दरअसल, बीएसएनएल की सिम बेचने की फ्रेंचाइजी रीवा के एक व्यक्ति को दी गई थी। ग्राहकों ने आरोप लगाया कि फ्रेंचाइजी ने बिना ग्राहक्क की सहमति व बिना टेली बेरीफिकेशन के फर्जी तरीके से सिम चालू कर दी। बीएसएनएल के अफसरों से इसकी लिखित शिकायत भी की है, लेकिन मिलीभगत के चलते कार्रवाई नहीं हो सकी। सी-टॉपअप सिम फर्जी तरीके से चालू कर हजारों का बैलेंस ट्रांसफर व सी-टॉपअप सिम रिटेलर की सहमति के बिना चालू कर दी गई। एक दो नहीं, बल्कि बड़ी संख्या में सी-टॉपअप सिम फर्जी तरीके से चालू की गई हैं। ये सिम कहां हैं, कौन उपयोग कर रहा, विभाग के अफसरों को जानकारी नहीं है। कुछ सिम अब भी चालू हैं। इनमें प्रतिदिन 50-50 हजार तक का ट्रांजेक्शन हो रहा है।
इस मामले का खुलासा राजेंद्र नगर गली नंबर-4 से ओम मोबाइल स्टोर चलाने वाले संजय द्विवेदी ने जिला महाप्रबंधक बीएसएनल के पास शिकायत दर्ज कराई कि उसके द्वारा सी-टॉफअप सिम ली गई थी। सिम बंद पड़ी हुई थी जब उसने सिम रिप्लेस कराई तो पता चला कि उसकी सिम कोई और उपयोग कर रहा है। वही रेलवे कॉलोनी सतना के रहने वाले नर्मदा प्रसाद त्रिपाठी नै शिकायत दर्ज कराई कि स्टेशन के पास बीएसएनएल की दो नयी सिम 3 अक्टूबर 2021 को खरीदी। वह दोनों सिम का टेलीवेरीफिकेशन कर रहा था, ग्राहक सेवा केंद्र का कहना है टेलीफवैरीफिकेशन 13 अक्टूबर को हो चुका है।
एसडीओ स्तर के अधिकारी को है अधिकार
टेलीवेरीफिकेशन और सिम चालू करने का अधिकार बीएसएनएल में एसडीओ रैंक के अधिकारी (आईडी, पासवर्ड) के पास ही रहता है। सतना में उपभोक्ता सेवा केंद्र के एसडीओ के ही पास है। अब ऐसे में यड़ा सवाल यह है कि पासवर्ड किस तरह से एक फ्रेंचाइजी ठेकेदार तक पहुंची या पहुंचा दी गई। बीएसएनएल महाप्रबंधक आरके मीणा ने कहा कि विभाग के पास केवल एक ग्राहक ने शिकायत दर्ज कराई थी। चूंकि, यह गंभीर मामला है, ग्राहक को एफआइआर दर्ज कराने की सलाह दी गई है।