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श्रीमद् भागवत कथा में कृष्ण जन्मोत्सव पर झूमे श्रद्धालु, कन्हैया की निकली पालकी यात्रा

locationसतनाPublished: Jul 12, 2019 04:05:10 pm

Submitted by:

suresh mishra

चांदमारी रोड धवारी में चल रही श्रीमद भागवत कथा

shrimad bhagwat mahapuran importance of shrimad bhagwat katha in hindi

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सतना। चांदमारी रोड धवारी में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन गुरुवार को कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के दौरान पूरा पांडाल खुशी के मारे झूम उठा। नंदोत्सव में श्रद्वालुओं जमकर नाचे और भक्ति में खो गए। बता दें कि बिहारी लाल गुप्ता के घर में चल रही भागवत के पहले दिन कलश यात्रा और बैठकी, दूसरे दिन कपिल एवं ध्रुव चरित्र, तीसरे दिन नृसिंह अवतार एवं प्रहलाद के चरित्र के बारे में वर्णन किया गया।
कथावाचक आचार्य शंकरदत्त जी महाराज (बड़ा अखाड़ा) ने कहा कि शिव त्याग एवं वैराग्य के प्रतीक हैं। इन आचरणों से संतोष प्राप्त होता है। इच्छा ही दुखों का कारण है। देश में बढ़ रही अशांति, अधार्मिकता तथा असंतोष का निदान केवल धार्मिक ग्रंथों के बताए मार्ग पर चलने से संभव है। धर्म हमें मयार्दा में रहने की प्रेरणा देता है। कथा के दौरान जैसे ही मां देवकी के पुत्र रत्न की प्राप्ति की घोषणा हुई वैसे ही पांडाल में आतिशबाजी के साथ पुष्पवर्षा शुरू हो गई।
आकाशवाणी के आधार पर वासुदेव कन्हैया को पालकी में लेकर गोकुल जाने के लिए पांडाल की ओर बढ़े। जीवंत झांकी के दौरान नन्हें-मुन्हें बच्चों ने भी आकर्षक वस्त्र सज्जा के साथ गोकुल का माहौल तैयार किया। कृष्ण जन्मोत्सव के दौरान श्रद्वालु धार्मिक भजनों पर बीच-बीच में नृत्य करते नजर आए। सुबह 8 से 12 बजे तक मूलपाठ और शाम 4 बजे से रात्रि 8 बजे तक संगीतमय प्रवचन में बड़ी संख्या में महिला-पुरूष कथा श्रवण करने के लिए पहुंचे।
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