ये है मामला
जिला अस्पताल के ऐसे हालात एकाएक नहीं बने हैं। बीते चार-पांच साल से यही स्थिति है। जिला अस्पताल में गायनी विभाग की अलग इकाई है। इसमें 15 टेबल क्षमता का लेबर रूम और 85 बेड की क्षमता का मेटरनिटी वार्ड है। लेकिन, रोजाना भर्ती होने वाली गर्भवती संख्या क्षमता से अधिक है। इसके चलते पलंग भी कम पड़ जाते हैं। प्रबंधन का कहना है कि संचालनालय को बेड क्षमता बढ़ाए जाने का प्रस्ताव भेजा गया है। कुछ प्रस्ताव स्वीकृत हो चुके हैं।
जिला अस्पताल के ऐसे हालात एकाएक नहीं बने हैं। बीते चार-पांच साल से यही स्थिति है। जिला अस्पताल में गायनी विभाग की अलग इकाई है। इसमें 15 टेबल क्षमता का लेबर रूम और 85 बेड की क्षमता का मेटरनिटी वार्ड है। लेकिन, रोजाना भर्ती होने वाली गर्भवती संख्या क्षमता से अधिक है। इसके चलते पलंग भी कम पड़ जाते हैं। प्रबंधन का कहना है कि संचालनालय को बेड क्षमता बढ़ाए जाने का प्रस्ताव भेजा गया है। कुछ प्रस्ताव स्वीकृत हो चुके हैं।
स्वास्थ्य पर पड़ रहा प्रतिकूल असर
गायनी विभाग के चिकित्सक भी स्वीकारते हैं कि प्रसूताओं की संख्या ज्यादा होने से होने वाली अव्यवस्था जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डाल रही है। गायनी इकाई में औसत एक्यूपेंसी 50 से 60 है। रोज 25 से 30 डिलीवरी होती है। इनमें 5 से 8 डिलीवरी सर्जरी से होती है। लेबर रूम में टेबल क्षमता महज 15 है। ऐसे में रोजाना आधा दर्जन से अधिक गर्भवती जमीन पर पड़ी रहती हैं।
गायनी विभाग के चिकित्सक भी स्वीकारते हैं कि प्रसूताओं की संख्या ज्यादा होने से होने वाली अव्यवस्था जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डाल रही है। गायनी इकाई में औसत एक्यूपेंसी 50 से 60 है। रोज 25 से 30 डिलीवरी होती है। इनमें 5 से 8 डिलीवरी सर्जरी से होती है। लेबर रूम में टेबल क्षमता महज 15 है। ऐसे में रोजाना आधा दर्जन से अधिक गर्भवती जमीन पर पड़ी रहती हैं।
दृश्य-1 स्थान- लेबर रूम के सामने
समय- शाम 6 बजे
स्थिति: गर्भवती पिंकी पति श्रवण निवासी बनई बांदा उप्र को रक्तत्राव हो रहा था। गंभीर होने के बाद भी लेबर रूम के सामने जमीन पर पड़ी कराह रही थी।
समय- शाम 6 बजे
स्थिति: गर्भवती पिंकी पति श्रवण निवासी बनई बांदा उप्र को रक्तत्राव हो रहा था। गंभीर होने के बाद भी लेबर रूम के सामने जमीन पर पड़ी कराह रही थी।
दृश्य-2 स्थान- लेबर रूम के सामने
समय- शाम 6:10 बजे
स्थिति- लेबर रूम के सामने पीड़ा से कराहती लक्ष्मी पति आनंद निवासी गढवा खुर्द। इस दौरान चिकित्सक भी निकलते रहे पर किसी की नजर नहीं पड़ी।
समय- शाम 6:10 बजे
स्थिति- लेबर रूम के सामने पीड़ा से कराहती लक्ष्मी पति आनंद निवासी गढवा खुर्द। इस दौरान चिकित्सक भी निकलते रहे पर किसी की नजर नहीं पड़ी।