11 हजार मकानों का सर्वे भी पूरा किया जा चुका है। घरों से तार, खंभों व ट्रांसफॉर्मर से दूरी व इनमें रहने वाले परिवारों की मजबूरी के चलते अब यहां बिजली नहीं पहुंची। इन मकानों में रहने वाले परिवार या तो चिमनी के भरोसे हैं या फिर कटिया फंसाकर बिजली जला रहे हैं।
70 करोड़ खर्च किए जाएंगे अब प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना सौभाग्य के जरिए इन घरों का अंधेरा छांटा जाएगा। अंधेरे में डूबे घरों में बिजली पहुंचाने के लिए 70 करोड़ खर्च किए जाएंगे। हर घर तक बिजली पहुंचाने तार, खम्भे, ट्रांसफॉर्मर व अन्य बिजली उपकरणों में यह राशि खर्च होगी। सर्वे का काम पूरा होने पर जल्द ही शासन को डीपीआर भेजा जाएगा।
सौभाग्य एप से सर्वे
सौभाग्य योजना के तहत हर घर बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। अब तक 11 हजार सर्वे हो चुके हैं। सर्वे की जानकारी सौभाग्य एेप में फीड की जा रही है। सतना सर्किल के ग्रामीण संभाग में सबसे ज्यादा बिजली विहीन घर हैं। मैहर व अमरपाटन में भी यही हाल है। अभी तक के सर्वे के अनुसार जिले में एक भी गांव विद्युत विहीन नहीं है, लेकिन गांव से बाहर, पहाड़ी इलाके में, जंगली इलाके आदि जगहों पर बने घरों में बिजली नहीं है।
सौभाग्य योजना के तहत हर घर बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। अब तक 11 हजार सर्वे हो चुके हैं। सर्वे की जानकारी सौभाग्य एेप में फीड की जा रही है। सतना सर्किल के ग्रामीण संभाग में सबसे ज्यादा बिजली विहीन घर हैं। मैहर व अमरपाटन में भी यही हाल है। अभी तक के सर्वे के अनुसार जिले में एक भी गांव विद्युत विहीन नहीं है, लेकिन गांव से बाहर, पहाड़ी इलाके में, जंगली इलाके आदि जगहों पर बने घरों में बिजली नहीं है।
5 सौ रुपए देकर बिजली कनेक्शन बतौर उदाहरण, मझगवां, चित्रकूट, परसमनिया, रामनगर जैसे इलाकों में कई घर सालों से बिजली विहीन हैं। योजना में बीपीएल व नॉन-बीपीएल दोनों को कनेक्शन दिए जा रहे हैं। एेसे परिवारों को जो सामाजिक, आर्थिक और जाति जनगणना 2011 के तहत बीपीएल में दर्ज हैं, मुफ्त कनेक्शन मिलेंगे। जो घर या परिवार 2011 की जनगणना में शामिल नहीं हो सके थे, यानि गरीबी रेखा से ऊपर हैं वे भी 5 सौ रुपए देकर बिजली कनेक्शन हासिल कर सकेंगे।
बिजली के लिए 191 करोड़ की योजनाएं
जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत अधोसंरचना मजबूत बनाने के लिए 78 करोड़ की दीनदयाल ग्रामीण विद्युत योजना व शहरी क्षेत्र के लिए 43 करोड़ की आईपीडीएस के तहत सब स्टेशन बनाकर लाइन खींची जा रही है। सौभाग्य योजना के 70 करोड़ शामिल होने के बाद जिले में बिजली की योजना करीब दो सौ करोड़ की हो जाएगी। जिले में हर माह औसत पॉवर डिमांड 12 सौ यूनिट है, लेकिन 77 हजार नए कनेक्शन के बाद मांग में और इजाफा होगा।
जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत अधोसंरचना मजबूत बनाने के लिए 78 करोड़ की दीनदयाल ग्रामीण विद्युत योजना व शहरी क्षेत्र के लिए 43 करोड़ की आईपीडीएस के तहत सब स्टेशन बनाकर लाइन खींची जा रही है। सौभाग्य योजना के 70 करोड़ शामिल होने के बाद जिले में बिजली की योजना करीब दो सौ करोड़ की हो जाएगी। जिले में हर माह औसत पॉवर डिमांड 12 सौ यूनिट है, लेकिन 77 हजार नए कनेक्शन के बाद मांग में और इजाफा होगा।
योजना का औपचारिक शुभारंभ कल टाउन हाल में
सौभाग्य योजना के तहत सर्वे कर कनेक्शन देने का काम जारी है। इसका औपचारिक शुभारंम्भ होना बाकी है। विद्युत कंपनी के अधीक्षण अभियंता वीके जैन ने बताया कि जिले में योजना का शुभारंभ 13 जनवरी को सुबह 9.30 बजे सांसद गणेश सिंह द्वारा किया जाएगा। इस मौके पर विधायक शंकरलाल तिवारी, जिपं अध्यक्ष सुधा सिंह, महापौर ममता पाण्डेय सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहेंगे।
सौभाग्य योजना के तहत सर्वे कर कनेक्शन देने का काम जारी है। इसका औपचारिक शुभारंम्भ होना बाकी है। विद्युत कंपनी के अधीक्षण अभियंता वीके जैन ने बताया कि जिले में योजना का शुभारंभ 13 जनवरी को सुबह 9.30 बजे सांसद गणेश सिंह द्वारा किया जाएगा। इस मौके पर विधायक शंकरलाल तिवारी, जिपं अध्यक्ष सुधा सिंह, महापौर ममता पाण्डेय सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहेंगे।
हकीकत
– 408000- जिले के वर्तमान विद्युत उपभोक्ता
– 77 हजार- जिले के इतने घरों में बिजली नहीं
– 70 करोड़- राशि खर्च होगी कनेक्शन की अधोसंरचना में
– 11 हजार- घरों के अभी तक हुआ सर्वे
– 5.5 हजार- कनेक्शन सौभाग्य योजना में दिए गए
– 78 करोड़- से ग्रामीण विद्युत अधोसंरचना खड़ी होगी
– 43 करोड़- शहरी विद्युत अधोसंरचना के लिए
– 1200 लाख यूनिट- हर माह जिले में बिजली की औसत डिमांड
– 408000- जिले के वर्तमान विद्युत उपभोक्ता
– 77 हजार- जिले के इतने घरों में बिजली नहीं
– 70 करोड़- राशि खर्च होगी कनेक्शन की अधोसंरचना में
– 11 हजार- घरों के अभी तक हुआ सर्वे
– 5.5 हजार- कनेक्शन सौभाग्य योजना में दिए गए
– 78 करोड़- से ग्रामीण विद्युत अधोसंरचना खड़ी होगी
– 43 करोड़- शहरी विद्युत अधोसंरचना के लिए
– 1200 लाख यूनिट- हर माह जिले में बिजली की औसत डिमांड