हालांकि यह 5 फीसदी कम, ज्यादा रह सकती है। एलपीए 887 एमएम है। सामान्य बारिश से कृषि और उद्योग जगत को फायदा होगा। स्काइमेट के पूर्वानुमानों में 20 प्रतिशत संभावना सामान्य से भी ज्यादा बारिश होने की है। दक्षिणी प्रायद्वीप और पूर्वोत्तर भारत के हिस्सों में बारिश सामान्य से कम रहने की आशंका जताई गई है।
तेज गर्मी के आसार
अच्छी बारिश की उम्मीदों के बीच लोगों को प्री-मानसून में तेज गर्मी का सामना करना पड़ सकता है। इसे मानसून में बेहतर बारिश के संकेत के तौर पर समझा जाता है। एक्सपर्ट के अनुसार, इस बार देश में प्री-मानसून में कम वर्षा की संभावना है। इससे मानसून तक तेज गर्मी रहने के संकेत मिलते हैं।
अच्छी बारिश की उम्मीदों के बीच लोगों को प्री-मानसून में तेज गर्मी का सामना करना पड़ सकता है। इसे मानसून में बेहतर बारिश के संकेत के तौर पर समझा जाता है। एक्सपर्ट के अनुसार, इस बार देश में प्री-मानसून में कम वर्षा की संभावना है। इससे मानसून तक तेज गर्मी रहने के संकेत मिलते हैं।
मध्य भारत में बारिश
मध्य भारत के मुंबई, पुणे, नागपुर, नासिक, इंदौर, जबलपुर, रायपुर और आस-पास के इलाकों में भारी बारिश की उम्मीद है। अहमदाबाद, वड़ोदरा, राजकोट और सूरत जैसे शहरों में सामान्य बारिश हो सकती है। जबकि दक्षिण भारत में इस बार कम बारिश के आसार हैं।
मध्य भारत के मुंबई, पुणे, नागपुर, नासिक, इंदौर, जबलपुर, रायपुर और आस-पास के इलाकों में भारी बारिश की उम्मीद है। अहमदाबाद, वड़ोदरा, राजकोट और सूरत जैसे शहरों में सामान्य बारिश हो सकती है। जबकि दक्षिण भारत में इस बार कम बारिश के आसार हैं।
जून में ज्यादा, अगस्त में कम
इस वर्ष प्रदेश में मानसून समय पर दस्तक देगा। जून और सितंबर में विंध्य सहित प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में अच्छी बारिश का पूर्वानुमान है। जुलाई और अगस्त में बारिश कुछ कम रह सकती है, लेकिन वह भी सामान्य के आसपास ही होगी। विंध्य में मानसून का आगाज झमाझम बारिश के साथ होगा।
इस वर्ष प्रदेश में मानसून समय पर दस्तक देगा। जून और सितंबर में विंध्य सहित प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में अच्छी बारिश का पूर्वानुमान है। जुलाई और अगस्त में बारिश कुछ कम रह सकती है, लेकिन वह भी सामान्य के आसपास ही होगी। विंध्य में मानसून का आगाज झमाझम बारिश के साथ होगा।
नकारात्मक असर की आशंका नहीं
समुद्र में अलनीनो इफेक्ट के कारण इस वर्ष भी मानसून कमजोर रहने की आशंका व्यक्त की जा रही थी। लेकिन, स्काइमेट के अनुसार अलनीनो का कमजोर होना और प्रशांत महासागर का गर्म होना सामान्य से अधिक बारिश की संभावना को खारिज करता है। नीनो इंडेक्स और तटस्थ इंडियन ओशन डायपोल (आइओडी) ने भी मानसून में किसी प्रकार के नकारात्मक असर की आशंका से इंकार किया है।
समुद्र में अलनीनो इफेक्ट के कारण इस वर्ष भी मानसून कमजोर रहने की आशंका व्यक्त की जा रही थी। लेकिन, स्काइमेट के अनुसार अलनीनो का कमजोर होना और प्रशांत महासागर का गर्म होना सामान्य से अधिक बारिश की संभावना को खारिज करता है। नीनो इंडेक्स और तटस्थ इंडियन ओशन डायपोल (आइओडी) ने भी मानसून में किसी प्रकार के नकारात्मक असर की आशंका से इंकार किया है।
आज जारी होगा आइएमडी का प्रथम पूर्वानुमान
भारतीय मौसम विभाग (आइएमडी) मानसून 2018 को लेकर अपना पहला पूर्वानुमान 16 अप्रैल सोमवार को जारी कर सकता है। आइएमडी के वैज्ञानिकों ने भी इस वर्ष देश में मानसून सामान्य रहने और जून में सर्वाधिक बारिश का अनुमान लगाया है।
भारतीय मौसम विभाग (आइएमडी) मानसून 2018 को लेकर अपना पहला पूर्वानुमान 16 अप्रैल सोमवार को जारी कर सकता है। आइएमडी के वैज्ञानिकों ने भी इस वर्ष देश में मानसून सामान्य रहने और जून में सर्वाधिक बारिश का अनुमान लगाया है।
यह है बारिश का गणित
– 05 फीसदी संभावना अत्यधिक यानी 110 प्रतिशत से अधिक बारिश की
– 20 फीसदी संभावना सामान्य से अधिक यानी 105 से 110 तक बारिश की
– 55 फीसदी संभावना सामान्य यानी 96 से 104 प्रतिशत अधिक बारिश की
– 20 फीसदी संभावना सामान्य से कम यानी 90से 95 प्रतिशत बारिश की
– 00 सूखा यानी 90 प्रतिशत से कम बारिश की संभावना बिल्कुल नहीं।
– 05 फीसदी संभावना अत्यधिक यानी 110 प्रतिशत से अधिक बारिश की
– 20 फीसदी संभावना सामान्य से अधिक यानी 105 से 110 तक बारिश की
– 55 फीसदी संभावना सामान्य यानी 96 से 104 प्रतिशत अधिक बारिश की
– 20 फीसदी संभावना सामान्य से कम यानी 90से 95 प्रतिशत बारिश की
– 00 सूखा यानी 90 प्रतिशत से कम बारिश की संभावना बिल्कुल नहीं।