15 साल से पशुओं के लिए रख रहीं ड्रम
पुष्पराज कॉलोनी निवासी अमिता तिवारी ने बताया कि १५ साल से वे लगातार गर्मियों में पशुओं के लिए पानी का इंतजाम करती हैं। उन्होंने बताया कि पशुओं के लिए पानी रखने की आदत उनके घर में छोटे से लेकर बड़ों तक में है। गेट के पास एक छोटा ड्रम रखा रहता है। सुबह शाम इस ड्रम में पानी डाला जाता है जिससे कोई भी पशु गर्मियों में प्यासा न रह पाए।
पुष्पराज कॉलोनी निवासी अमिता तिवारी ने बताया कि १५ साल से वे लगातार गर्मियों में पशुओं के लिए पानी का इंतजाम करती हैं। उन्होंने बताया कि पशुओं के लिए पानी रखने की आदत उनके घर में छोटे से लेकर बड़ों तक में है। गेट के पास एक छोटा ड्रम रखा रहता है। सुबह शाम इस ड्रम में पानी डाला जाता है जिससे कोई भी पशु गर्मियों में प्यासा न रह पाए।
5०० मिट्टी के सकोरे बांटने की प्लानिंग बेजुबान पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए देवालय समिति ने ठोस कदम उठाया है। अप्रेल के फस्र्ट वीक से ही उनकी टीम शहर के अलग एरिया, कार्यालय, सार्वजनिक स्थल पर लगे पेड़ों पर मिट्टी के सकोरे टांग रहे हैं। वे इन सकोरों में दाना और पानी की व्यवस्था भी करते हैं। इनके अलावा नेहरू युवा केंद्र, भारत विकास परिषद, डिग्री कॉलेज, अंकुरण तरु भी पक्षियों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं।
जगह जगह लगने लगे प्याऊ
गर्मियों को देखते हुए समाज के लोगों ने अपने घर के बाहर, दुकानों के बाहर राहगीरों के लिए प्याऊ खुलवा रहे हैं। इस नेक कार्य में सामाजिक संगठन भी पीछे नहीं है। लायंस क्लब, वैश्य महासम्मेलन संस्था, पंजाबी महिला मंडल द्वारा कई जगहों पर प्याऊ लगवाए गए हैं। यही नहीं शहर के प्रमुख स्थल सिंधी कैंप, जय स्तंभ चौक, कृष्णा नगर, कामता टोला, पन्नी लाल चौक में भी प्याऊ खुलवाए गए हैं। ये ग्रुप वर्षों से इस तरह के अभियान चला रहे हैं।
गर्मियों को देखते हुए समाज के लोगों ने अपने घर के बाहर, दुकानों के बाहर राहगीरों के लिए प्याऊ खुलवा रहे हैं। इस नेक कार्य में सामाजिक संगठन भी पीछे नहीं है। लायंस क्लब, वैश्य महासम्मेलन संस्था, पंजाबी महिला मंडल द्वारा कई जगहों पर प्याऊ लगवाए गए हैं। यही नहीं शहर के प्रमुख स्थल सिंधी कैंप, जय स्तंभ चौक, कृष्णा नगर, कामता टोला, पन्नी लाल चौक में भी प्याऊ खुलवाए गए हैं। ये ग्रुप वर्षों से इस तरह के अभियान चला रहे हैं।
दे रहे समझाइश भारतविकास परिषद् की मातृशक्ति टीम लोगों के बीच में जाकर उन्हें पक्षियों, पशुओं और राहगीरों के लिए सकोरे, ड्रम और प्याऊ खुलवाने के लिए जागरूक कर रही हैं। यही नहीं ये मातृशक्ति पहले अपने घरों से इसकी शुरुआत करती हैं ।