में तुर्की स्टेशन के पास जपी सायडिंग में मालगाड़ी का इंजन डिरेल हो गया था। उस घटना की जांच पूरी होने के पहले बिरला में लोडेड मालगाड़ी के पहिए पटरी से उतर गए।
जबलपुर मंडल में सेफ्टी के लिए अधिकारियों द्वारा उठाए गए कदम के बाद भी दुर्घटनाओं में कमी नहीं आ रही है। डेढ़ माह में सीमेंट की सायडिंग लाइन में यह दूसरा हादसा है। गौरतलब है कि दिसम्बर के अंतिम दिनों में तुर्की स्टेशन के पास जपी सायडिंग में मालगाड़ी का इंजन डिरेल हो गया था। उस घटना की जांच पूरी होने के पहले बिरला में लोडेड मालगाड़ी के पहिए पटरी से उतर गए।
जिस वक्त हादसा हुआ, उस समय यह ट्रैक का सबसे व्यस्त होता है। रात 8 बजे से 11 बजे तक अप व डाउन साइड से लम्बी दूरी की गाडि़यां गुजरती हैं। हादसे के चलते मालगाड़ी अप ट्रैक से सट गई। लिहाजा, स्टेशन के प्लेटफॉर्म 1 पर ट्रेनों का आना बंद कर दिया गया। अप लाइन बंद होने से रेल ट्रैफिक इस कद प्रभावित हुआ कि ज्यादातर गाडि़यां मैहर, उचेहरा, मझगवां आदि स्टेशनों में घटों खड़ी रहीं। ट्रेनों में सवार यात्रियों की फजीहत हुई।