डाउट साल्व करने का अनोखा तरीका
एप डिजाइनर शुभम अग्रवाल और शेरील बंसल ने बताया कि यह एप बैंक और एसएससी को आधार मान कर तैयार किया गया है। जितना स्टडी मटेरियल इस एप में डाला गया है उतना अभी तक भारत के किसी एप में नहीं है। इस एप के माध्यम से विद्यार्थी घर बैठे अपने डाउट भी साल्व कर सकते हैं। इसके लिए विद्यार्थी को अपने डाउट की फोटो खींचनी है और उसका हल भी फोटो के रूप में मिल जाएगा। बताया कि डाउट एप की टीम द्वारा हल तो की ही जाएगी साथ ही इसे एप डाउन लोड करने वाले सभी सदस्यों से जोड़ा गया है जिससे यह डाउट सभी के पास जाएगा। और कोई भी एप सदस्य इसका हल दे सकता है। इसका फायदा यह होगा कि एक डाउट का कई तरीके से जवाब मिल सकेगा, जो अभी तक भारत के किसी एप में नहीं है। साथ ही इसे डिजिटल क्वाइन से जोड़ा गया है। डाउट हल करने पर एप की ओर से डिजिटल क्वााइन मिलेंगे जिससे लोग एप की अन्य सुविधाओं का फायदा उठा सकेंगे। ऐसे में लोग ज्यादा से ज्यादा एप के माध्यम से जवाब देना शुरू करेंगे। एप में विगत सालों के प्रश्न पत्र उनके जवाब सहित करेंट अफेयर्स की भी जानकारी दी गई है।
एप डिजाइनर शुभम अग्रवाल और शेरील बंसल ने बताया कि यह एप बैंक और एसएससी को आधार मान कर तैयार किया गया है। जितना स्टडी मटेरियल इस एप में डाला गया है उतना अभी तक भारत के किसी एप में नहीं है। इस एप के माध्यम से विद्यार्थी घर बैठे अपने डाउट भी साल्व कर सकते हैं। इसके लिए विद्यार्थी को अपने डाउट की फोटो खींचनी है और उसका हल भी फोटो के रूप में मिल जाएगा। बताया कि डाउट एप की टीम द्वारा हल तो की ही जाएगी साथ ही इसे एप डाउन लोड करने वाले सभी सदस्यों से जोड़ा गया है जिससे यह डाउट सभी के पास जाएगा। और कोई भी एप सदस्य इसका हल दे सकता है। इसका फायदा यह होगा कि एक डाउट का कई तरीके से जवाब मिल सकेगा, जो अभी तक भारत के किसी एप में नहीं है। साथ ही इसे डिजिटल क्वाइन से जोड़ा गया है। डाउट हल करने पर एप की ओर से डिजिटल क्वााइन मिलेंगे जिससे लोग एप की अन्य सुविधाओं का फायदा उठा सकेंगे। ऐसे में लोग ज्यादा से ज्यादा एप के माध्यम से जवाब देना शुरू करेंगे। एप में विगत सालों के प्रश्न पत्र उनके जवाब सहित करेंट अफेयर्स की भी जानकारी दी गई है।
जॉब छोड़ बढ़ाया स्टार्टअप की ओर कदम
एप डिजाइनर शुभम अग्रवाल आईआईटी रुडक़ी में पढ़ाई के बाद मुंबई में जॉब कर रहे थे और उनकी पत्नी शेरील बंसल बेंगलुरु में सैमसंग में इंजीनियर थी। लेकिन कुछ नया करने और सतना को पहचान देने के लिये दोनों ने अपनी नौकरी छोड़ी और सतना का रुख किया। इसके बाद सतना को पहचान देने आनलॉइन कोचिंग एप पर काम शुरू किया। महीनों की कड़ी मेहनत के बाद अब इनका एप बी-बोर्ड तैयार हो चुका है और शनिवार को इसे लांच किया गया।
एप डिजाइनर शुभम अग्रवाल आईआईटी रुडक़ी में पढ़ाई के बाद मुंबई में जॉब कर रहे थे और उनकी पत्नी शेरील बंसल बेंगलुरु में सैमसंग में इंजीनियर थी। लेकिन कुछ नया करने और सतना को पहचान देने के लिये दोनों ने अपनी नौकरी छोड़ी और सतना का रुख किया। इसके बाद सतना को पहचान देने आनलॉइन कोचिंग एप पर काम शुरू किया। महीनों की कड़ी मेहनत के बाद अब इनका एप बी-बोर्ड तैयार हो चुका है और शनिवार को इसे लांच किया गया।