नगर निगम के नक्शा स्थल एवं शुल्क वेरीफिकेशन प्रभारी उपयंत्री मनीष वर्मा ने भवन अनुज्ञा अधिकारी को पत्र लिखकर फर्जी तरीके से स्वीकृत की गई लक्ष्मी देवी पत्नी हरिनारायण की फाइल को तत्काल निरस्त करने की मांग की है। उपयंत्री वर्मा का आरोप है कि फाइल क्रमांक एसटीएमसी/३०१ का न तो मेरे द्वारा स्थल निरीक्षण किया गया और न ही शुल्क आरोपित की गई। मेरे स्थान पर उपयंत्री राजेश गुप्ता को दिए गए प्रभार के बीच १२ जून को उक्त फाइल पर शुल्क तय कर फाइल पास की गई।
कई साल से लंबित थी फाइल
निगम सूत्रों ने बताया कि लक्ष्मीदेवी की उक्त फाइल अवैध निर्माण के कारण स्थल निरीक्षण पुष्टि के लिए कई वर्ष से लंबित थी। स्थल निरीक्षक प्रभारी का प्रभार बदलने की प्रक्रिया के दौरान पास कर दिया गया।
सवालों के घेरे में उपयंत्री
ऑनलाइन नक्शा वेरीफिकेशन की आइडी और पासवार्ड सिर्फ उपयंत्री मनीष वर्मा के पास था। फिर किसी और ने उनका पासवर्ड कैसे प्राप्त किया? यह जांच का विषय है। उपयंत्री की कार्यशैली पर सवाल इसलिए भी उठता है कि नक्शा स्वीकृति की आइडी और पासवर्ड लीक होने तथा किसी और द्वारा फर्जीवाड़ा कर फाइल स्वीकृत करने की जानकारी उन्होंने निगम आयुक्त को देना उचित नहीं समझा। संस्था प्रमुख को इस गंभीर प्रकरण में अंधेरे में रखते हुए सीधे अनुज्ञा अधिकारी को फाइल निरस्त करने के लिए पत्र लिख दिया।
उपयंत्री पर पत्र वायरल करने का आरोप
निगम सूत्रों ने बताया कि अनुज्ञा अधिकारी को उपयंत्री द्वारा दिए गए पत्र को वर्तमान नक्शा स्थल प्रभारी उपयंत्री राजेश गुप्ता ने सोशल मीडिया में वायरल कर दिया। जब कार्यालय के वाट्सऐप ग्रुप में वायरल किया गया पत्र दूसरे ग्रुपों में दिखा तो उपयंत्री बैकफुट पर आ गए।