scriptsidhi: अभियान में झोंकी ताकत, फिर भी 40 फीसदी शिकायतों का ही हो पाया निराकरण | sidhi: Strong force in the campaign, yet only 40 percent complaints co | Patrika News

sidhi: अभियान में झोंकी ताकत, फिर भी 40 फीसदी शिकायतों का ही हो पाया निराकरण

locationसतनाPublished: May 31, 2023 08:44:29 pm

Submitted by:

Manoj Kumar Pandey

सीएम हेल्प लाइन अभी भी चार हजार से अधिक शिकायतें पड़ी हैं लंबित-मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान के द्वितीय चरण में शत-प्रतिशत लंबित शिकायतों का करना था निराकरण-लंबित शिकायतों के मामले में जिले के टॉप-10 विभागों की जानकारी

sidhi: Strong force in the campaign, yet only 40 percent complaints co

sidhi: Strong force in the campaign, yet only 40 percent complaints co

सीधी। मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान के दौरान सीएम हेल्प लाइन में दर्ज शिकायतों को शत-प्रतिशत निराकरण हेतु पूरी ताकत झोंकने के बाद भी महज 40 प्रतिशत ही सफलता मिल पाई। मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान के प्रारंभिक स्थिति में जिले में विभागवार कुल 6895 शिकायतें सीएम हेल्प लाइन में लंबित थी। इन शिकायतों के शत प्रतिशत निराकरण का लक्ष्य रखा गया था। इसके लिए कलेक्टर द्वारा लगातार समीक्षा बैठकों का आयोजन करने के साथ ही विभागों का भ्रमण कर शिकायतों के निराकरण में पूरी तत्परता के साथ कार्य करने के लिए निर्देशित भी किया जाता रहा। लेकिन 30 मई की स्थिति में जारी रिपोर्ट में कुल लंबित शिकायतों में से महज 40 फीसदी शिकायतों को निराकरण ही हो पाया।
उल्लेखनीय है कि जब किसी विभाग में आम जन मानस का कार्य नहीं होता तब वह शिकायती आवेदन देता है, चाहे वह जनसुनवाई के माध्यम से हो या फिर अन्य माध्यमों से। वहां से निराशा मिलने पर सीएम हेल्प लाइन में शिकायत की जाती है। लेकिन सीएम हेल्प लाइन में शिकायत के बाद भी कई बार संबंधित विभागों के अधिकारियों द्वारा शिकायतों का निराकरण नहीं किया जाता। लंबित शिकायतों के निराकरण के लिए जब वरिष्ठ कार्यालयों से विभागों पर दबाव बनाया जाता है तो संबंधित अधिकारी कर्मचारी शिकायतों का निराकरण कराये बगैर ही शिकायतकर्ता पर शिकायत बंद कराने हेतु दबाव बनाते हैं। जिससे शिकायतें लंबित पड़ी रह जाती हैं। मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान द्वितीय चरण के दौरान भी जिले में लगभग यही स्थिति रही। जिसका परिणाम यह रहा कि 60 फीसदी शिकायतें जस की तस पड़ी हुई हैं।
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राजस्व विभाग में महज 4 प्रतिशत निराकरण-
जिले से सीएम हेल्प लाइन में सर्वाधिक शिकायतें राजस्व विभाग की होती हैं। शिकायतों को लेकर हमेशा राजस्व विभाग नंबर एक की स्थिति में रहता है। लेकिन जब शिकायतों के निराकरण की बात आती है तो सबसे कम शिकायतों का निराकरण भी राजस्व विभाग का ही रहता है। राजस्व विभाग की सेवाएं से जनता सबसे अधिक असंतुष्ट रहती है। मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान द्वितीय चरण के शुरूआत में जिले में राजस्व विभाग में सीएम हेल्प लाइन की 1974 शिकायतें लंबित थी, जिसमें से महज 604 प्रतिशत शिकायतों का ही निराकरण हो पाया, जो कि महज 3.8 प्रतिशत है। अभी भी राजस्व विभाग की 1370 शिकायतें सीएम हेल्प लाइन में लंबित पड़ी हुई हैं। लंबित शिकायतों के मामले में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग दूसरे व लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग तीसरे स्थान पर है।
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जिले में सर्वाधिक लंबित शिकायतों वाले जिले के टॉप-10 विभाग-
विभाग – प्रारंभ में लंबित शिकायतें – निराकरण – वर्तमान में लंबित
राजस्व विभाग – 1974 – 604 – 1370
पंचायत एवं ग्रामीण – 799 – 470 – 329
पीएचई विभाग – 583 – 249 – 334
खाद्य नागरिक आपूर्ति – 527 – 136 – 391
गृह विभाग – 465 – 205 – 260
उर्जा विभाग – 457 – 227 – 230
स्वास्थ्य विभाग – 448 – 145 – 303
सामाजिक न्याय – 222 – 125 – 97
स्कूल शिक्षा विभाग – 216 – 68 – 146
वित्त विभाग – 201 – 84 – 117
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केस-1
फोर्स क्लोज कर दी जाती है शिकायत-
मझौली विकासखंड के ग्राम बघैला निवासी विनोद विश्वकर्मा द्वारा मुख्यमंत्री भू अधिकार पट्टा के लिए दो साल पहले आवेदन किया गया था। लाभ न मिलने पर एक साल पहले सीएम हेल्प लाइन में शिकायत दर्ज कराई गई। लेकिन चार माह में ही शिकायत फोर्स क्लोज कर दी गई। इसके बाद पुन: शिकायत दर्ज कराई गई, एल-4 में पहुंचने पर चार माह में शिकायत को फिर से फोर्स क्लोज कर दिया गया। अब पुन: सीएम हेल्प लाइन में शिकायत दर्ज कराई गई है। विनोद ने बताया कि शिकायत का निराकरण नहीं किया जा रहा है, अधिकारियों द्वारा शिकायत बंद कराने दबाव बनाया जाता है, न बंद करने पर शिकायत फोर्स क्लोज कर दी जाती है।
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केस-2
दो साल से लंबित है शिकायत-
सीधी शहर के वार्ड क्रमांक-5 निवासी आदित्य नारायण सिंह द्वारा शहर के सार्वजनिक स्थल में मांस विक्रय पर प्रतिबंध संबंधी एसडीएम के आदेश का पालन कराने हेतु 4 अगस्त 2021 को सीएम हेल्प लाइन में शिकायत दर्ज कराई गई थी। शिकायत दर्ज कराये करीब 2 साल का समय हो रहा है, लेकिन अभी तक शिकायत का निराकरण नहीं हो पाया है। आदित्य ने बताया कि शिकायत एल-1 स्टेज में है, अधिकारियों द्वारा बीच-बीच में शिकायत बंद कराये जाने हेतु फोन किया जाता है। लेकिन जब मैं कार्रवाई की बात करता हूं तो फोन काट दिया जाता है। अभी भी प्रतिबंध संंबंधी लगाए गए बोर्ड के नीचे लालता चौक सीधी में मांस विक्रय किया जा रहा है।
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वर्जन-
प्रकरणों के निराकरण में सीधी प्रदेश में रहा है अव्वल-
मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान के द्वितीय चरण में जिले में 19513 प्रकरण दर्ज कर 6281 प्रकरणों का निराकरण किया गया। प्रकरणों के निराकरण के प्रतिशत के अनुसार सीधी जिला प्रदेश में प्रथम स्थान पर है। सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों का भी बड़ी संख्या में निराकरण किया गया है। इसकी सतत मॉनीटरिंग की जा रही है।
साकेत मालवीय, कलेक्टर सीधी
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