sidhi: औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने जमीन चिन्हांकन तो हुआ पर आवंटन का मामला अधर में
सतनाPublished: May 26, 2023 10:41:01 pm
जिले में तीन अलग-अलग जगह चिन्हांकित की गई है भूमि, तहसील व एसडीएम कार्यालय में लटकी फ ाइल
-पांच वर्षों की कवायद में जमीन चिन्हांकन तक पहुंचा औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना का मामला
-जिले में औद्योगिक क्षेत्र न होने से नहीं हो पा रही उद्योगों की स्थापना
-श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर नहीं मिल पा रहा रोजगार, नहीं थम रहा पलायन


sidhi: The land has been identified to set up an industrial area, but
सीधी। जिले मेें औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना के लिए पिछले पांच वर्षों से जारी जमीन की तलाश तो पूरी हो गई है, लेकिन चिन्हित जमीनों के जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र को हस्तांतरण का मामला ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है। औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना को एक मुस्त बड़ा भू-भाग न मिलने से तहसीलवार अलग-अलग भू-खंड चिन्हित किये गए हैं, ताकि औद्योगिक क्षेत्र का कलस्टर विकसित किया जा सके। विभागीय अधिकारियों के अनुसार जिले के गोपद बनास तहसील क्षेत्र, चुरहट तहसील क्षेत्र व रामपुर नैकिन तहसील क्षेत्र में करीब 6-6 हेक्टेयर भूमि के चिन्हांकन का कार्य पूरा हुए करीब छ: माह पूरा हो चुका है, अब उक्त चिन्हित जमीन जिला उद्योग एवं व्यापार केंद्र को हस्तांतरित किया जाना है। लेकिन इसकी फाइल एसडीएम एवं तहसील कार्यालयों में रूकी हुई है। हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी नहीं होने से औद्योगिक क्षेत्र का कलस्टर विकसित किये जाने की कार्रवाई शुरू नहीं हो पा रही है।
बताते चलें की खनिज संपदाओं से परिपूर्ण सीधी जिले में उद्योगों को बढ़ावा देने प्रशासनिक एवं राजनैतिक पहल ठंडी होने से अब तक यहां औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना नहीं हो पाई है। औद्योगिक क्षेत्र नहीं होने से जिले में उद्योगों की स्थापना को लेकर उद्योगपति दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। जिले में बड़े उद्योग स्थापित न होने से सबसे बड़ी समस्या स्थानीय स्तर पर रोजगार की है, जिले के बेरोजगार युवाओं को रोजगार की तलाश में औद्योगिक शहरों की ओर पलायन करना मजबूरी बनी हुई है। सीधी जिले के बेरोजगारों का एक बड़ा कुनबा सूरत, गुजरात सहित अन्य शहरों की ओर पलायन कर रहा है। जिले में बड़े उद्योग के नाम पर महज एक सीमेंट प्लांट बघवार अंचल के मझिगवां में संचालित है। इसके अलावा जिले में कोई भी बड़ा औद्योगिक प्लांट नहीं है, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार का संकट बना हुआ है। लघु एवं कुटीर उद्योगों की भी लगभग यही स्थिति बनी हुई है।
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बंद हो चुके हैं बड़े उद्योग-
एक समय था जब सीधी जिले में कई बड़े उद्योग संचालित थे, जिसमें सर्रा चुरहट में डालडा फैक्ट्री, कठौतहा में सुगर मील तथा जिला मुख्यालय में कत्था फैक्ट्री शामिल थी। लेकिन कच्चे माल के अभाव में इन उद्योगों में दशकों पूर्व ताला लग चुका है। जिले के जनप्रतिनिधियों द्वारा बंद पड़े इन उद्योगों को न तो दुबारा संचालित कराये जाने के संबंध में पहल की गई और न ही दूसरे कोई बड़े उद्योगों के स्थापना की पहल ही हो पाई है।
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यहां चिन्हित की गई है जमीन-
विभागीय अधिकारियों के अनुसार औद्योगिक क्षेत्र विकसित किये जाने के लिए लंबे प्रयास के बाद भी मुख्य मार्ग से लगा बड़ा भू-भाग नहीं मिल पाया, जिसके कारण अब कलस्टर डवलपमेंट स्थापना के लिए तीन भू-भाग चिन्हित किये जा चुके हैं, जिसमें तहसील गोपद बनास अंतर्गत बारी टोला चौफाल रोड में 6 हेक्टेयर, चुरहट तहसील अंतर्गत सर्रा में बंद पड़ी डालडा फैक्ट्री के पीछे 6 हेक्टेयर तथा तहसील रामपुर नैकिन अंतर्गत मुख्यालय में घुंघुटा मार्ग से लगी 6 हेक्टेयर भूमि शामिल है।
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कलस्टर डवलपमेंट का तैयार किया जा रहा माड्यूल-
जिले में औद्योगिक क्षेत्र स्थापना के लिए चिन्हित किये गए भू भाग में जिला उद्योग एवं व्यापार केंद्र के अधिकारियों द्वारा कलस्टर डवलपमेंट का माड्यूल तैयार किया जा रहा है। जिसमें एक कलस्टर में एक तरह के उद्योग स्थापित किये जाने की योजना है, ताकि उद्यामियों को कच्चे माल की उपलब्धता में सहूलियत हो, साथ ही व्यापारियों को भी इसमें सहूलियत रहेगी।
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.........जिले में औद्योगिक क्षेत्र स्थापना के लिए तीन भू-भागों का चिन्हांकन किया जा चुका है। चिन्हित भू भागों के हस्तांतरण की प्रक्रिया चल रही है, अभी इसकी फाइल एसडीएम व तहसील कार्यालयों में है। जैसे ही जमीन के हस्तांतरण की प्रक्रिया पूर्ण हुई औद्योगिक क्षेत्र विकसित कर उद्योग स्थापना संबंधी प्रयास शुरू कर दिये जाएंगे।
डीआर तिवारी, असिस्टेंट मैनेजर जिला उद्योग एवं व्यापार केंद्र सीधी
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