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छात्रसंघ चुनाव: छिटपुट विवाद के बीच MP के कॉलेजों में दाखिल हुए नामांकन

locationसतनाPublished: Oct 28, 2017 08:53:37 pm

Submitted by:

suresh mishra

छात्रसंघ चुनाव को लेकर शहर के कॉलेजों में नामांकन प्रक्रिया शनिवार को गहमा-गहमी के बीच संपन्न हुई। सीआर के लिए डाले गए नामांकन, वोटिंग होगी सोमवार को

Student election latest news in satna madhya pradesh

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सतना। छात्रसंघ चुनाव को लेकर शहर के कॉलेजों में नामांकन प्रक्रिया शनिवार को गहमा-गहमी के बीच संपन्न हुई। जिले के 14 कॉलेजों में सीआर के लिए पांच सैकड़ा नामांकन दाखिल किए गए। अब वोटिंग प्रक्रिया सोमवार को संगीनों के साए में होगी। एबीवीपी व एनएसयूआई सहित अन्य निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पांच सौ से ज्यादा छात्रों ने नामांकन भरा है। नामांकन के दौरान कई बार छुटपुट विवाद की स्थितियां भी बनी।
जिसके चलते पुलिस को भी मोर्चा संभालना पड़ा। सतना डिग्री कॉलेज में एबीवीपी व एनएसयूआई दो बार आमने सामने हुए। सबसे पहला विवाद सुबह 11 बजे हुआ, जहां एनएसयूआई समर्थित छात्रों को समय के बाद प्रवेश को लेकर विवाद हुआ। उसके बाद सूची प्रकाशन के दौरान भी विवाद की स्थिति बनी। जिसके चलते कॉलेज प्रबंधन ने पुलिस बल को मौके पर बुला लिया। वहीं वाणिज्य महाविद्यालय में दावा-आपत्ति के दौरान एबीवीपी व एनएसयूआई के छात्र मारपीट के लिए उतारू हो गए।
रविवार को भी खुलेंगे कॉलेज
चुनाव की तैयारियों को लेकर कॉलेज रविवार को भी खुले रहेंगे। सभी कॉलेजों में साफ हिदायत दी गई कि 30 अक्टूबर को बिना परिचय पत्र और प्रवेश रसीद के किसी को प्रवेश नहीं दिया जाए। इसके अलावा अधिकारियों और कर्मचारियों को भी चुनाव के दौरान मोबाइल ले जाने पर प्रतिबंध रहेगा।
प्रचार के अंतिम दिन कॉलेज बंद
30 अक्टूबर को होने वाले चुनाव में छात्रों को प्रचार करने के लिए सिर्फ एक दिन का समय मिलेगा। छात्र केवल रविवार को ही प्रचार कर सकेंगे और इस दिन कॉलेज में छात्र-छात्राएं नहीं जाएंगे। रविवार को प्रचार का दिन निर्धारित किए जाने से छात्र संगठनों में नाराजगी है। छात्र संगठनों का कहना है कि रविवार को प्रचार करना या न करना बराबर ही है। ऐसा कर सरकार छात्रहित को दरकिनार कर रही है।
व्यक्तिगत रूप से मिल रहे छात्र
कॉलेजों में भले ही छात्र संगठन खुलकर प्रचार नहीं कर पा रहे हैं, लेकिन वे व्यक्तिगत रूप से मिलकर अपनी बात छात्रों तक पहुंचा रहे हैं। इसके अलावा उनके पास कोई दूसरा चारा भी नहीं है।
नाम नहीं कर रहे जाहिर
छात्र संगठनों के बीच जारी खींचतान की वजह से वे महत्वपूर्ण पदों पर खड़े होने वाले प्रत्याशियों के नाम भी जाहिर नहीं कर रहे हैं। छात्र संगठनों का कहना है कि एक पद के लिए तीन-चार नाम हैं अगर किसी का नामांकन निरस्त भी होता है तो उनके पास विकल्प रहेगा।
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