पूरी तरह अतिक्रमण हटाने की मांग बताया गया कि ब्रिज के नीचे बस्ती में लोगों के रहने से काम प्रभावित हो रहा है। इस समस्या पर सेतु निगम पूर्व में कई जिला प्रशासन को पत्र लिखकर पूरी तरह अतिक्रमण हटाने की मांग कर चुका है। बीते माह नगर निगम ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की थी पर अगले दिन से फिर से झुग्गियां आबाद हो गईं थीं। बीते एक साल से ओवरब्रिज पर यातायात का दबाव सबसे ज्यादा रहता है और जगह-जगह जाम की समस्या होती है।
ऊपर टूट रहे पत्थर, नीचे आबादी
ठेकेदार ने ब्रिज की मरम्मत का काम सिविल लाइन छोर से शुरू किया था। ब्रिज के दोनों ओर लगभग डेढ़ सौ मीटर फुटपाथ व रेलिंग बदलने के बाद सिविल लाइन छोर से काम शुरू किया गया। फुटपाथ तोडऩे का काम करीब 200 मीटर तक हो चुका है। जहां फुटपाथ तोड़ा जा रहा है उसके ठीके नीचे झुग्गी बस्ती है। टूट-फूट के दौरान भी लोग झुग्गियों से बाहर नहीं निकलते। जबकि नगर निगम व प्रशासन ने दावा किया था कि पुल के नीचे से सभी झुग्गियां खाली करा ली गई हैं।
ठेकेदार ने ब्रिज की मरम्मत का काम सिविल लाइन छोर से शुरू किया था। ब्रिज के दोनों ओर लगभग डेढ़ सौ मीटर फुटपाथ व रेलिंग बदलने के बाद सिविल लाइन छोर से काम शुरू किया गया। फुटपाथ तोडऩे का काम करीब 200 मीटर तक हो चुका है। जहां फुटपाथ तोड़ा जा रहा है उसके ठीके नीचे झुग्गी बस्ती है। टूट-फूट के दौरान भी लोग झुग्गियों से बाहर नहीं निकलते। जबकि नगर निगम व प्रशासन ने दावा किया था कि पुल के नीचे से सभी झुग्गियां खाली करा ली गई हैं।
मरम्मत नहीं तो सड़क भी नहीं बनी
ब्रिज के काम की लेटलतीफी का दंश शहरवासियों को भोगना पड़ रहा है। जानकारों के अनुसार जब तक पूरी तरह मरम्मत नहीं हो जाती ब्रिज की सड़क नहीं बनेगी। मरम्मत के बाद डामर सड़क को सीसी किया जाना है। ब्रिज की सड़क पहले जैसे खस्ताहाल हो गई है। सेतु निगम द्वारा बारिश के पहले पैचवर्क भी नहीं कराया गया। पूरी सड़क पर गड्ढों की भरमार है जो आवागमन बाधित कर रहे हैं।
ब्रिज के काम की लेटलतीफी का दंश शहरवासियों को भोगना पड़ रहा है। जानकारों के अनुसार जब तक पूरी तरह मरम्मत नहीं हो जाती ब्रिज की सड़क नहीं बनेगी। मरम्मत के बाद डामर सड़क को सीसी किया जाना है। ब्रिज की सड़क पहले जैसे खस्ताहाल हो गई है। सेतु निगम द्वारा बारिश के पहले पैचवर्क भी नहीं कराया गया। पूरी सड़क पर गड्ढों की भरमार है जो आवागमन बाधित कर रहे हैं।
फैक्ट फाइल
– ब्रिज की लंबाई- 750 मीटर
– कार्य शुरु हुआ- सितम्बर 2017
– अब तक हुआ कार्य- 30 फीसदी
– मरम्मत की लागत- 3.5 करोड़
– ब्रिज की लंबाई- 750 मीटर
– कार्य शुरु हुआ- सितम्बर 2017
– अब तक हुआ कार्य- 30 फीसदी
– मरम्मत की लागत- 3.5 करोड़