ये भी पढ़ें: बड़ी खबर: भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी की हुई घर वापसी, कमलनाथ के साथ की कांग्रेस के पक्ष में वोटिंग वहीं पूरे मामले को लेकर कांग्रेस इशारों ही इशारों में शक्ति प्रदर्शन की बात कर रही है। शाम के वक्त
मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ विधायक त्रिपाठी ने प्रेस कॉफ्रेंस की, इस दौरान उन्होंने खुद को भाजपा में उपेक्षित होने की बात की। साथ ही हर स्थिति को लेकर तैयार होने का दावा भी किया। इस दौरान मैहर के विकास के लिए इस्तीफा देकर चुनाव लडऩे की बात तक कह डाली।
ये भी पढ़ें: Breaking: पेट्रोल पंप मालिकों से अवैध वसूली करने वाला मुख्य आरोपी पुलिस अभिरक्षा से फरार, 3 पुलिसकर्मी निलंबित उल्लेखनीय है, कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस की सरकार गिरने के बाद भाजपा एमपी में भी सरकार गिराने का दावा कर रही है। लेकिन भाजपा के दो विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर भोपाल से लेकर दिल्ली तक सनसनी फैला दी। ऐसे में भाजपा के दावों की हवा निकल गई है कि हम 24 घंटे के अंदर कमलनाथ की सरकार गिरा देंगे। भाजपा के शहडोल जिले के ब्यौहारी विधायक शरद कोल और मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने क्रॉस वोटिंग करने के बाद सीएम कमलनाथ के साथ मंच साझा किया है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे है कि मैहर से 3 बार के विधायक नारायण त्रिपाठी की घर वापसी हुई है।
ये भी पढ़ें: मध्यप्रदेश के पन्ना में चंद्रशेखर आजाद ने ली थी क्रांतिकारियों की बैठक, महाभारत के पांचों पांडवों को मानते थे आदर्श दरअसल, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा था कि ऊपर से आदेश मिला तो हम सरकार गिरा देंगे। उस पर कमलनाथ ने चुनौती देते हुए कहा था कि आप बार-बार कहते हैं कि सरकार अल्पमत में है। तो आप फ्लोर टेस्ट से क्यों भागते हैं। आज ही सदन में आप फ्लोर टेस्ट करा लीजिए। उसके बाद सदन में दंड विधि संसोधन विधेयक पर वोटिंग हुई। वोटिंग में 122 वोट कमलनाथ सरकार के पक्ष में पड़े। कहा जा रहा है कि
बीजेपी के दो विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है।
ये भी पढ़ें: ‘सुपर 30’ के आनंद सर को मात दे रहे सतना के आलोक, 1550 बच्चों को पढ़ा रहे नि:शुल्क दो विधानसभा कार्यकाल पूरा कियाबता दें कि मैहर कांग्रेस की परम्परागत सीट रही है। 2003 में सपा से नारायण त्रिपाठी विधायक चुने गए। फिर 2013 में कांग्रेस से नारायण त्रिपाठी विधायक चुने गए। बाद में बगावत कर भाजपा में शामिल हुए और उपचुनाव 2016 जीत पुन: विधायक बने। 2018 के चुनाव में भाजपा से चुनाव लडा और विधायक बने। ओवर अगर बात की जाए तो नारायण त्रिपाठी ने 2003, 2013 के विधानसभा का कार्यकाल पूरा किया है। जबकि 2018 विधानसभा चुनाव के बाद अभी 8 माह ही हो पाएं है।
ये भी पढ़ें: चंद्रयान- 2 से जुड़ा मध्यप्रदेश का यह युवक, निभा रहा अहम भूमिका मध्यप्रदेश विधानसभा अपडेट– विधानसभा अनिश्चितत काल के लिए स्थगित।
– वोटिंग की कार्रवाई में कांग्रेस के पक्ष में 122 विधायकों ने किया मतदान
– विपक्ष में 0 मतदान
– संसदीय कार्य मंत्री गोविंद सिंह ने बताया दंड प्रक्रिया विधि संहिता संशोधन विधेयक पर भाजपा के दो विधायकों ने भी हमारे पक्ष में मतदान किया है।
– गोपाल भार्गव बोले मुझे मालूम है कई विधायकों ने दो-दो बार हस्ताक्षर किए हैं।
– इसकी गवर्नर की मौजूदगी में हस्ताक्षरों का वेरिफिकेशन जांच होना चाहिए।
– इस पर मुख्यमंत्री कमलनाथ बोले कि देर की क्या बात है।
– अभी वेरिफिकेशन करा लिया जाए इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए संसदीय कार्य मंत्री गोविंद सिंह के प्रस्ताव पर कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा।
– जन गण मण के साथ विधानसभा का यह सत्र समाप्त