अपहरणकर्ताओं ने कहा था, रावत को बता देना उसके बच्चों को बबुली गैंग उठा ले गया
तीन अन्य गवाहों ने विशेष कोर्ट में दर्ज कराए बयान

सतना. जिले के बहुचर्चित प्रियांश-श्रेयांश हत्याकाण्ड मामले की दस्यु प्रभावित क्षेत्र के अंतगर्त गठित विशेष न्यायालय प्रदीप कुशवाह की अदालत में चार गवाहों के बयान दर्ज किए गए। स्कूल बस चालक रिंकू नागर ने विशेष कोर्ट को बताया, जज साहब प्रियांश और श्रेयांश का अपहरण करने दो लड़के बस के अंदर दाखिल हुए। दोनों मुहं में गमछा बांधे हुए थे। एक ने कंडक्टर का गला दबा दिया और दूसरे ने मेरे माथे पर बंदूक तान दी। गंदी-गंदी गालियां देकर कहा, बस बंद कर। तब मैने बस बंद कर दी।
स्कूल की महिला कर्मचारी ने दोनों अपहरणकर्ताओं को मना किया तो उसे भी गालियां देकर कहा, चुपचाप बैठ जा नहीं तो गोली मार देंगे। दोनों अपहरणकर्ता जाते-जाते गंदी-गंदी गालियां दे रहे थे और कह रहे थे रावत को बता देना। उसके दोनों बच्चों को बबुली गैंग के लोग उठा ले गए हैं। बस ड्राईवर ने मोटर सायकल की भी पहचान की।
मासूमों को नींद की दवा खिला सुला देते थे
दवा दुकान संचालक ने रामआश्रय ने एक आरोपी पदमकांत शुक्ला की पहचान की। रामआश्रय ने कोर्ट से कहा, जज साहब घटना के बाद आरोपी पदम मेरी दवा दुकान से नींद की दवा सुनिद्रा खरीद कर ले जाता था। मनोज मिश्रा ने वारदात के बाद दोनों अपहरणर्ताओं का पीछा किया था। जिसने कोर्ट को बताया, प्रियांश श्रेयांध का अपहरण का दो अपहरणर्ता मोटर सायकल से भाग रहे थे। मैने रामानंद आश्रम के पहले तक दोनों को देखा। इसके बाद दोनों अपहरणकर्ता बच्चों के साथ झाडि़यों में छिप गए थे। मनोज ने भी मोटर सायकल की पहचान की।
टीचर ने बताया, दोनों बच्चे पहुंचे थे स्कूल
प्रियांश-श्रेयांश को सदगुरु स्कूल चित्रकूट में पढ़ाने वाली टीचर सोनम अग्रवाल ने भी कोर्ट में बयान दर्ज कराए। टीचर ने कोर्ट से कहा, दोनों बच्चे घटना दिनांक को स्कूल आए थे। मैने कक्षा में अटेडेंस ली थी। स्कूल की छुट्टी होने के बाद दोनों बच्चों को स्कूल बस में बैठाया था। टीचर ने कोर्ट के सामने बच्चों का उपस्थिति रजिस्टर भी प्रस्तुत किया।
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