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नारायण की एंट्री से विंध्य की सियासत में फिर बढ़ी हलचल, कांग्रेस के बागी धड़े में दौड़ा खुशी का अंडर करंट

locationसतनाPublished: Oct 16, 2019 07:28:14 pm

Submitted by:

suresh mishra

विंध्य की सियासत में फिर हलचल, कांग्रेस के बागी धड़े में दौड़ा खुशी का अंडर करंट

Stir again in Vindhya politics: Maihar MLA Narayan Tripathi Joins Bjp

Stir again in Vindhya politics: Maihar MLA Narayan Tripathi Joins Bjp

सतना/ मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी की भाजपा में घर वापसी के साथ ही विंध्य की सियासत में एक बार फिर हलचल मच गई है। कांग्रेस के बागी धड़े में खुशी का अंडर करंट दौड़ गया तो मैहर भाजपा के कई नेताओं की उम्मीदों पर पानी फिर गया। विधानसभा चुनाव 2018 में भाजपा की टिकट पर मैहर से विधायक बनने वाले नारायण त्रिपाठी ने जैसे ही कांग्रेस से गलबहियां बढ़ानी शुरू की थीं, सतना सहित विंध्य में हलचल मचनी शुरू हो गई थी।
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लोकसभा चुनाव 2014 में एन वक्त पर जिस तरीके से नारायण त्रिपाठी कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा के पाले में आए थे उसका अच्छा खासा असर कांग्रेस प्रत्याशी अजय सिंह पर पड़ा था और उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था। साथ ही अजय सिंह खेमे से नारायण त्रिपाठी की कटुता में उबाल आता गया, तो एक स्थिति यहां तक आई थी कि नारायण त्रिपाठी को लेकर अजय सिंह ने विधानसभा न जाने तक की बात कह डाली थी। इधर, नारायण त्रिपाठी भी अजय सिंह को राजनीतिक हुड़की देते देखे जाते थे।
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ये है मामला
एक तरीके से विंध्य में कांग्रेस के छत्रप माने जाने वाले अजय सिंह और नारायण त्रिपाठी के बीच का विरोध राजनीतिक सीमाओं से ऊपर तक पहुंच चुका था। ऐसे में प्रदेश सरकार कांग्रेस की बनने के साथ ही जैसे ही नारायण की पींगे कांग्रेस से बढऩे लगीं तो अजय सिंह समर्थकों के दिलों में सांप लोटने लगा था। उधर, विधानसभा की कार्रवाई में जिस अंदाज में नारायण ने कांग्रेस का हाथ थामा और नारायण के कांग्रेस में आने की स्थितियां बनने लगी तो मैहर में एक धड़ा बगावत पर उतर आया। नारायण से हार पाने वाले श्रीकांत चतुर्वेदी ने प्रेस वार्ता बुलाकर नारायण का विरोध कर डाला तो अजय सिंह समर्थकों ने भी खुल कर नारायण की कांग्रेस वापसी का विरोध करना शुरू किया। हालांकि कांग्रेस नेताओं के इस विरोध पर उच्च स्तर से कोई प्रतिक्रिया देखने को नहीं मिली।
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हाई-वोल्टेज ड्रामा अभी उफान पर
अब जब मंगलवार को जिस तरीके से एक बार फिर नारायण ने भाजपा के साथ खड़े होकर कांग्रेस को लानत भेजी उससे सतना सहित विन्ध्य के एक बड़े काग्रेसी धड़े में खुशी का अंडर करेंट देखा गया। हालांकि नारायण का कांग्रेस के खेमे में खड़ा होना फिर भाजपा में वापस आने का हाई-वोल्टेज ड्रामा अभी उफान पर है लेकिन राजनीतिक खेमे में कहा जा रहा कि यह नारायण का एक नया प्रहसन है, जिसमें अभी कई नए संवाद आने बाकी हैं।
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दल-बदलू नेता के तौर पर बनी पहचान
प्रदेश की राजनीति में मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी की पहचान दल-बदलू नेता के तौर पर होने लगी है। विधायक त्रिपाठी 2014 में भाजपा में शामिल होने से पहले कांग्रेस के विधायक थे। लोकसभा चुनाव 2014 के दौरान वे भाजपा में शामिल हुए। इसका परिणाम यह रहा कि कांग्रेस को सतना लोस सीट पर हार का सामना करना पड़ा था। इससे पहले नारायण समाजवादी पार्टी में थे। पहली बार विधायक भी वे समाजवादी पार्टी से ही बने थे।

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