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सतना

प्रसव केंद्र के रूप में चल रहे एसएचसी अब बनेंगे सेहत सुकून केंद्र

प्रत्येक केंद्र में खर्च होंगे 7 लाख रुपए, मरीजों के लिए बढ़ेंगी सुविधाएं

सतनाMay 15, 2019 / 11:21 pm

Vikrant Dubey

ShC to be run as a delivery point will become Health and Wellness Center

ShC to be run as a delivery point will become Health and Wellness Center

सतना. जिलेभर के एेसे उप स्वास्थ्य केंद्र जो कि प्रसव केंद्र के रूप में संचालित किए जा रहे हैं शीध्र ही सेहत और सुकून केंद्र के रूप में विकसित किए जाएंगे। इन केंद्रों में मरीज व उनके अटेंडेंट के लिए सुविधाएं भी बढ़ाई जाएंगी। जिससे लोगों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के बाद अब डिलेवरी प्वाइंट को सेहत और सुकून केंद्र बनाए जाने की प्रकिया आरंभ हो गई है। अब उप स्वास्थ्य केंद्रों का नाम सेहत एवं सुकून केन्द्र होगा। जिन्हें हब एण्ड स्पोक्स मॉडल पर आधारित प्रभावी रेफ रल केन्द्र बनाया जाएगा। केंद्रों में पहुंचने वाले पीडि़तों को बारह तरह की चिन्हित चिकित्सा सुविधाएं मुहैया करायी जाएंगी। जिनमें असंचारी रोग, डायबिटीज, हाइपरटेंशन, हृदय रोग का परीक्षण और प्राथमिक उपचार भी प्रदान करने की योजना बनायी गयी हैं।
7 लाख से बनेंगे सेहत सुकून केंद्र
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा पीएचसी के बाद दूसरे चरण में उप स्वास्थ्य केंद्रों का चयन किया गया है। प्रत्येक केंद्र के लिए ं 7 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गयी है। इस राशि से केंद्रों में मरीजों के बैठने, शौचालय सहित अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी। जिससे केंद्रों में आने वाले पीडि़तों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े।
छह में से महज दो प्रसव के ंद्र सक्रिय-
जिलेभर में 34 प्रसव केंद्र हैं। इनमें एेसे आधा दर्जन उप स्वास्थ्य केंद्र हैं जहां से प्रसव केंद्र संचालित किए जा रहे थे। लेकिन वर्तमान में महज दो एसएचसी मैहर का अजमाइन उप स्वास्थ्य केंद्र और रामपुर बाघेलान का चोरमरी ही सक्रिय है। जहां पर प्रसव हो रहे हैं। चार प्रसव केंद्र मनकहरी रामनगर, मगरौरा मैहर, रामगढ अमरपाटन ़,शिवराजपुर नागौद निष्क्रिय हैं। जहां पर स्टाफ की कमी के चलते प्रसव नहीं हो रहे हैं। जिसकी वजह से ग्रामीणों अंचल में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को मजबूरी में प्रसव कराने दूसरे शहर आना पड़ रहा है।
पीएचसी में स्क्रीनिंग भी नहीं-
जिले के 41 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को भी सेहत और सुकून केंद्र बनाया जाना था। तब लोगों को उम्मीद जागी थी कि गांव में ही इलाज मिलेगा। लेकिन दस माह बीत जाने के बाद भी दो केंद्रो को छोड़ किसी में भी स्क्रीनिंग तक आरंभ नहीं हो पाई है।
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