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MP के इस जिले में हर साल 50 से ज्यादा हो रहीं मौतें, कारण जानकर चौंक जाएंगे

locationसतनाPublished: Mar 24, 2018 11:39:26 am

Submitted by:

suresh mishra

सपनों का ‘दम’ घोट रहा युवा, तनाव बना जानलेवा, जिले में हर साल आधा सैकड़ा से ज्यादा मौत

story of suicide case in satna madhya pradesh

story of suicide case in satna madhya pradesh

सतना। तनाव जानलेवा साबित हो रहा है। हर साल आधा सैकड़ा से अधिक लोग तनाव में आकर जान दे रहे हैं। मौत का ग्राफ साल-दर-साल बढ़ता जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग से जारी एक रिपोर्ट पर गौर करें तो हर चौथे दिन एक व्यक्ति सुसाइड कर जान दे रहा है। मरने वालों में सबसे ज्यादा युवा वर्ग के लोग हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि किशोर भी तनावग्रस्त होकर मौत को गले लगा रहे हैं। बीते दो वर्ष में आधा दर्जन से अधिक बच्चे तनावग्रस्त होकर आत्महत्या कर लिए।
युवा सबसे ज्यादा शिकार
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट को मानें तो दो वर्ष में एक सैकड़ा से अधिक युवाओं ने तनाव में आकर आत्महत्या की। मौत का यह आंकड़ा हर साल तेजी से बढ़ रहा है। वर्ष 2014-15 में जिले में कुल 33 मामले दर्ज किए गए। इनमें युवाओं की संख्या 28 रही। वर्ष 2015-16 में 77 मामले सामने आए। इनमें सर्वाधिक 67 युवाओं ने स्टे्रश में आकर मौत को गले लगा लिया।
ऐसे करें दूर
विशेषज्ञ चिकित्सकों की मानें तो डांस, कला, ध्यान , फि शिंग, मित्रों के साथ घूमना, किताब पढऩा, संगीत सुनना, कसरत आदि से तनाव को दूर किया जा सकता है। सुबह उठकर गहरी सांस लें और छोड़ें। यह प्रक्रिया कई बार दोहराएं। इससे तनाव दूर करने में आपको राहत मिलेगी। पर्याप्त पोषक आहार, आराम, कसरत, सकारात्मक विचारों वाली जीवनशैली, छोटे लक्ष्य बनाएं। इन उपायों को अपनाकर तनाव से छुटकारा पाया जा सकता है।
30 लाख आबादी मनोचिकित्सक नहीं
जिले की आबादी लगभग 30 लाख है। लेकिन, जिले के किसी भी सरकारी अस्पताल में मनोचिकित्सक नहीं है। जिला अस्पताल में मनोरोग चिकित्सक का पद वर्षों से खाली है। एक कॉउंसलर नियुक्त किया गया है। ओपीडी में कहां परामर्श दिया जाता है, किसी को पता नहीं।
क्षीण हो जाती शक्ति
विशेषज्ञ चिकित्सकों की मानें तो जिले में 80 फीसदी लोग तनाव के कारण आत्महत्या कर रहे हैं। तनाव से आर्थिक दिक्कत, पारिवारिक सहित अन्य होती है। इस दौरान लोगों की सोचने-समझने की शक्ति क्षीण हो जाती है।
तनाव के कारण
परीक्षाएं, तर्क-वितर्क, होमवर्क, ऑफि स का ज्यादा कामकाज, शादी या बच्चे के जन्म पर, नई जिम्मेदारी मिलने पर, पारिवारिक कारण, वाद-विवाद सहित अन्य वजह से भी तनाव उत्पन्न होता है।

तनाव के लक्षण
सिरदर्द और बीमार जैसा महसूस होना, ठीक से पाचन न हो पाना, नींद और एकाग्र न हो पाना, चिड़चिड़ापना और बेवजह गुस्सा आना, शारीरिक परेशानियां, थकान, आत्मविश्वास में कमी, अवसाद, बालों का झडऩा और त्वचा पर झुर्रियां।
केस-1
चार मार्च को बरौंधा के बृहस्पति कुंड में एक महिला ने करीब 500 फीट की ऊंचाई से छलांग लगाकर आत्महत्या कर लिया। उसकी उम्र करीब २५ साल थी। विगत कई दिनों से तनाव में थी। उसी सप्ताह मायके आई थी और घटना को अंजाम दे दिया।
केस-2
मैहर के कछियान टोला में बारहवीं की छात्रा ने फरवरी माह में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। बताया गया कि परीक्षा के तनाव के कारण उसने ऐसा किया। हालांकि, मैहर पुलिस अभी मामले की जांच कर रही है।
मौत के वर्षवार आंकड़े
– साल 06 से 15 से 55 से
– 14 वर्ष 55 वर्ष अधिक
– वर्ष 2014-15 04 28 05
– वर्ष 2015-16 03 67 07
– वर्ष 2016-17 02 48 11

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