बता दें कि कोरोना काल में जब लॉकडाउन लगा तो लोगों के कामकाज छूट गए। व्यापार एक तरह से बंद हो गया। लोगों की माली हालत बिगड़ गई। लेकिन हर कोई अपने बच्चों को तालीम दिलाना चाहता था लिहाजा बच्चे ऑनलाइन पठन-पाठन करते रहे। इसके एवज में निजी स्कूलों ने अभिभावकों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। अभिभावकों को धमकी तक दी गई कि फीस जमा न करने पर परीक्षाफल रोक दिया जाएगा। नाम काट दिया जाएगा। इन्हीं सब के खिलाफ पालक संघ ने न्यायालय की शरण ली।
अब कोर्ट ने निर्देश पर प्रदेश शासन ने सभी अशासकीय विद्यालयों को आदेशित किया है कि सत्र 2020-21 में लिए गए समस्त शुल्क की राशि को सार्वजनिक पोर्टल पर अपलोड किया जाय। अब कोर्ट के निर्देश के क्रम में सतना जिले के पालक संघ ने निजी स्कूलों से हिसाब देने की अपील की है।