21 को अहोई अष्टमी
अहोई अष्टमी का व्रत 21 अक्टूबर को है। इस दिन माताएं संतान की रक्षा और सुख समृद्धि के लिए व्रत करती हैं। शाम में तारा नजर आने के बाद पूजा अर्चना की जाती है।
अहोई अष्टमी का व्रत 21 अक्टूबर को है। इस दिन माताएं संतान की रक्षा और सुख समृद्धि के लिए व्रत करती हैं। शाम में तारा नजर आने के बाद पूजा अर्चना की जाती है।
24 को रंभा एकादशी 24 अक्टूबर को रंभा एकादशी है। गुरुवार होने के कारण इसकी महत्ता और बढ़ गई है। इस दिन भगवान के केशव स्वरूप की पूजा की जाती है और तुलसी मां की आराधना कर उनकी विशेष पूजा की जाती है।
25 को धनतेरस धनतेरस 25 अक्टूबर को है। इस दिन भगवान धनवंतरी की पूजा और सामान आदि खरीदने का विशेष महत्व है। कई लोग इस दिन भगवान लक्ष्मी गणेश की पूजा अर्चना भी करते हैं। इसी दिन से तीन दिनों की दीपावली शुरू हो जाती है। अगले दिन छोटी दीपावली और तीसरे दिन बड़ी दीपावली मनाई जाती है।
26 को हनुमान जयंती हनुमान जयंती 26 को मनाई जाएगी। इस शहर में दीपों से जगमगाने लगता है। भक्त हनुमान भगवाना को चोला और लड्डू का भोग लगाकर गरीबों में प्रसाद वितरण करते हैं।
27 को दीपावली दीपों का पर्व दीपावली 27 को मनाया जाएगा। इस दिन देवी लक्ष्मी गणेश की पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की जाती है। घरों को दीपों से जगमगाया जाता है। इस दिन रात में देवी काली की पूजा अर्चना की जाएगी ।
28 को अन्नकूट इस दिन देवी अन्नपूर्णा की पूजा की जाती है। इसके अलावा गोवर्धन पहाड़ और गोवंश की पूजा का विशेष महत्व है। अन्नपूर्णा मंदिर व गोवर्धन पहाड़ के नीचे विशेष पूजा अर्चना की जाती है। कई लोग घरों में भी इस पूजा का आयोजन करते हैं।
29 को भैया दूज इस दिन भगवान चित्रगुप्त की पूजा अर्चना की जाएगी। इसके अलावा बहन अपने भाई को सुख समृद्धि की कामना करेंगी। टीका लगाकर भाईयों की लंबी आयु की कामना करेंगी।