सेवा कोई बंधन या मजबूरी नहीं, यह तो मन की मौज है
सतनाPublished: Oct 20, 2019 09:50:11 pm
संत निरंकारी सत्संग भवन में साप्ताहिक सत्संग
Service is not a compulsion , it is a pleasure of the mind
सतना. कृष्ण नगर स्थित नवीन संत निरंकारी सत्संग भवन में महात्मा साजनलाल यादव ने सेवा का महत्व समझाया। उन्होंने कहा कि गुरसिख जीवन में निष्काम सेवा का बहुत महत्व है। कण-कण में व्याप्त निरंकार परमात्मा का बोध सद्गुरु की कृपा से होता है। उनकी प्राप्ति से ही इंसान का जीवन भक्ति से भरपूर हो जाता है। उन्होंने कहा कि सेवा, सत्संग, सुमिरन के बिना की गई भक्ति अधूरी होती है। इंसान को ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति के बाद तन, मन, धन से निरंकार परमात्मा सेवा करनी चाहिए। मन भाव से की गई सेवा की परवान होती है। उन्होंने कहा कि सेवा में संभावित कर्म है जो श्रद्धा, प्यार, निष्काम, भावना से प्रेरित होकर किया जाता है। इसमें कोई सौदेबाजी नहीं होती, बदले की भावना नहीं होती है। सेवा कोई बंधन या मजबूरी नहीं है। यह तो मन की मौज है।इसमें कोई सौदेबाजी नहीं होती, बदले की भावना नहीं होती है। सेवा कोई बंधन या मजबूरी नहीं है। यह तो मन की मौज है।