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मास्साब के ट्रांसफर पर फूट-फूट कर रोए बच्चे, गुरु-शिष्य के अगाध प्रेम की नहीं पढ़ी होगी ऐसी कहानी

locationसतनाPublished: Aug 14, 2019 08:51:23 pm

Submitted by:

suresh mishra

– एक शिक्षक ऐसे भी जो बने नजीर- आठ साल बाद अब दूसरे स्कूल की ओर से रूख

singrauli teacher: transferred from school his students got emotional

singrauli teacher: transferred from school his students got emotional

सिंगरौली। गुरु-शिष्य के अगाध प्रेम की ऐसी तस्वीर अब दुर्लभ ही देखने को मिलती है। एक तरफ शिक्षक का स्थानांतरण होता है और दूसरी तरफ बच्चे फूट-फूट का रोने लगते हैं। बच्चों की आंखों में आंसू देख अभिभावक भी भावुक हो गए। शिक्षक से बिछडऩे का गम ऐसा रहा कि बच्चों ने मध्याह्न भोजन तक नहीं किया। हम बात कर रहे हैं देवसर विकासखंड के घिनहा गांव स्थित प्राथमिक शाला की।
मंगलवार को वहां ऐसा दृश्य देखने को मिला। दरअसल, शिक्षक जितेंद्र वैश्य पिछले आठ साल से स्कूल में पदस्थ थे। उन्होंने बच्चों को घर से स्कूल लाने के साथ प्यार से पढ़ाने की जिम्मेदारी निभाई। देखते ही देखते वह छात्रों के चेहते बन गए। छात्र-छात्राएं ही नहीं बल्कि अभिभावक भी उन पर पूरा भरोसा करने लगे हैं।
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बच्चों के लिए बनवाई ट्राली गाड़ी
बच्चों का स्कूल नहीं छूटे, इसके लिए शिक्षक ने एक ट्राली गाड़ी ही बनवा ली। उस गाड़ी से वह आस-पास के गांव के उन बच्चों को स्कूल लाते थे, जिनके पास स्कूल पहुंचने के लिए कोई साधन नहीं था। मंगलवार को बच्चों को जब उनके स्थानांतरण की खबर लगी तो फूट-फूट कर रोने लगे। अभिभावकों ने भी बच्चों को समझाने की कोशिश की, लेकिन कोई चुप नहीं हुआ। बच्चे घंटों रोए। स्कूल में जितेंद्र इकलौते नियमित शिक्षक पदस्थ रहे।
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शिक्षक ने कहा, खुद से मांगा स्थानांतरण
स्थानांतरण के संबंध में शिक्षक का कहना है कि वह अब चितरंगी विकासखंड के भलुगढ़ शाला जाएंगे। उन्होंने यह स्थानांतरण खुद से मांगा है। उद्देश्य अब भलुगढ़ शाला को बेहतर करने का है। गौरतलब है कि शिक्षक जितेंद्र को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए स्वतंत्रता दिवस पर सम्मानित करने के लिए चुना गया है। उन्होंने अपनी मेहनत से घिनहा गांव को शाला को प्रदेश में टॉप फाइव स्कूलों में शामिल कराया है। स्कूल में कुल 86 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं।
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