फिर ट्रेन को पटरी पर लाने का काम शुरू हुआ। उल्लेखनीय है, एक सप्ताह के अंदर सतना रेलवे यार्ड में दूसरी बड़ी घटना है। इससे पहले डेड-इंड व दीवार तोड़ते हुए मालगाड़ी सड़क तक पहुंच गई थी।
इंजन जाकर गार्ड के डिब्बे में ठोकर मार दिया जानकारी के मुताबिक सोमवार को सुबह १०.२२ बजे के करीब सतना यार्ड की आरएनडी-५ लाइन एक रैक बीसीएन एमटी खड़ी थी। जिसे बिरला साइडिंग ने प्लेश करने के लिए एएलडी छोर में पावर नम्बर डब्ल्यूडीजी ४- ७०५३६ जोड़ा जा रहा था। तभी ब्रेक नम्बर ईसीआर ८६१०१०/१३७२९ ब्रेक लेट सेन्स किया और इंजन जाकर गार्ड के डिब्बे में ठोकर मार दिया। जिसके कारण डिब्बे दो पहिये पटरी से निचे उतर गये।
2 घंटे बाद मालगाड़ी को पटरी पर लाया गया वहीं यार्ड में डिरेलमेंट की खबर लगते ही रेलवे में हडकंप मच गया और घटना स्थल पर आला अधिकारी पहुंच गये। बताया जा रहा है कि शंंटिंग के दौरान सेन्टर अनुज नाथ, चालक सतीश कुमार एवं प्वाइंटन्स मैन जितेन्द्र कुमार यादव रहे। इसके बाद मालगाड़ी को पटरी पर लाने की कावयदा शुरु कर दी गई। करीब डेढ़ से दो घंटे बाद मालगाड़ी को पटरी पर लाया गया।
डीआरएम ने किया था सेफ्टी निरीक्षण
अभी दो दिन पहले ही डीआरएम सुधीर कुमार जबलुपर से मानिकपुर व रीवा तक सुरक्षा व सेफ्टी को लेकर विंडो निरीक्षण कर के गये हैं। साथ ही सभी अधिकारीयों को रेल संचालन में सेफ्टी का विशेष ध्यान देने का निर्देश भी दिया है। लेकिन एेसा लगता है कि डीआरएम के निर्देशों का भी यहां के अधिकारियों पर कोई असर नहीं हो रहा है। जिसके कारण सतना में डिरेलमेंट की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं।