राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा पीएचसी के बाद दूसरे चरण में उप स्वास्थ्य केंद्रों का चयन किया गया है। प्रत्येक केंद्र के लिए ं 7 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गयी है। इस राशि से केंद्रों में मरीजों के बैठने, शौचालय सहित अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी। जिससे केंद्रों में आने वाले पीडि़तों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े।
जिलेभर में 34 प्रसव केंद्र हैं। इनमें एेसे आधा दर्जन उप स्वास्थ्य केंद्र हैं जहां से प्रसव केंद्र संचालित किए जा रहे थे। लेकिन वर्तमान में महज दो एसएचसी मैहर का अजमाइन उप स्वास्थ्य केंद्र और रामपुर बाघेलान का चोरमरी ही सक्रिय है। जहां पर प्रसव हो रहे हैं। चार प्रसव केंद्र मनकहरी रामनगर, मगरौरा मैहर, रामगढ अमरपाटन ़,शिवराजपुर नागौद निष्क्रिय हैं। जहां पर स्टाफ की कमी के चलते प्रसव नहीं हो रहे हैं। जिसकी वजह से ग्रामीणों अंचल में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को मजबूरी में प्रसव कराने दूसरे शहर आना पड़ रहा है।
जिले के 41 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को भी सेहत और सुकून केंद्र बनाया जाना था। तब लोगों को उम्मीद जागी थी कि गांव में ही इलाज मिलेगा। लेकिन दस माह बीत जाने के बाद भी दो केंद्रो को छोड़ किसी में भी स्क्रीनिंग तक आरंभ नहीं हो पाई है।