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क्षय नियंत्रण फर्जीवाड़ा: एक ही बैंक खाते से 3 ब्लॉक का हितग्राही बताकर निकाल ली राशि

locationसतनाPublished: Aug 24, 2019 04:05:39 pm

Submitted by:

suresh mishra

टीबी मरीजों को दी जाने वाली पोषण राशि के नाम पर व्यापक पैमाने पर किया बंदरबाट

Satna Tuberculosis control fraud

Satna Tuberculosis control fraud

सतना। पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के तहत टीबी रोगियों को दी जाने वाली पोषण आहार की राशि के नाम पर जिले में हद दर्जे का फर्जीवाड़ा किया गया है। यहां के अधिकारियों ने एक हितग्राही के एक ही खाता नंबर को अलग-अलग ब्लाक का दिखाकर उनके नाम पर लाखों रुपए का गबन कर डाला। जिले में दो साल से चल रहे इस खेल का खुलासा अनवरत जारी रहता अगर स्वास्थ्य विभाग साफ्टवेयर में डीबीटी रिस्क असिस्टेंट सुविधा गुपचुप तरीके से न शुरू की होती।
जैसे ही साफ्टवेयर में यह सुविधा प्रारंभ हुई तो इससे यह तथ्य सामने आ गया कि किस तरह एक ही खाताधारक को अलग-अलग विकासखंडों का निवासी दिखा कर लाखों रुपए निकाले जा रहे हैं। चौंकाने वाला तथ्य तो यह भी सामने आया कि ज्यादातर ऐसे खाते टीबी विभाग से जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों के रिश्तेदारों के हैं। यह भी जानकारी मिल रही है कि लाभ के लिए इन्हें फर्जी तरीके से टीबी रोगी भी बताया गया है।
इस तरह हुआ खेल
पत्रिका के हाथ लगे दस्तावेजों में टीबी नियंत्रण विभाग का पूरा काला चिट्टा खुल कर सामने आ गया है। वर्ष 2019 के रिकार्डों के अनुसार 353 खातों में गड़बड़झाला पकड़ में आया है। मसलन, टीबी मरीज दीपा सिंह पति सतेन्द्र सिंह (खाता नंबर 080731305**) को मैहर, उचेहरा और देवराजनगर विकासखण्ड का निवासी दिखा कर क्रमश: 50 हजार, 23 हजार और 5 हजार रुपए निकाले गए। इसी तरह से सबाना निलोफर पति मे. जमालुददीन (खाता नंबर 9440101000144**) को उचेहरा और मैहर का निवासी दिखाकर इनके नाम पर क्रमश: 63500 और 86000 रुपये निकाल लिये गए। इसी तरह से मतीन खान पिता मोइन खाना (खाता नंबर 9440101100141**) को उचेहरा मैहर का निवासी दिखाते हुए क्रमश: 21500, 21500 रुपये निकाल लिए गए। इसी तरह से लाखों रुपए का खेल कई अन्य खाताधारकों को अलग-अलग स्थान का निवासी दिखाकर कर लिया गया। 2018 की लिस्ट में भी इसी तरह से खेल किया गया है। इसमें दूसरे हितग्राही का पैसा दूसरे के खाते में डालकर राशि का गबन कर लिया गया। यह खेल पकड़ में आने के बाद अब विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों की घिघ्घी बंध गई है।
खानापूर्ति की कार्रवाई
भले ही शासकीय योजना में सिद्ध भ्रष्टाचार का मामला सामने आने के बाद सीएमएचओ कार्रवाई की बात कर रहे हैं, लेकिन अभी तक की कवायद महज खाना पूर्ति ही साबित हो रही है। उन्होंने संबंधितों के विरुद्ध नोटिस जारी करने की बात की है। लेकिन जानकारों का कहना है कि इस मामले में शासकीय सेवकों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर इन्हें निलंबित करने की कार्रवाई की जाकर विभागीय जांच संस्थित की जानी चाहिए।
12 लाख से ज्यादा का घोटाला
बताया गया है कि खाताधारकों के नाम पर किए गए इस खेल में 12 लाख रुपए से ज्यादा का गबन किया गया है। इस राशि की रिकवरी के लिए भी अभी तक कोई ठोस कार्रवाई प्रारंभ नहीं की गई है।

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