चुनाव की तैयारियों को लेकर कॉलेज रविवार को भी खुले रहेंगे। सभी कॉलेजों में साफ हिदायत दी गई कि 30 अक्टूबर को बिना परिचय पत्र और प्रवेश रसीद के किसी को प्रवेश नहीं दिया जाए। इसके अलावा अधिकारियों और कर्मचारियों को भी चुनाव के दौरान मोबाइल ले जाने पर प्रतिबंध रहेगा।
30 अक्टूबर को होने वाले चुनाव में छात्रों को प्रचार करने के लिए सिर्फ एक दिन का समय मिलेगा। छात्र केवल रविवार को ही प्रचार कर सकेंगे और इस दिन कॉलेज में छात्र-छात्राएं नहीं जाएंगे। रविवार को प्रचार का दिन निर्धारित किए जाने से छात्र संगठनों में नाराजगी है। छात्र संगठनों का कहना है कि रविवार को प्रचार करना या न करना बराबर ही है। ऐसा कर सरकार छात्रहित को दरकिनार कर रही है।
कॉलेजों में भले ही छात्र संगठन खुलकर प्रचार नहीं कर पा रहे हैं, लेकिन वे व्यक्तिगत रूप से मिलकर अपनी बात छात्रों तक पहुंचा रहे हैं। इसके अलावा उनके पास कोई दूसरा चारा भी नहीं है।
छात्र संगठनों के बीच जारी खींचतान की वजह से वे महत्वपूर्ण पदों पर खड़े होने वाले प्रत्याशियों के नाम भी जाहिर नहीं कर रहे हैं। छात्र संगठनों का कहना है कि एक पद के लिए तीन-चार नाम हैं अगर किसी का नामांकन निरस्त भी होता है तो उनके पास विकल्प रहेगा।