जैन समाज में शोक
बताया गया, विराग सागर महामुनिराज की शिष्या श्रमणी आॢयका का जत्था टीकमगढ़ से सतना होते विहार कर रहा था। घायल साध्वी ने बाइक सवार पर किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं करने की अंतिम इच्छा जताई है। घटना की जानकारी जैसे ही जैन समुदाय के लोगों को लगी, बड़ी संख्या में अंतिम दर्शन करने पहुंच गए। साथ ही रीवा-सतना सहित पूरे बुंदेलखंड में शोक की लहर फैल गई।
बताया गया, विराग सागर महामुनिराज की शिष्या श्रमणी आॢयका का जत्था टीकमगढ़ से सतना होते विहार कर रहा था। घायल साध्वी ने बाइक सवार पर किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं करने की अंतिम इच्छा जताई है। घटना की जानकारी जैसे ही जैन समुदाय के लोगों को लगी, बड़ी संख्या में अंतिम दर्शन करने पहुंच गए। साथ ही रीवा-सतना सहित पूरे बुंदेलखंड में शोक की लहर फैल गई।
नहीं लिया दवा
हादसे के बाद जैन साध्वी ने किसी भी प्रकार की दवा का सेवन करने से इनकार कर दिया। उन्होंने जल का सेवन भी नहीं किया। बता दें कि दिगम्बर परम्परा में दवा नहीं लेते हैं और महज एक बार ही आहार करते हैं। ऐसे में साध्वी ने भी दवा और पानी लेने से इनकार कर दिया था।
हादसे के बाद जैन साध्वी ने किसी भी प्रकार की दवा का सेवन करने से इनकार कर दिया। उन्होंने जल का सेवन भी नहीं किया। बता दें कि दिगम्बर परम्परा में दवा नहीं लेते हैं और महज एक बार ही आहार करते हैं। ऐसे में साध्वी ने भी दवा और पानी लेने से इनकार कर दिया था।
कार्रवाई नहीं करने की इच्छा
जैन साध्वी ने जिस बाइक सवार ने टक्कर मारी थी उस पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं करने की अंतिम इच्छा जताई थी। इस पर पुलिस ने भी किसी प्रकार का मामला दर्ज नहीं किया है।
जैन साध्वी ने जिस बाइक सवार ने टक्कर मारी थी उस पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं करने की अंतिम इच्छा जताई थी। इस पर पुलिस ने भी किसी प्रकार का मामला दर्ज नहीं किया है।
समाज के लोग पहुंचे रीवा
जैन साध्वी की मौत की खबर सुनते ही समाज में शोक की लहर फैल गई। रीवा-सतना सहित बुंदेलखंड के कई लोग रीवा पहुंचे और अंतिम दर्शन किया। इस दौरान छतरपुर, सागर और टीकमगढ़ में भी शोक फैल गया।
जैन साध्वी की मौत की खबर सुनते ही समाज में शोक की लहर फैल गई। रीवा-सतना सहित बुंदेलखंड के कई लोग रीवा पहुंचे और अंतिम दर्शन किया। इस दौरान छतरपुर, सागर और टीकमगढ़ में भी शोक फैल गया।