जानकारी के अनुसार पुलिस अधीक्षक इकबाल गत तीन माह से शहर की यातायात व्यवस्था सुधार को लेकर यातायात निरीक्षक पुरुषोत्तम पाण्डेय को निर्देश दे रहे थे। इनमें चौराहों पर यातायात व्यवस्था सुचारू रखने चौराहे पर व्यवस्था दुरुस्त करने सहित आसपास ऑटो और बसों की पार्र्किंग पर रोक लगाना प्रमुख था। मुख्य मार्गों और उसकी पटरी पर वाहनों को खड़ा न होने देने के भी निर्देश कई बार दिए गए। पूर्व के निरीक्षणों में चौराहों पर किनारे खड़े जवानों के संबंध में यातायात निरीक्षक को कहा गया कि जवानों को ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू रखने सक्रियता बरतने कहा गया। उन्हें स्टाप बोर्ड सहित अन्य का इस्तेमाल करने के निर्देश दिए गए। लेकिन यातायात निरीक्षक यह व्यवस्थाएं बनवाने में नाकाम रहे और उनकी कोई रुचि नहीं पाई गई। कई बार मौके पर लापरवाही मिलने पर उन्हें फोन से भी निर्देश दिए गए लेकिन यातायात निरीक्षक की कोई रुचि इस दिशा में नहीं पाई गई।
रविवार को यातायात सुधार की दिशा में दिये गए निर्देशों के पालन की स्थिति जानने औचक निरीक्षण पर निकले पुलिस अधीक्षक ने पाया कि चौराहों पर तैनात जवान एक्टिव नहीं हैं। चौराहों के अगल बगल आटो खड़े मिले जो यातायात में बाधक बन रहे थे। हाइवे पर जहां तहां रोड पर वाहन खड़े थे। जिससे सुचारू आवागमन बाधित हो रहा था। फ्लाईओवर के नीचे वाहन पार्क मिले। नो-इंट्री के वक्त शहर के अंदर भारी वाहन खड़े मिले। सबसे बुरी स्थिति तो बिरला सीमेंट फैक्ट्री के पास मिली। यहां काफी संख्या में भारी वाहन नो-इंट्री के वक्त नो-इंट्री प्वाइंट से काफी अंदर खड़े मिले। हालात यह रहे कि यहां आम स्थिति में वाहनों का निकलना मुश्किल हो रहा था। यूसीएल तिराहे के पास तक वाहन खड़े मिले। यह स्थिति देख एसपी तीन माह से सब्र कर रहे एसपी की सहन सीमा टूट गई और आनन फानन में उन्होंने यातायात निरीक्षक को लाइन अटैच करने के निर्देश जारी कर दिए। इसके साथ ही यातायात व्यवस्था में सुधार के लिये सक्षम और सख्त पुलिस अधिकारी की तलाश भी शुरू कर दी गई है।
यातायात व्यवस्था पर अब जीरो टालरेंस की नीति पर काम कर रहे पुलिस अधीक्षक ने 20 और मैदानी अमले को चिह्नित किया है जो यातायात व्यवस्था को पटरी में लाने में रुचि नहीं ले रहे हैं। इनमें से ज्यादातर काफी समय से यातायात व्यवस्था में तैनात जवान है। सूत्रों के अनुसार 2018 तक के जवानों को हटा कर अब नये और सख्त कार्यशैली वाले जवानों को यातायात सुधार में तैनात किया जाएगा। जो चौराहों और प्वाइंट पर किनारे खड़े होकर तमाशा नहीं देखेंगे बल्कि यातायात सुधार के लिए ड्यूटी पर तय निर्देशों के अनुरूप काम करेगे।
यातायात निरीक्षक पुरुषोत्तम पाण्डेय विधायक से विवाद के बाद चर्चा में आए थे। चिह्नित लोगों पर कार्रवाई और लेनदेन का आरोप भी इन पर लगा। इसके साथ ही बहुचर्चित अभिषेक सिंह हत्याकांड में इनकी लापरवाही काफी चर्चित रही।
रियाज इकबाल, पुलिस अधीक्षक