बच्चों ने बताया कि सेंट क्लारेट स्कूल बरा कला कोठी में अनोखे बैंड की नींव प्रिंसिपल फादर अनीस, एडमिनिस्टेटर फादर मनू और मैनेजर फादर जार्ज ने रखी थी। उन्होंने बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ कुछ अलग सिखाने की तमन्ना को लेकर केरल से केके वर्गिस नाम के बैंड टीचर को हायर किया था। जो करीब दो वर्ष पहले स्कूल आए और ड़ेढ महीने में बच्चों को बैंड सिखाया। शुरूआती दौर में हालांकि बच्चों के पैरेंटस और खुद बच्चों ने विरोध किया। लेकिन एक्सट्रा क्लास लगाकर बच्चों को बैंड सिखाया गया। इस दौरान बच्चे धूप में खड़े-खड़े काले भी पड़ गए। इफोनियम बजाते समय मुंह भी सूझ आया। फिर भी बच्चों ने हार नहीं मानी और आज स्कूल से लेकर खुद बच्चे और माता-पिता भी गर्व महसूस करते है।
पुलिस परेड ग्राउंड बच्चों को लेकर पहुंचे टीचर जित्तू का कहना है कि 10 लाख के उपकरणों से बैंड की शुरूआत हुई थी। बैंड का प्रशिक्षण 27 बच्चों को दिया गया था। जो कोठी और जैतवारा के आसपास के थे। सात बच्चों वाली लाइन की चार रो होती है। जिसमे दल की पहली रो में कमांडिग स्टीक लिए तीन टीम लीडर होते है। सर्कल वेस, इफोनियम, ट्रंपेड, साइड ड्रम, सिंबल, बेस ड्रम जैसे बैंड के उपकरण बच्चे बजाकर राष्ट्रीय कार्यक्रमों में चार-चांद लगा देते है।
रिहर्सल करने पहुंचे बच्चों का कहना है कि गणतंत्रता दिवस की परेड में जनरल स्लूट से बैंड की ओपनिंग होती है। फिर स्लो मार्च, नेशनल एंथम, नेशनल सांग, मनमोहक धुनों पर मार्च, परेड सलामी और पीटी सहित 15 से 20 धुन बजाते है।