110 बिस्तरों की क्षमता वाले अस्पताल में हर रोज 2000 से ज्यादा मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। अस्पताल की शुरुआत एक दिसंबर को हुई थी, यहां अब तक चालीस हजार से ज्यादा मरीजों का इलाज किया जा चुका है। अस्पताल में अब तक सात डिलीवरी हो चुकी हैं। यहां वायरल के साथ डाइरिया, सांस अटकने के मरीज सबसे ज्यादा आते हैं। ठंडे पानी में डुबकी लगाने से कई बार सांस अटक जाती है और लोग इसे हार्ट अटैक समझ लेते हैं।